सुर कोकिला और भारत रत्न स्वर्गीय लता मंगेशकर आज हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनकी मौजूदगी ताउम्र तक हर भारतीय के दिल में सदा रहेगी। 6 फरवरी को दुनिया को अलविदा कहकर पंचतत्व में विलीन हुई लता दीदी की यादों का बसेरा मंगेशकर परिवार की दुनिया हैं। तभी तो दीनानाथ मंगेशकर सभागृह में लता दीदी की फोटो का अनावरण किया गया।
भाई बहनों में सबसे बड़ी और अपने आई बाबा की ये लाड़ली लता दीदी, आज उसी सभागृह के दीवारों पर एक खूबसूरत सी तस्वीर बनकर अपने परिवार को और हर आनेवाली पीढ़ी को अपने आशीर्वाद से प्रेरित करती रहेंगी। लता दीदी की फोटो का उद्घाटन किया अभिनेता विक्रम गोखले ने। जिनसे मंगेशकर का रिश्ता 70 साल पुराना हैं। इस मौके पर विक्रम गोखले बहुत भावुक हो गए, उन्होंने कहा कि 'मेरे पिताजी और दीनानाथ मंगेशकर परिवार से सदियों का नाता हैं। हम लता दीदी को दीनाआबा कहकर बुलाते थे । जिन्होंने अपने पिता जी और दीनानाथ मंगेशकर के दोस्ती की बातें बताई और लता दीदी से उनके रिश्ते बहुत घनिष्ठ थे ,इसका जिक्र, करके वो बहुत भावुक हो गए'।
इस मौके पर आशा भोसलें बहुत भावुक हो गई। लता दीदी का यूं अचानक जाना उनके लिए एक बड़े दर्द से कम नहीं हैं और मीडिया से बात करते करते उनके आंखे भी नम हो गई। आशा भोंसले ने कहा कहा 'मैं जब भी कही जाती थी दीदी से आशीर्वाद लेती थी वो मुझे कहती थी कि हमेशा मेरे पैर मत छुआ करो मेरा आशिर्वाद तुम्हारे साथ हमेशा हैं भले तू यहाँ आए या ना आए। माई,बाबा और मैं हमेशा तुम्हारे नजदीक रहेंगे। अब ऐसा होता है कि उनके जाने के बाद अब किसका आशीर्वाद लू, किसे अपनी तकलीफ सुनाऊं। हम बहुत छोटे थे तब बाबा चले गए, माई के जाने के बाद एक बाप बनकर लता दीदी ने हम सबको संभाला, और आज उनके जाने के बाद हम सब अनाथ हो गए। सोचा नहीं था की इतने जल्दी ये सब हो जाएगा अभी वो और सालो तक जी सकती थी।'
हृदयनाथ मंगेशकर में भी कहा कि' दीदी का जाना हम सबके लिए बहुत दुखद हैं। आज दीदी की तस्वीर का दीनानाथ सभागृह में अनावरण किया गया और पुणे में दीनानाथ मंगेशकर के 4 थिएटर हैं वहा भी दीदी की तस्वीर लगाई जाएगी। आज उनकी फोटो लगाई गईं, देखकर बहुत तकलीफ हो रही हैं, पर क्या करे।' और उन्होंने ये भी आश्वासन दिया कि दीदी की स्मारक अलग–अलग जगहों पर बनाई जाएगी।
इस मौके पर अभिनेता विक्रम गोखले , आशा भोंसले, हृदयनाथ मंगेशकर के अलावा उषा मंगेशकर, भारती मंगेशकर, आशीष शेलार,रूपकुमार और सोनाली राठौड़, आदिनाथ मंगेशकर, कृष्णा मंगेशकर, जेनाई भोसले,अनुजा भोसले और मयूरेश पाई भी मौजूद थे।