शिक्षक दिवस के उपलक्ष्य में गुरू-शिष्य परम्परा का जश्न मनाने के उद्देश्य से ‘परम्परा’ फेस्टिवल का आयोजन किया गया। ओडिशा और दिल्ली के शहरी और ग्रामीण झोपड़ियों में वंचित लोगों के लिए आर्थिक और सामाजिक उत्थान लाने में प्रयासरत फिलेनथ्रॉपिक संगठन परिचय फाउंडेशन द्वारा नई दिल्ली स्थित श्री सत्य सांई ऑडीटोरियम में आयोजित 5वें परम्परा फेस्टिवल में प्रख्यात नृत्यांगना सुजाता मोहापात्रा एवम् शिष्यों ने ओड़िसी डांस ड्रामा ‘अद्यंता’ प्रस्तुत किया। इंडियन आइडल 6 की प्रतिभागी अमृता भारती पांडा की संगीतमयी प्रस्तुति ने सभी को उनकी प्रतिभा का कायल बनाया। कार्यक्रम के दौरान अपनी तरह का एक विशिष्ट शो भी आयोजित किया गया, जहां गुरू पद्मभूषण सरोजा वैद्यानाथन (भरतनाट्यम नृत्यांगना), गुरू पद्मश्री शोभना नारायण (कत्थक नृत्यांगना), गुरू पद्मश्री जयारामा राव एवम् गुरू वनाश्री राव (कुचीपुड़ी नृत्यांगना), गुरू पद्मश्री भारती शिवाजी (मोहिनीयट्टम नृत्यांगना) आदि जैसी महारथी गुरूओं ने चर्चा की। मौके पर केन्द्रीय मंत्री डॉ. हर्षवर्धन, व जाने-माने विद्, सांसद डॉ. प्रसन्ना कुमारी पटसनी, वरिष्ठ कलाकार जतिन दास भी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम की शुरूआत अमृता भारती पांडा ने ‘पापा की परी’ गीत से की, जिसके बाद उन्होंने ‘एक प्यार का नगमा’, ‘ईश्वर अल्लाह एक बार सुन ले’, ‘तुझसे नराज़ नहीं ज़िंदगी’ आदि प्रस्तुत किये और उपस्थित दिल्लीवासियों को मुग्ध किया।
भारतीय कला और संस्कृति को संरक्षित करने के अपने उद्देश्य के साथ ’परम्परा’ ने गुरु श्रीमती सुजाता महापात्रा और उनके शिष्यों द्वारा एक सुंदर ओडिसी नृत्य नाटक ’अदत्यंता’ प्रस्तुत करके पुरानी शिक्षक-शिष्य परंपरा को श्रद्धांजलि अर्पित की।
भारत के अद्वितीय और कालातीत गुरु-शिष्य ’परम्परा’ के वास्तविक सार के लिए श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए, परिचय फाउंडेशन ने अपनी तरह के पहले टॉक शो का भी आयोजन किया, जहां एक मंच पर विभिन्न नृत्य विधाओं से प्रसिद्ध गुरुओं को एक साथ आये। पद्म भूषण गुरु सरोज वैद्यनाथन, पद्मश्री गुरु शोवाना नारायण, पद्मश्री गुरु जयराम राव और गुरु वनाश्री राव, पद्मश्री गुरु भारती शिवाजी ने ’शिष्य’ से ’गुरु’ होने के अपने सफर को साझा किया। ऐसे गुरू जिन्होंने सैकड़ों युवा शास्त्रीय नर्तकियों के हुनर को पंख दिए और उन्हें उड़ान भरते देखा। सभी गुरूओं ने इस परम्परा को बनाये रखते हुए आगे ले जाने के महत्व को श्रोताओं संग साझा गया।
कार्यक्रम के दौरान प्रतिष्ठित ओडिसी विभूतियों को अपने क्षेत्र में योगदान देने और लगातार परिचय फाउंडेशन के समर्थन हेतु जुड़े रहने के लिए सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम के विषय में बातचीत करते हुए परिचय फाउंडेशन की संस्थापक, रोज़लिन पात्सनी मिश्रा ने कहा, “हालांकि परिचय महिला सशक्तिकरण के लिए काम कर रहा है, लेकिन कला-संस्कृति का प्रचार भी इसकी प्राथमिकता है। लगभग एक दशक पूर्व दिल्ली से शुरू हुई यात्रा के बाद से अब तक जितने भी सांस्कृतिक कार्यक्रम हमने किये हैं उनमें परम्परा मेरे लिए विशिष्ट और मेरे दिल के बहुत करीब है। गुरु-शिष्य परंपरा का मैं बहुत सम्मान करती हूं और इसे नृत्य के माध्यम से प्रदर्शित किये जाने से और सुंदर क्या हो सकता है? इसके लिए मैं प्रतिष्ठित ओडिसी नर्तक सुजाता महापात्रा की आभारी हूं, जिन्होंने अपने प्रदर्शन के साथ इस कार्यक्रम के सार को प्रदर्शित किया।
रोज़लिन ने कहा 5वें सत्र में हमने पहली बार, गुरु-शिष्य परंपरा पर आधारित एक टॉक शो आयोजित किया है जहां विभिन्न शास्त्रीय नृत्य गुरुओं को एक साथ लाने की भी कोशिश की है। शिक्षक दिवस के अवसर पर आयोजित इस कार्यक्रम के माध्यम से मैं इन सभी गुरूओं का अभिवादन करती हूं साथ ही इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए समर्थन देने वाले श्रोताओं, दर्शकों एवम् सभी को धन्यवाद।
परिचय फाउंडेशन, विशेष रूप से महिला सशक्तिकरण और कल्याण की दिशा में काम कर रहा है। इसके अलावा, भारतीय कला और संस्कृति को बढ़ावा देने के प्रयास लगातार कर रहा है।