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नया थ्रिलिंग वेब सीरीज़ 'एग्जिट' के कलाकारों से मिलिए

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नया थ्रिलिंग वेब सीरीज़ 'एग्जिट' के कलाकारों से मिलिए

सुलेना मजुमदार अरोरा

'आज की तारीख में उल्लू  के शोज ने ओटीटी की दुनिया में दर्शकों को बाँध रखा है, उनके मल्टी जॉनर कंटेंट्स, टाइट और कसी हुई पटकथा में सजी कहानियां तथा मंझे हुए कलाकार ने ओटीटी प्लैटफॉर्म को आसमान की ऊँचाई पर पहुंचा दिया है, उल्लू की नवीनतम पेशकश, वेब सीरीज़ 'एग्जिट ' की इन दिनों खूब चर्चा है, जिसमें रजनीश दुग्गल ,  विंध्या तिवारी लीड में दिखाई दे रहे है साथ में है मनीष गोपलानी अपर्णा दीक्षित औऱ  ऐश्वर्या राज भाकुनी। इस शो के निर्देशक हैं राजीव मेंदीरत्ता, सी ई ओ फाउंडर उल्लू, विभु अग्रवाल और 'एग्जिट' का निर्माण किया है सेवंथ सेंस प्रोडक्शंस ने। प्रस्तुत है इस थ्रिल्लिंग वेब सीरीज़ के कलाकारों से गुफ्तगू। सब से पहले इस सीरीज के नायक रजनीश दुग्गल से सवाल करते हैं:

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नव वर्ष की शुभकामनाओं के साथ हमें ये बताइए कि इस सीरीज 'एक्सिट' को लेकर आपके मन में क्या है?

सबसे पहले नववर्ष की शुभकामनाओं के साथ मैं यह दुआ करता हूँ कि महामारी से पूरी दुनिया को छुटकारा मिले और ये पेंडमिक से एंडमिक बन जाए। एग्जिट के बारे में मैं बताना चाहता हूँ जो कि निर्मित की गई है उल्लू ,विभु जी,  सेवंथ सेंस के कुणाल जी, नितिन जी द्वारा और मैं बहुत शुक्रगुज़ार हूँ कि उन्होंने मुझे ये किरदार प्ले करने का मौका दिया। इसमें  मैं रवि का किरदार निभा रहा हूँ।

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रवि एक ऐसा किरदार है जो कि क्रिकेट का हारा हुआ खिलाड़ी हैं और उसकी जिंदगी बहुत ही संघर्षपूर्ण और तंगी से गुजरती है और घर पर बीवी (जो विंध्या प्ले कर रही है) के तानों से वो त्रस्त है, घर खर्च चलाने के लिए वो दिन रात कुछ जुगाड़ लगाता रहता है। यानी कॉन्स्टेंट  स्ट्रेस में रहता है, तो वो अपनी इन परेशानियों को लेकर अपने अच्छे दोस्त पिंटू (मनीष गोपलानी) से बातें करता रहता है और साथ ही अपने छः साल के बेटे से भी अपना दुख साझा करता है। ऐसे में उसे एक ऐसी धोखाधड़ी करने की सूझती है जिसमें वो अपनी बीवी के नाम करोड़ो का लाइफ इन्शुरन्स करके, अपने को डेड दिखा कर गायब हो जाता है।

लेकिन फिर जिस तरह से  इन्शुरेंस पॉलिसी की एजेंट (जो अपर्णा प्ले कर रही है) हमारे पीछे पड़ती है और कैसे इस धोखाधड़ी का फाश होता है ये पता करने के लिए आपको 'एग्जिट' के नौ एपिसोड्स देखना पड़ेगा जो कि बहुत थ्रिल्लिंग है। इस सीरीज में जानू जी का किरदार भी बहुत अहम है, दरअसल वो ही इस पूरी घोखाधड़ी की जड़ होती है जिसके लिए रवि ऐसा भयानक कदम उठा लेता है। दरअसल रवि, जानू से बहुत सारा उधार लेता रहता है और जब नहीं चुका पाता तो जानू उसके जीवन में मुसीबत खड़ी कर देती है, और अपने पैसे की वसूली के लिए उसे इतना तंग करती है, मार डालने की धमकी देती है, उसके बेटे को उठा लेने की धमकी देती है, तो इस स्थिति से निकलने के लिए उसे यह कदम उठाना पड़ता है।

