बहुत से लोगों को पता नहीं है कि प्रख्यात दिग्गज अभिनेता-फिल्म निर्माता रणधीर कपूर ने दिग्गज संगीतकार-गायक आर डी बर्मन (पंचम दा) के साथ हमेशा एक गर्मजोशी से साझेदारी की, जिनकी इस वर्ष 80 वीं जयंती मनाई गयी है। आर.डी.बी और आर.के (आरके स्टूडियो चेंबूर में जो अब गोदरेज रियलिटी द्वारा ख़रीदा जा चूका है)
ने एक साथ कईं हिट्स इस
इंडस्ट्री को दिए है। हाल ही में र
णधीर ने पुरस्कार प्राप्त वरिष्ठ फिल्म पत्रकार या लेखक चैतन्य पडूकोण को उनकी किताब के लिए पंचम-दा का एक खूबसूरत मिनी-बस्ट प्रशंसा पत्र लोकप्रिय संस्मरण 'आरडी बर्मनिया' भेंट किया।
पुस्तक को स्वर्गीय संगीतकार के प्रशंसकों द्वारा तैयार किया गया है। संयोग से, रणधीर ने पंचम-दा को एक ही पुस्तक में एक विशेष, भावुक श्रद्धांजलि दी है। रणधीर कपूर ने ये भी बताया की वो फिल्म 1942-ए लव स्टोरी के लिए दिवंगत संगीतकार को 1995 में मिलने वाले मरणोपरांत फिल्मफेयर अवार्ड ट्रॉफी को उनकी तरफ से स्वीकार करने के लिए सहमत हो गए थे। साथ ही उन्होंने कहा, “न केवल प्रायोगिक प्रतिभा ने मेरी फिल्मों के लिए सदाबहार चार्टबस्टर गीतों की रचना की बल्कि मेरे लिए आरडीबी ने शानदार भोजन भी पकाया, जिसे मैं देर रात तक उनके साथ समय बिताने के दौरान जमकर लुत्फ़ उठता था।
ईमानदारी से कहूँ तो उनका अभिनव संगीत काफी हद तक मेरे अभिनय करियर को बढ़ाने में 'महत्वपूर्ण' था, चाहे वह जवानी दीवानी के लिए हो या रामपुर का लक्ष्मण के लिए या मेरी खुद की डायरेक्टोरियल फिल्म धरम करम 'में रणधीर याद करते हैं जिन्होंने आरडीबी के पाक कौशल की प्रशंसा की और संगीतकार द्वारा पकाया जाने वाला शाकाहारी खाने के बारे में भी बताया 'पंचम गाना और ख़ाना दोनों में एक उस्ताद थे, कपूर ने इशारे से संकेत दिया की आरडीबी ने रणधीर की म्यूजिकल फिल्म 'कसम वादे'के लिए फुट-टैपिंग पेप्पी नंबर' कल क्या होगा किसको पता 'भी गाया।