''क्या मेरा बच्चाि सही चीजें खा रहा है?'', अधिकतर युवा पैरेंट्स की एक आम समस्या है, जिनका सामना वो अपने बच्चों के मामले में करते हैं। बच्चोंय को गर्मियों की छुट्टियां काफी अच्छी लगती है, क्यों कि इस दौरान उन्हेंं ढेर सारी मस्तीय करने का मौका मिलता है, इसलिये पैरेंट्स के लिये यह जरूरी है कि वे अपने बच्चों को एक सम्पूसर्ण एवं संतुलित पोषण प्रदान करें और यह सुनिश्चित करें कि बच्चों की वृद्धि से कोई समझौता नहीं हो। बच्चोंक के माता-पिता के पास अब एक पोषण से भरपूर एवं स्वाबदिष्ट विकल्प है, जो उनकी इस चिंता को दूर कर देगा। दरअसल एबॅट ने दो साल और इससे अधिक उम्र के बच्चोंध के लिये बिल्कुसल नये पीडियाश्योसर फ्लेवर कुकीज एंड क्रीम की पेशकश की है।
पीडियाश्यो्र कूकीज एंड क्रीम बढ़ते बच्चों को सम्पूीर्ण एवं संतुलित पोषण उपलब्धु कराता है। इसमें 37 आवश्योक पोषक तत्वढ मौजूद हैं, जो बच्चोंए की हाइट, वजन और एनर्जी संबंधित जरूरतों को पूरा करने में मदद करते हैं। गर्मियों की छुट्टियों के दौरान मस्तीम चरम पर होती है और पोषण का अनुशासन टूट जाता है, क्योंककि बच्चेो अनहेल्दीच खाना खाते हैं या समय पर खाना नहीं खाते। दिन में दो बार (सुबह और शाम) पीडियाश्योौर लेने से बच्चों की इम्युसनिटी बढ़ती है और उनके शारीरिक एवं बौद्धिक विकास में मदद मिलती है। गर्मियों का मौसम जोरों पर है और स्कू्ल की छुट्टियां हो चुकी हैं। ऐसे में ऐक्टिविटी लेवल्सि को बरकरार रखने के लिये बिल्कुटल उपयुक्तं समय है और स्कूमल जाने वाले बच्चों की सेहत का ख्याेल रखना जरूरी है।
लॉन्चब इवेंट में एक छह वर्ष के बच्चेू की मां अभिनेत्री लारा दत्ताक ने अधिकतम संभावित पोषण और बच्चेब के समग्र विकास में इसकी भूमिका के बारे में बात की।
बच्चोंच के पालन-पोषण को लेकर अपने अनुभव के बारे में बताते हुये उन्होंतने कहा, ''गर्मियों के दौरान मेरी बेटी के पास नये गेम्सप खेलने, नई जगहों पर जाने और ढेरों मस्तीा करने के कई आइडियाज होते हैं। मुझे पूरा भरोसा है कि सभी बच्चेभ इसी तरह से गर्मियों की छुट्टियां बितायें। बच्चेय अपनी छुट्टियों को लेकर बेहद उत्साोहित होते हैं और ऐसे में पैरेंट्स को अक्सोर इस बात की चिंता रहती है कि वे उन्हें कैसे प्रभावी रूप से शामिल कर सकते हैं और सुनिश्चित कर सकते हैं कि वे सही खाना लें। मेरी बेटी स्वा द को लेकर काफी चूजी है और मैं हमेशा ऐसे ऑप्शहन्सस ढूंढ़ती रहती हूं, जिससे उसे न सिर्फ सेहतमंद, बल्कि स्वाकदिष्टज और पोषण से भरपूर खाना भी मिले।''
अमल केलशिकर, कंट्री हेड एवं जनरल मैनेजर-भारत, एबॅट न्यू ट्रिशन ने कहा, ''हम समझते हैं कि बच्चोंफ के पैरेंट्स उनके सम्पूलर्ण पोषण और विकास को लेकर कितने परेशान रहते हैं, खासतौर से गर्मियों के मौसम में, तब खाने का अनुशासन लचीला हो जाता है और खेल का समय सबसे अधिक महत्वयपूर्ण होता है। पीडियाश्यो र दुनिया भर में पीडियाट्रिशियन्स द्वारा सुझाया गया नंबर 1 ब्रांड है। पीडियाश्योेर वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित एक सप्ली मेंट* है, बच्चों का वजन बढ़ाये बिना उनके विकास में मदद करते हैं। हमने नये कूकीज एंड क्रीम फ्लेवर के साथ पीडियाश्योलर में एक स्वाादिष्टच ट्विस्टन का समावेश किया है। यह प्रत्येंक बच्चेर को सेहतमंद पोषण देने के साथ ही उन्हें आकर्षित करेगा।''
डॉ इंदु खोसला, पीडियाट्रिशियन, क्लाेउडनाइन हॉस्पिटल ने कहा, ''गर्मियों का मौसम सिर्फ एक मौसम नहीं है। यह तरोताजा होने, रिलैक्स् करने, सीखने और बच्चों के लिये बढ़ने का एक अवसर है। मेरा सामना अक्सार ऐसी मांओं से होता है, जो अपने बच्चोंच के लिये संतुलित आहार की तलाश में मेरे पास आती हैं। मैं हमेशा उन्हें सुझाव देती हूं कि वे बच्चों को ज्या दा से ज्यातदा घर से बाहर समय बिताने, टेलीविजन कम देखने और फोन की स्क्री न से दूर रहने के लिये प्रोत्सांहित करें। मैं उनसे संतुलित पोषण पर से ध्यानन नहीं हटाने का सुझाव देती हूं। बच्चों का आहार सम्पूार्ण और स्वा स्य्षण वर्धक होना चाहिये और उसमें प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फैट्स,विटामिन और मिनरल का उचित संयोजन होना चाहिये ताकि उनकी वृद्धि और विकास सबंधी जरूरतों को पूरा किया जा सके।''
डॉ एलीन कैंडे, एचओडी न्यूिट्रीशियन और डायेटेटिक डिपार्टमेंट, सर एच.एन रिलायंस फाउंडेशन हॉस्पिटल ने लॉन्च के अवसर पर कहा, ''बच्चोंट के लिये दो से छह साल की उम्र काफी मायने रखती है। इस दौरान उनकी जिंदगी में मोटर, कॉग्निटिव, सोशल एवं इमोशनल स्किल्सह बेहतर बनती है। इस अवधि में बच्चोंक का तेजी से विकास होता है, उनके अंगों का निरंतर विकास होता रहता है और तेजी से न्यूबरल विस्ताेर होता है। इसलिये, यह वह समय है, जब बच्चों की खास पोषण जरूरतें होती है और उन्हें अधिक ऊर्जा की आवश्य कता होती है। एक संतुलित आहार सुनिश्चित करने के लिए विभिन्नन प्रकार के भोजन के अलावा, कुछ बच्चोंक के लिए ओरल न्यू ट्रिशन सप्लीेमेंट देना भी जरूरी होता है जिसे खासतौर से इस उम्र के बच्चोंक की पोषण संबंधित जरूरतों को पूरा करने के लिये तैयार किया गया है, ताकि वे समग्र विकास पाने से नहीं चूकें।''