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मुझे रवि का क़िरदार करने में बहुत मज़ा आया। लखनऊ में तीस दिनों की शूटिंग थी, ग्रेट प्रोडक्शन, बेहतरीन निर्देशन। हमारे निर्देशक राजीव जी द्वारा, कई बार ऑन  द स्पॉट निर्देशन की रूप रेखा को चेंज किया जाता था, जो जाहिर तौर पर सीरीज़ की बेहतरी के लिए था। अब प्रश्न उठता है कि मैंने यह सीरीज़ करने की हामी क्यों भरी, वो इसलिए कि जब मैनें इसकी कहानी सुनी तो रवि का किरदार मुझे बहुत चुनौतीपूर्ण लगा, एक व्यक्ति जो पहले क्रिकेट का इतना बड़ा प्रेमी था, वो किस तरह से परिस्थितियों से जूझते हुए जीवन का ऐसा फैसला ले लेता है, कैसे एक धोखेबाज बन जाता है, तो इस भूमिका में मुझे तरह तरह के शेड्स दिखे इसलिए इस सीरीज को मैनें किया।

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अब हमने 'एग्जिट' की महत्वपूर्ण किरदार अपर्णा दीक्षित से पूछा, आपका किरदार भी इस सीरीज में एक अलग छाप छोड़ती दिखाई देती है, इस विषय में आप क्या कहेंगी?

सबसे पहले आपको और सारे पाठकों को नववर्ष की शुभकामनाएं देना चाहती हूँ, जी हां, 'एग्जिट' में मेरे किरदार का जो रूप है वो एकदम अलग हटकर है। मैनें हमेशा चैलेंजिंग रोल्स चुनने की कोशिश की है अपने अभिनय करियर में और मैं इस सीरीज में जेनी का किरदार प्ले कर रही हूँ जो कि इससे पहले मैंने कभी प्ले नहीं किया है। जब मुझे ये कहानी सुनाई गई तो मुझे इस किरदार को निभाने की बहुत उत्सुकता हुई, और जब सेट पर इसे अभिनीत कर रही थी तब इसका असली मज़ा आया और मैं इसके लिए हमारे निर्देशक राजीव जी को बहुत बहुत धन्यवाद देना चाहती हूँ जिन्होंने इसे ब्यूटीफुली निर्देशित किया।

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ये रोल ऐसा है कि जहां भी और जब भी कहीं कोई शातिरगिरी के साथ फ्रॉडरी करने की कोशिश करता है, तो उसे पड़कने के लिए कोई ऐसा शख्स भी होता है जो उसकी चालाकी पर  भारी पड़ता है, उस फ्रॉडर को लगता है कि वो ही दुनिया में सबसे चतुर और शातिर धोखेबाज है, लेकिन वो ये भूल जाता है कि जितनी उसकी बुद्धि चलती है फ्रॉडारी में उससे भी ज्यादा किसी का दिमाग चलता है उसे पकड़ने में। तो वो किरदार मैं निभा रही हूँ जो अपनी बुद्धी और चतुराई से इस फ्रॉड को पकड़ लेती है। इस सीरीज में काम करते हुए एक और अलग सा अनुभव हुआ, जो आप लोगों ने कभी नही देखा मुझे इस तरह के स्टाइल में, वो स्टाइल यह था कि मेरा हर सीन एक सिगरेट से स्टार्ट होता है।

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आई थिंक, राजीव सर ने इसे बहुत थॉट के साथ लिखा है और उस थॉट को  पर्दे पर साकार करना मेरे लिए बहुत चैलेंजिंग था क्योंकि मैं रियल लाइफ में स्मोक नहीं करती हूँ। तो डायलॉग के साथ साथ स्मोक करना एक एफर्टलेस अंदाज़ के साथ दिखाना था, जिसे शायद मैंने अच्छी तरह किया। आप देखेंगे तो आपको पता नहीं चलेगा कि मैंने इससे पहले कभी सिगरेट नहीं पी है, इतना स्मूदली मैनें करने की कोशिश की है। आप सब मुझसे पूछते थे न कि अपर्णा आपका नवीनतम शो कौन सा है, तो यस, 'एग्जिट' ,मेरा नवीनतम शो है, जिसे आप सब एन्जॉय करेंगे।

