-सुनील पाराशर
पिछले दो वर्षो में कोरोना ने हमारी सारी अर्थव्यवस्था हिला कर रख दी है जिसका असर हमारी संस्कति पर भी पड़ा खासकर कथक ओडिसी नृत्य पर जो लोग सीख रहे है या सीख चुके है उनको कोई मंच नहीं मिल रहा मै धन्यवाद करती हूँ भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद क्षेत्रीय कार्यालय दिल्ली/एनसीआर का जिन्होंने ये जिम्मेदारी मुझे देकर सम्मानित किया की मै आईसीसीआर पैनल में नहीं आते बच्चों के लिए ऑनलाइन प्रस्तुति करनी होगी जो सभी सोशल मीडिया लाइव होगा इस आयोजन से उभरते हुए बच्चो को मंच मिल सकेगा व उनकी आर्थिक सहायता भी की जा सकेगी ये कहना था नृत्यांगना रेखा मेहरा का जो आईसीसीआर की सदस्या व समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभा रही है । उन्होंने कहा की हम हर महीने दो प्रोग्राम प्रस्तुत करेंगे जिसमे कथक, ओड़िसी, कथकली व क्लासिकल और फोक नृत्य को सम्मिलित किया जायेगा। आईसीसीआर की स्थापना अप्रैल 1950 में अंतरराष्ट्रीय संबंधों और भारत और विदेशों के बीच सांस्कृतिक समझ को बढ़ावा देना की गई थी