मैं यथार्थवादी और चुनौतीपूर्ण किरदार निभाना चाहता हूँ-अली मर्चेंट

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By Mayapuri Desk
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मैं यथार्थवादी और चुनौतीपूर्ण किरदार निभाना चाहता हूँ-अली मर्चेंट

मुंबई में जन्में और सत्रह वर्ष की उम्र में ‘मिस्टार बांबे टाइटल’ जीतने के बाद सीरियल ‘‘शुशशश कोई है’ से अभिनय के क्षेत्र में कदम रखने वाले अली मर्चेंट ने मनोरंजन के क्षेत्र मंे अपना एक खास मुकाम बना रखा है। ‘अंबर धारा’, ‘लूटेरी दुल्हन’,’फिअर फाइल्स’, ‘बिग बॉस 10’,’साडा हक’और ‘‘विक्रम बेताल की रहस्य गाथा’ सहित 35 सीरियलों में अभिनय कर चुके अली मर्चेंट बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं।  अब अली मर्चेंट एक चैट षो के साथ ‘‘ओटीटी’’प्लेअफार्म पर कदम रखने की तैयारी में हैं। अली मर्चेंट के चैट षो के पहले एपीसोड में अभिनेता आर माधवन होंगें, जिन्होंने सात अलग-अलग भाषाओं में फिल्में की हैं।

पिछले कुछ वर्षों से पर्दे से दूर रहे अभिनेता अली मर्चेंट अब अपने ओटीटी पर कदम रखने को लेकर काफी उत्साहित हैं। इस पर पर टिप्पणी करते हुए अली मर्चेंट कहते हैं-’’मैं डी जे और संगीत निर्माण के क्षेत्र में काफी अच्छा काम कर रहा हॅूं। डीजे ने ही मेेरे अंदर अभिनय की भूख को उकसाने का काम किया और मुझे अपने पहले प्यार यानी कि अभिनय का पता लगाने के लिए कुछ समय दिया। रोमांचक भूमिकाओं की कमी के चलते मैं कुछ समय तक टीवी से दूर रहा। अब जिस तरह से ओटीटी प्लेटफार्म और ओटीटी का कंटेंट देश में आकार ले रहा है, उसने मुझे आकर्षित किया। जब मुझे मौका मिला,तो मैंने इससे जुड़ना सहर्ष स्वीकार कर लिया। यह बिना किसी प्रतिबंध के रचनात्मक काम करने का एक बड़ा अवसर है। ऐसा ही अवसर टेलीविजन में भी  है।”

अली मर्चेंट ने 2006 में एक रियालिटी शो का हिस्सा बनकर सबसे पहले चर्चा में आए थे। वह कहते हैं-’’मैने विष्व के शीर्ष अंतरराष्ट्रीय डीजे, मसलन-डीजे स्नेक, एडवर्ड माया, विनी विकी आदि के साथ अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया है और भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय दौरों और साझा चरणों में काम किया है। गुरु रंधावा, बप्राक, दिलजीत दोसांझ आदि कलाकारों के साथ भी काम किया। मैं हमेशा टेलीविजन उद्योग से परे मनोरंजन की जगह तलाशता रहा। भीड़ को नियंत्रित करना और डीजे के रूप में प्यार फैलाना बिल्कुल अलग अनुभव है। मैं भाग्यशाली रहा हूं कि यह अब तक एक अद्भुत यात्रा रही है। मैं ओटीटी पर काम करने जा रहा हॅूं, मगर मैं टेलीविजन और फिल्मों को अलविदा नही कह रहा हूँ। जब भी मुझे अच्छे किरदार निभाने के अवसर मिलेंगे, मैं फिल्म या टीवी पर काम करना चाहॅूंगा। मैं यथार्थवादी और चुनौतीपूर्ण किरदार निभाना चाहता हॅू। मैं इन किरदारों को अपने अभिनय से संवारना चाहॅूंगा ,जो मेरे व्यक्तित्व के अनुरूप हों। जब भी मुझे टेलीविजन पर ऐसी भूमिकाएं मिलीं, मैंने उन्हें लपक लिया। अब ओटीटी के बड़े पैमाने पर उदय के साथ  यह एक गेम-चेंजर बन गया है। भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय सामग्री के बीच की खाई तेजी से भर रही है। हमारे दर्शक हमेशा से इस तरह की यथार्थवादी सामग्री देखना चाहते थे और यह एक ताजा बदलाव है।'

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