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बातचीत के बीच, रवि की पत्नी का मुख्य किरदार निभा रही विंध्या तिवारी से प्रश्न पूछा गया कि उन्होंने किस तरह इस सीरीज में अपने कैरेक्टर को चरितार्थ किया। इसपर विंध्या बोली, सबको पहले हैपी न्यू ईयर कहने के साथ साथ मैं नितिन मिश्रा जी को शुक्रिया अदा करना चाहती हूं कि उन्होंने मुझे अचानक कहा कि हमारी पहली पसंद इस किरदार शैली के लिए अगर कोई है तो वो आप है, वे मुझे शैली के किरदार में देखना चाहते हैं। इसलिए थैंक यू उनके लिए कि उन्होंने मेरे टैलेंट को एकनॉलेज  किया। मैं विभु जी का भी शुक्रिया अदा करना चाहती हूँ कि उन्होंने मुझमे इतना विश्वास रखा और मेरी प्रतिभा को रेकोग्नाइज़ किया, ऐसे में जब विश्वास ज्यादा होता है तो रिस्पांसिबिलिटी भी ज्यादा बढ़ जाती है

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और मैं धन्यवाद देना चाहूँगी निर्देशक राजीव सर जी की, कि उन्होंने मुझे इतने अच्छे तरीके से स्क्रिप्ट पढ़कर बताया, सर, आपको याद होगा कि उस दिन मैनें आपका ऑटोग्राफ लिया था। मेरे किरदार की बात करूँ तो वो इतना लेयर्ड कैरेक्टर है, बहुत कम एक्टर्स को इतना लेयर्ड रोल करने का मौका मिलता है और शैली उन कैरेक्टर्स में से एक है। शायद आप उससे बहुत प्यार करेंगे और शायद कई बार आप सोचेंगे कि वो ऐसी क्यों है, ऐसा क्यों करती है? जैसा कि रजनीश जी ने बताया कि मैं उन्हें बहुत स्ट्रेस देती हूँ, तो आप देख लीजिए , आपको सब पता चल जाएगा। वो ऐसा रोल है जिसे आप एन्जॉय करेंगे क्योंकि शैली स्ट्रेस देती है, खुद कभी स्ट्रेस नहीं लेती। वो जिंदगी से भरपूर स्त्री है, बहुत उत्साह भरी है, बहुत कंटेम्प्रेरी है, सोशल मीडिया में बहुत रुचि रखती है, अपने पति रवि जी (जिन्हें वो कोच साहब कहकर पुकारती है) को वो हमेशा हर मामले में बेस्ट मानती है और सोचती हैं कि वो सोशल मीडिया में क्यों नहीं जाते हैं।

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फिर वो अपने पति और पति के दोस्त पिंटू के साथ तीन तिगड़ी की तरह ऐसे ऐसे प्लान बनाती है। इसमें हमारा एक फेवरेट सीन है, वो पिकनिक वाला सीन, वो करने में सचमुच पिकनिक वाला माहौल रहा, सच कहूँ तो जितनी बार मैंने इसकी स्क्रिप्ट पढ़ी है (कम से कम पचास बार) तो उतनी बार मुझे कुछ अलग सीखने को मिला है उस माहौल से। जब हमने तीस दिनों की वो शेड्यूल खत्म की तो हमे तब एहसाह हुआ कि हमने कितना एन्जॉय किया। जब आप इसे देखेंगे तो आपको लगेगा ही नहीं कि ये सब एक्टिंग हो रही है, सब कुछ सचमुच घटित होते हुए लगेगा, एक फ्लो में चलते हुए। इस सीरीज का कॉन्टेंट, आपको कंटेंट जरूर करेगा। हम सबने इस सीरीज को शूट करते हुए इतना एन्जॉय किया।

