सभी को लगता है कि वे कश्मीर को जानते हैं। दो किशोर सब कुछ बदलने वाले हैं, ट्रेलर में इन्हीं बातों को मनोरंजक दृश्यों के जरिए प्रस्तुत किया गया है। नो फादर्स इन कश्मीर, ऑस्कर के लिए नामांकित फिल्म निर्माता और दो बार के राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता लेखक और निर्देशक, अश्विन कुमार द्वारा निर्देशित सार्वभौमिक मानवीय भावनाओं के बारे में सच्चाई, करुणा और सहानुभूति की लड़ाई का एक अनूठा मिश्रण है।
उन्होंने कहा, “विश्व भर में भारत में युवाओं की आबादी सबसे ज्यादा है और यह फिल्म उनके लिए ही है। यदि शेष भारत के युवा कश्मीर की जटिलताओं को समझना शुरू कर सकें, तो वे कश्मीर के लोगों के साथ सहानुभूति रख सकते हैं। कि सच सुनने के लिए साहस चाहिए, लेकिन ऐसा करने से सहानुभूति भी पैदा होती है।” हालांकि फिल्म के लिए एफसीएटी द्वारा यूए प्रमाण पत्र जारी करने के आदेश के बावजूद अभी तक सीबीएफसी द्वारा प्रमाण पत्र प्रदान किया जाना बाकी है, जबकि आगामी 5 अप्रैल को फिल्म का रिलीज प्रस्तावित है।
कार्यक्रम में उपस्थित सबसे तेज और मुखर निर्देशकों में से एक श्री महेश भट्ट ने कहा, 'यह एक चौंका देने वाली, दिल टूटने वाली फिल्म है। अश्विन के पास सारे अंधेरे को सामने लाने की हिम्मत है, जो हमारे लिए काफी रोशनी लेकर आता है। नफरत के इन अंधेरे समय में, यहां कश्मीर की खून से लथपथ घाटी की एक प्रेम कहानी है, जिसमें आशा पैदा करने का साहस है।”
फिल्म की मुख्य कलाकार सोनी राजदान ने कहा, “मेरा कश्मीर के साथ व्यक्तिगत जुड़ाव है, क्योंकि मैं आधी कश्मीरी हूं। उन्होंने कहा कि जब अश्विन ने पहली बार मुझे पटकथा भेजी और मैंने इस पटकथा को पढ़ा तो मुझे यह बहुत दिलचस्प लगी, क्योंकि यहां एक फिल्म थी जो वास्तविकता को दिखा रही थी। उन्होंने कहा कि कश्मीर पर कई फिल्में बनी हैं, लेकिन यह नाटक, प्रेम कहानियों और अन्य चीजों से प्रभावित नहीं है। यह वास्तव में घाटी की स्थिति का प्रतिनिधित्व करती है और यही कारण है कि मैं इस फिल्म के प्रति आकर्षित हुई।“
फिल्म के जरिए फिल्मकार अश्विन कुमार ने अपने अभिनय की शुरुआत की है। इनके साथ ही इसमें अभिनेता अंशुमान झा, सोनी राजदान और कुलभूषण खरबंदा भी हैं। अश्विन ने कार्यकारी निर्माता वरुण वेसुना के साथ फिल्म का लेखन और निर्माण भी किया है।