दादासाहेब फाल्के फ़िल्म फ़ाउंडेशन अवॉर्ड्स को भारतीय फ़िल्म इंडस्ट्री में अपनी कलात्मकता प्रस्तुति और तकनीकी योग्यता के लिए और इसे उम्दा किस्म की सिनेमाई प्रतिभाओं को सम्मानित करने के लिए दुनिया भर में जाना जाता है । ये एकमात्र ऐसा सम्मान है जिसे फ़ेडरेशन ऑफ़ वेस्टर्न इंडिया सिने एम्प्लॉइज़ (FWICE) द्वारा मान्यता प्राप्त है। इसकी ख़ासियत है कि इसे फ़िल्म इंडस्ट्री से संबंधित जूरी द्वारा आंकलन के बाद ही विशिष्ट हस्तियों को दिया जाता है।
भारतीय फ़िल्म इंडस्ट्री में इसे सबसे श्रेष्ठ और प्रतिष्ठित पुरस्कारों में से एक माना जाता है। इसे सिनेमा के क्षेत्र में अपना अहम योगदान देनेवाली विशिष्ट हस्तियों को दिया जाता है। हर साल भारतीय फ़िल्म इंडस्ट्री से जुड़ी गणमान्य लोगों की एक कमिटी अवॉर्ड्स पानेवालों का चयन करती है। इसके बाद ही सभी हस्तियों को प्रतिष्ठित दादासाहेब फाल्के फ़िल्म पुरस्कारों से नवाज़ा जाता है।
दादासाहेब फाल्के फिल्म फ़ाउंडेशन अवॉर्ड्स 2019 ने तमाम शख़्सियतों को उनकी योग्यता के आधार पर उन्हें सम्मानित किया। रवि दुबे को बेस्ट एक्टर का अवॉर्ड मिला तो वहीं 'हल्का' के लिए रणवीर शौरी को बेस्ट एक्टर - क्रिटिक च्वाइस अवॉर्ड से नवाज़ा गया। हिट टेलीविजन शो 'ये रिश्ता क्या कहलाता है' के मोहसिन खान और शिवांगी जोशी समेत पूरी टीम यहां मौजूद थी। सीरियल की कामयाबी के लिए उन्हें कई अवॉर्ड्स से नवाज़ा गया। सुष्मिता सेन को आइकन ऑफ़ द इंडियन अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। फिल्म मेकर अनुषा श्रीनिवासन अय्यर को अपनी शॉर्ट फ़िल्म 'सारे सपने अपने हैं' के लिए बेस्ट लेखक-निर्देशक का अवॉर्ड मिला। राखी सावंत, दिगंगना सूर्यवंशी, सुनील ग्रोवर, योगमाता कैको अइकावा और संदीप सोपारकर समेत कई और हस्तियों को स्टेज पर गणमान्य प्रेजेंटर्स द्वारा सम्मानित किया गया।
दादासाहेब फाल्के फ़िल्म फ़ाउंडेशन के अध्यक्ष अशफ़ाक खोपकर और उपाध्यक्ष बाबूभाई थीबा ने कहा इस साल आयोजित किया गया अवॉर्ड्स समारोह पहले से और भव्य और बेहतर था। उन्होंने कहा, 'हमारे अवॉर्ड्स का इतिहास काफ़ी गौरवशाली रहा है। इससे पहले, अमिताभ बच्चन, शाहरुख खान, अक्षय कुमार, रितिक रोशन, सोनम कपूर, शाहिद कपूर, मनीषा कोईराला, फ़रीदा जलाल, करणवीर बोहरा, दिव्या दत्ता, मंजरी फडनीस, शिल्पा शेट्टी, तमन्ना भाटिया, शरमन जोशी, मुकेश खन्ना, रवीना टंडन, शत्रुघ्न सिन्हा, नुसरत भरूचा, मनोज बाजपेयी, काम्या पंजाबी, श्रेयस तलपडे, कोंकणा सेन शर्मा, हुमा कुरैशी, राजकुमार राव, टाइगर श्रॉफ़, प्रेम चोपड़ा, जया प्रदा, करण वाही जैसी हस्तियों को इन पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है और इसी कड़ी में आज बाक़ी हस्तियों को पुरस्कार से नवाज़ा गया है।'
इस सम्मान को महज़ अपने ग्लैमर के लिए नहीं जाना जाता है, बल्कि बाक़ी पुरस्कारों से दादासाहेब फाल्के फिल्म फ़ाउंडेशन पुरस्कार की अहमियत काफ़ी अधिक है। ये एकमात्र ऐसा पुरस्कार है जहां पर्दे के पीछे मशक्कत करनेवाले और लाइमलाइट से दूर रहनेवाले तकनीशियनों को सम्मानित किया जाता है। इसके लिए तकनीशियनों से संबंधित 28 संगठन वोट करते हैं और फिर उनके द्वारा चुने हुए लोगों को सम्मानित किया जाता है। दादासाहेब फाल्के फिल्म फ़ाउंडेशन के प्रवक्ता ने कहा, 'दादासाहेब किसी भी तकनीशियन को कभी भी कमतर करके नहीं आंकते थे।' इस कार्यक्रम का आयोजन साक्षात् एंटरटेनमेंट ने वरदान फ़िल्म्स मोशन पिक्चर्स प्राइवेट लिमिटेड के साथ साझा तौर पर किया।