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काजोल होंगी 'स्‍वच्‍छ आदत स्‍वच्‍छ भारत' की एडवोकेसी एंबेसडर 

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By Mayapuri Desk
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काजोल होंगी 'स्‍वच्‍छ आदत स्‍वच्‍छ भारत' की एडवोकेसी एंबेसडर 

हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड ने अपने 'स्वच्छ आदत, स्वच्छ भारत' पहल के हिस्‍से के रूप में एक नए अभियान की शुरुआत की है। यह अभियान बच्‍चों के बीच स्वच्छता की स्वस्थ आदतों को बढ़ावा देता है। इस अभियान की शुरुआत फिल्म अभिनेत्री काजोल देवगन ने की।

देश के एक-तिहाई बच्चे लगातार बार-बार बीमार पड़ते हैं। जबकि इसे आसानी से बुनियादी स्वच्छता आदतों जैसे कि साबुन से हाथ धोने, साफ पानी पीने और स्वच्छ शौचालय का उपयोग कर रोका जा सकता है। इस अभियान के तहत एक फिल्‍म बनाई गई है 'प्‍लेइंग बिलियन', जो दिल को छू लेने वाली कहानी के जरिए इस मुद्दे पर केंद्र‍ित है कि कैसे बच्चों का एक समूह बार-बार बीमार पड़ने के कारण बचपन की छोटी-छोटी खुशियों को भी खो देता है। इस अभियान का उद्देश्‍य तीन 'स्‍वच्‍छ आदतों', #हाथमुंहबम (#HathMuhBum) के बारे में जागरुकता पैदा करना है और फिर देश से एक मजबूत अपील के साथ इसका अनुसरण करना है।

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कुपोषित बच्‍चों में से 50%* तक सुरक्षित पेयजल, स्वच्छता और सफाई से हाथ धोने की प्रथा की कमी के कारण इस दंश को झेल रहे हैं। यह बीमारियों का कारण बनता है और दस्‍त जैसे जानलेवा रोग को जन्म देता है। दस्त का बार-बार होना स्‍थाई कुपोषण और उम्र के अनुकूल शारीरिक और मानसिक विकास नहीं होने (अविकसित) का कारण बन सकता है। इसलिए, एचयूएल अपने अभियान के माध्यम से इस बात पर ध्यान आकर्षित करने की कोशिश कर रहा है कि तीन सरल आदतों का पालन कर बच्चों के दोबारा बीमार पड़ने की घटना को रोका जा सकता है।

भारत के करीब 38%** बच्‍चे अविकसित हैं, जो विश्‍व के औसत से अधिक है। अविकसित या कमजोर होने के कारण बच्‍चों के स्‍कूल दाखिले में देरी होती है, उनकी अनुभूति कम होती है, कार्यकारी फंक्‍शन में भी धीमापन आता है और स्‍कूलों तक पहुंच भी कम होती है। कमजोर शरीर बीमारी और संक्रमण के प्रति बेहद संवेदनशील होता है। यह साफ है कि यदि दोबारा बीमार पड़ने की दर में कमी आती है तो बच्‍चे न केवल खुश, स्वस्थ बचपन का आनंद लेंगे, बल्‍क‍ि भारत को एक राष्ट्र के रूप में अपने बहुसंख्यक बच्चों की वास्तविक क्षमता का भी लाभ होगा।

एचयूएल के 'स्‍वच्‍छ आदत स्‍वच्‍छ भारत' (एसएबीबी) का लक्ष्‍य बच्चों को इन तीन सरल, लेकिन जीवन बदलने वाली स्वच्छता आदतों को सिखाना है।

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'स्‍वच्‍छ आदत स्‍वच्‍छ भारत' की एडवोकेसी एंबेसडर काजोल ने कहा, ''स्वास्थ्य और स्वच्छता हमेशा भारत के लिए विशेष रूप से बच्चों के लिए एक प्रमुख चिंता रही है। एक मां के रूप में मैं स्वच्छता के महत्व को समझती हूं और मैं सम्‍मानित महसूस कर रही हूं कि बदलाव लाने के लिए मैं इस 'स्वच्छ आदत, स्वच्छ भारत' अभियान से जुड़ी हूं। मैं देश से ईमानदारी से अपील करती हूं कि लोग इस कार्य को व्यक्तिगत तौर पर लें और इस शक्तिशाली अभियान के संदेश को फैलाएं। मुझे विश्वास है कि हम एकसाथ मिलकर भारत के लिए 'प्‍लेइंग बिलियन' के लक्ष्‍य को हासिल कर सकते हैं।'

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हिंदुस्‍तान यूनिलीवर लिमिटेड के सीईओ और प्रबंध निदेशक संजीव मेहता ने कहा, ''भारत में जल, स्वच्छता और सफाई की चुनौतियों की जटिलता को देखते हुए, एचयूएल जैसी बड़ी कंपनियों को इस विषय पर एक महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है। हमारा मानना है कि 'स्वच्छ आदत स्वच्छ भारत' अभियान के माध्यम से एचयूएल सरकार के 'स्वच्छ भारत अभियान' का समर्थन कर सकती है। भारत में 90% से अधिक परिवार एचयूएल के उत्पादों का उपयोग करते हैं। यह हमें एक सार्थक बदलाव लाने के लिए अवसर और जिम्मेदारी प्रदान करता है। व्‍यवहार को बदलने के हमारे वर्षों के ज्ञान और विशेषज्ञता के कारण हम एक ऐसी अनूठी स्‍थ‍िति में हैं कि देश में व्यवहार परिवर्तन के एजेंडा को आगे बढ़ा सकते हैं।''

* यूनिसेफ के अध्ययन, द इम्‍पैक्‍ट, सैनिटेशन एंड हाइजीन ऑन की हेल्‍थ एंड सोशल आउटकम्‍स से लिया गया

** राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण 4 से निकाली गई जानकारी

ऑफलाइन प्लेटफॉर्म पर लॉन्च किया गया है और इसे बड़े पैमाने पर आगे बढ़ाया जाएगा।

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