Advertisment

साहित्य से बेहतर कोई साथी नहीं- लक्ष्मी शंकर वाजपेयी 

author-image
By Mayapuri Desk
साहित्य से बेहतर कोई साथी नहीं- लक्ष्मी शंकर वाजपेयी 
New Update

किसी विषय पर कविता लिखना आसान है पर अपनी रोज़मर्रा की बातों को कविता में ढालना बड़ा ही मुश्किल है, क्योकि अपने आपको कविता में ढालना स्वयं का मंथन है। मेरी कल्पना है की असली और संवेदनशील कविता लोगो तक पहुंचे। किसी बहुत बड़ी बात को कविता के रूप में तीन चार पंक्तियों में कह जाना बस वही कवि है, यह कहना था कवि और लेखक लक्ष्मी शंकर वाजपेयी का जो मारवाह स्टूडियो में चल रहे ग्लोबल लिटरेरी फेस्टिवल के अंतिम दिन पंहुचे। इस अवसर पर लेखिका और फिल्म डायरेक्टर डॉ. लवलीन थडानी, कथक नृत्यांगना शोवना नारायण, डॉ. मृदुला टंडन और लेखक अनूप बोस उपस्थित हुए। इस अवसर पर लवलीन थडानी की पुस्तक 'माय सोल फ्लॉवर' का विमोचन किया गया, उन्होंने कहा की मेरी पुस्तक मेरे ह्रदय को छूती हुई है इसमें आम भाषा की कविता आपको मिलेंगी, जहाँ तक हमारे साहित्य की बात है तो साहित्य समाज का दपर्ण ही नहीं बल्कि सबसे अच्छा साथी है क्योंकि साहित्य का अपना कोई स्वार्थ नहीं होता और भारत का साहित्य, ज्ञान, वेद व पुराण महान है और विश्व ने जो तरक्की की है वह हमारे वेद पुराणों की ही देन है।

इस अवसर पर संदीप मारवाह ने कहा की जब आप लेखक  कवियों के बीच बैठते हो की वहां का पूरा माहौल सूफियाना हो जाता है और जहाँ तक लक्ष्मी शंकर की बात है उनका एक एक शब्द न जाने कितनी कविता कहानी कह जाता है। आज समारोह के अंतिम दिन में कह सकता हूँ की हमने इन तीन दिनों में वो सब सुना है जो हम कभी भूल नहीं पाएंगे और यह हमारी पूरी ज़िन्दगी काम आएगा।

शोवना नारायण ने बताया की नृत्य की जो भाव भंगिमा होती है वह अपने आप में बहुत कुछ कह जाती है जो शब्द नहीं कह पाते और जो इसके संगीत और भाव को समझ सकता है वह कुछ भी कर सकता है।

संदीप मारवाह ने अंत में कहा की आज की इस भागती दौड़ती जिंदगी में हम अपने साहित्य से दूर होते जा रहे हैं, इसलिए मैं अपने छात्रों से यही कहना चाहता हूं कि पढ़ो मेहनत करो कर्म करो लेकिन अपनी अच्छी सोच के साथ ताकि अपने आस पास एक अच्छे समाज का निर्माण कर सको और एक अच्छा समाज बेहतर देश का निर्माण करेगा। कार्यक्रम के अंत में कथक नृत्यांगना शोवना नारायण ने लवलीन थडानी की कविता पर नृत्य प्रस्तुत किया।

Sandeep Marwah Sandeep Marwah Sandeep Marwah Sandeep Marwah Sandeep Marwah Sandeep Marwah Sandeep Marwah Sandeep Marwah Sandeep Marwah Sandeep Marwah

#Sandeep Marwah #Global Literary Festival Noida
Here are a few more articles:
Read the Next Article
Subscribe