सामाजिक और यथार्थवादी दृष्टि से सत्यजीत रे का शानदार काम करने का तरीका अपने आप में एक मिसाल माना जाता रहा है। यही वजह है कि IFFM इस साल सर्वश्रेष्ठ और उत्कृष्ट कलाकारों का जश्न मना रहा है। इस वर्ष महान फिल्म मेकर सत्यजीत रे के सौ साल पूरे हो रहे हैं। 6.4 फीट ऊंची कद के, मूर्धन्य कलाकार सत्यजीत रे भारत के सबसे प्रमुख फिल्म निर्माताओं और निर्देशकों में से एक के रूप में पहचाने जाते थे और उनके निधन के बाद, आज भी पहचाने जाते है।
भारतीय फिल्म इतिहास में वे निस्संदेह, भारत के सबसे बहुमुखी रचनात्मक प्रतिभाओं में से एक के रूप में अमर हैं तथा हमारे भारतीय सिनेमा का एक अनिवार्य हिस्सा हैं। उनकी उपस्थिति 60 से अधिक वर्षों से स्थानीय और वैश्विक स्क्रीन पर प्रभुत्व दर्शाता है।
फिल्म उद्योग में उनके महान कार्यों और योगदान का जश्न मनाते हुए उनकी जन्म शताब्दी के सम्मान में, इंडियन फिल्म फेस्टिवल ऑफ मेलबर्न दर्शको के लिए, उनकी कुछ बेहतरीन फिल्मों का प्रदर्शन करके उन्हें श्रद्धांजलि दे रहा है। फिल्मों को सिनेमाघरों में, प्रतिष्ठित फेडरेशन स्क्वायर पर और ऑस्ट्रेलियाई फिल्म समारोह में ऑनलाइन स्ट्रीमिंग के माध्यम से दिखाया जाएगा। सिनेमा में प्रदर्शित होने वाली फिल्में 'पॉथेर पांचाली', 'अॉपराजितो' और 'ओपूर संसार' की मास्टरपीस, 'अपु त्रिलोजी' भी शामिल है।
जो फिल्में ऑनलाइन देखने के लिए उपलब्ध होंगी, वे हैं 'गनशत्रु', 'घॉरे बाइरे' 'चारुलता', 'नायक', 'महापुरुष', 'महानगर', जॉय बाबा फेलुनाथ', 'आगंतुक' और डॉक्यूमेंट्री फिल्म 'अ रे ऑफ लाइट'। इसके अतिरिक्त, 'म्यूजिक ऑफ सत्यजीत रे', एक डाक्यूमेंट्री सीरीज, जो उनके संगीत निर्देशक और संगीतकार के रूप में, उनकी यात्रा को फेड स्क्वायर में दिखाई जाएगी और इसे ऑनलाइन स्ट्रीम भी किया जाएगा।
IFFM के फेस्टिवल डायरेक्टर मीतू भौमिक लांगे कहती हैं, “सत्यजीत रे का सिनेमा आधुनिक दुनिया की जटिलताओं को उजागर करके हमारे समाज का एक परिप्रेक्ष्य और आकर्षक चित्र दर्शाता है। उनकी सरलता, काम करने की शैली और सभी क्रिएटिव चीजों के लिए उनके जुनून को दुनिया भर के सिनेप्रेमी पसंद करते हैं। हम IFFM में सत्यजीत रे जैसे उत्कृष्ट कलाकार को सलाम करते हैं और महोत्सव में उनकी शताब्दी मनाने के लिए उनकी फिल्मों की एक लाइन-अप पेश करते हुए सम्मानित महसूस कर रहे हैं।'