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इसमें जो बन्दूक वाला सीन था वो तो वाकई यादगार रहेगा, वो क्लाइमेक्स सीन था जिसे देर रात तक हम शूट कर रहे थे। दरअसल बन्दूक चलाना इतना आसान नहीं होता है और जो बन्दूक शॉट के वक्त उपलब्ध था वो बहुत छोटा आ गया था, मैंने राजीव सर से कहा कि इतना छोटा बन्दूक मैं चला नहीं पाऊंगी, तो सर ने कहीं से अरेंज करवाया पर एक बार में वो शॉट नहीं हुआ, कम से कम बारह बार शॉट लिया गया। तो हम सबने बहुत मेहनत की, हम लोग भूल जाते थे कि हमें खाना भी खाना है, होटल वापस जाकर सोना भी है, इतना मगन हो जाते थे शूटिंग में और राजेश दिवाकर सर (डीओपी) भी इतना अपने काम में डूब जाते थे कि बता नहीं सकती। आप सब ये सीरीज़ जरूर देखिए, बहुत मज़ा ज़रूर आएगा।

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विंध्या से बातचीत के बाद फ़िल्म के एक और अहम किरदार पिंटू जिसे प्ले किया है मनीष गोपलानी ने, उनसे उनके अनुभव शेयर करने को कहा तो वे बोले, 'कहानी की रूपरेखा तो आपको पता चल ही गया। मैं रवि के दोस्त का किरदार निभा रहा हूँ, जिसे रवि की तरह ही क्रिकेट खेलने का बहुत शौक था। दोनों दोस्त खेल की दुनिया में आगे बढ़ना चाहते थे, क्रिकेट टीम के साथ विदेश जाना चाहते थे, वर्ल्ड कप जीतना चाहते थे लेकिन क्योंकि उन्हें कोई बैकिंग नहीं मिला, दोनों कुछ नहीं बन पाए, जैसा कि अक्सर मिडल क्लास वालों के साथ होता है और आखिर फ्रस्टेटेड होकर पिंटू यानी मैं, एक इन्सुरेंस कम्पनी में जॉब करने लगता हूँ और मेरा दोस्त कोच बन जाता है।

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हम दोनों दोस्त हर समस्या में हम एक दूसरे के साथ देते हैं और जब किसी मुसीबत में पड़ते हैं तो उसे मिलकर हल करने की कोशिश करते हैं। इसी तरह एक बार मैं उसके फ्रॉडरी में भी उसका साथ देता हूँ। तो आपको देखने को मिलेगा कि किस तरफ ये थ्रिल्लिंग कहानी आगे बढ़ती है। अक्सर हमको पता नहीं होता है कि बैंक के साथ फ्रॉडारी में क्या क्या होता है, तो उसमें नई नई बातों की जानकारी मिलेगी। तो बस इसे देखकर एन्जॉय कीजिए।

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इस सीरीज की एक और खूबसूरत अदाकारा ऐश्वर्या राज भाकुनी से बातचीत होती है तो वे बताती है, मैं इस सीरीज में जानू का किरदार निभा रही हूँ, (कोच की भूमिका निभा रहे रजनीश की तरफ देखकर पूछती है) कोच, जानू के आगे क्या लगाना जरूरी है? याद है न, हाँ, जानू जी (हंस पड़ती है) मुझे जानू का किरदार निभाना बहुत चैलेंजिग लगा।  अक्सर हम सोचते हैं कि विलन का किरदार निभाना बहुत आसान है, लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है, विलन का किरदार सटीक तरीके से निभाना बहुत डिफिकल्ट है और इसके लिए मैं निर्देशक राजीव जी , नितिन जी को धन्यवाद देना चाहती हूँ कि उन्होंने इस भूमिका के लिए मुझपर विश्वास रखा और मुझे आशा है कि मै उनके विश्वास पर खरी उतरी। मुझे इस सिरीज़ को करने में बहुत आनंद आया , आई एंजोएड डूइंग दिस सीरीज़ और मुझे पूरा यकीन है कि आप सब भी बहुत एन्जॉय करेंगे।

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कलाकारों ने सीरीज़ के डीओपी राजेश दिवाकर जी से भी दो शब्द कहने को कहा तो उन्होंने बताया, 'पिछले तीन सालों से मैं सर के साथ काम कर रहा हूँ। तीन साल में छः सीरीज़ करने का अनुभव अद्भुत रहा, इनके साथ काम करने में मज़ा इसलिए भी बहुत आता है क्योंकि  इनकी स्टोरीज, सब एक दूसरे से अलग अलग होते है।  तो डिफरेंट सब्जेक्ट पर काम करते हुए हम बहुत कुछ नया करते हैं। सबको ऐसा ही करना चाहिए।

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