चर्चा का विषय- पंडित नेहरू और भारत का विचार
अध्यक्षता: डॉ जी जी पारिख (अनुभवी गांधीवादी और स्वतंत्रता सेनानी)
मुख्य अतिथि: जेबी. नवाब मलिक (माननीय कैबिनेट मंत्री, महाराष्ट्र सरकार)
अध्यक्ष: प्रो. राम पुनियानी (लेखक एवं सेवानिवृत्त प्रो. आईआईटी.), कॉम. भालचंद्र कांगो (सदस्य केंद्रीय सचिवालय, संपादक, युगांतर), जेबी. मोहम्मद अदीब (पूर्व सांसद राज्यसभा), श्री अशोक कुमार पांडे (लेखक, संपादक, विश्वसनीय इतिहास), श्री फिरोज मिथिबोरवाला (लेखक और सामाजिक कार्यकर्ता)
आयोजन समिति: सैयद जलालुद्दीन, फाजिल अंसारी, प्रवीण शेट्टी, अरशद आमिर, डॉ इनाम सलाम और अर्नव शिरसत
13 नवंबर, 2021 को मुंबई में- जवाहरलाल नेहरू- और उनके विचार- को कभी भी भारतीय राजनीतिक प्रवचन में इतना स्तंभित से मनाया नहीं गया है, वही शहर में सरहदी गांधी मेमोरियल सोसाइटी के नेतृत्व में शांतिवादियों के एक समूह ने एक राष्ट्रीय आयोजन किया. स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की 132वीं जयंती के उपलक्ष्य में सेमिनार रखा गया.
नेहरूवादी अवधारणा में तीन प्रमुख मुद्दे क्षेत्रों में तीन मौलिक विचार शामिल थे: समाजवाद (आर्थिक नीति); गुटनिरपेक्षता (विदेश नीति); और धर्मनिरपेक्षता (सामाजिक नीति)।
उन्होंने गणतंत्र को आकार दिया और रेखांकित किया कि लोकतंत्र को गहरा करने और राजनीतिक व्यवस्था को काम करने के लिए क्या आवश्यक है। नेहरू भारत के किसी सलाहकार से कम नहीं थे, लगातार अपनी राजनीति और समाज के सिद्धांतों और दिशा की ओर ध्यान आकर्षित कर रहे थे। उन्होंने प्रेरित किया, साथ ही फटकार लगाई लेकिन वह भी असफल रहे. उन्होंने अपने करियर में कई बार अथक परिश्रम किया।
सैयद जलालुद्दीन कहते हैं 'उनकी विचारधाराओं ने राष्ट्र के विकास में मार्गदर्शन किया है. आज हम उन्हें और वह सब कुछ याद करते हैं जो उन्होंने हमें सिखाया है'.