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रेखा गौड़ बनीं दादा साहेब फाल्के मेमोरियल फाउंडेशन की सेक्रेट्री और मैनेजिंग ट्रस्टी

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रेखा गौड़ बनीं दादा साहेब फाल्के मेमोरियल फाउंडेशन की सेक्रेट्री और मैनेजिंग ट्रस्टी

फाउंडेशन के लॉन्च के अवसर पर दादा साहेब फाल्के के ग्रैंड सन चंद्रशेखर पुसालकर भी रहे उपस्थित, जिन्हें ट्रस्टी बनाया गया है

मशहूर सीरियल 'भाभी जी घर पर हैं' में तिवारी जी का रोल कर रहे रोहिताश्व गौड़ की पत्नी रेखा गौड़ दादा साहेब फाल्के मेमोरियल फाउंडेशन की सेक्रेट्री और मैनेजिंग ट्रस्टी बनाई गई हैं। दरअसल 23 अप्रैल को मुम्बई के मराठी पत्रकार संघ में हुई एक प्रेस कांफ्रेंस में इस फाउंडेशन को लांच किया गया। डीपीएमएफ के फॉउंडर प्रेसिडेंट पंधारी शेट्टी हैं जबकि इसके ट्रस्टी में खुद दादा साहेब फाल्के के ग्रैंड सन चंद्रशेखर पुसालकर  का नाम भी शामिल है।

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इस अवसर पर चंद्रशेखर जी, रेखा गौड़ ने दीप प्रज्वलित करके दादा साहेब फाल्के को श्रद्धांजलि पेश की।

इस मौके पर चंद्रशेखर जी ने कहा कि फाल्के जी की सोच थी कि कुछ अलग करना है। फाल्के के नाम पर आजकल कई दुकानें चल रही हैं, कई अवार्ड्स हो रहे हैं, मगर इस फाउंडेशन का मकसद अलग है। अगर आपको ट्रस्टी बनाया गया है तो लोगों ने आप पर विश्वास करके ट्रस्टी बनाया है, उसका ग़लत इस्तेमाल न करें।

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यहां दादा साहेब फाल्के के अनसुने किस्से का पोस्टर भी लांच किया गया।

रेखा गौड़ ने यहां मीडिया से बात करते हुए कहा कि संघर्ष करने वाले कलाकारों के लिए भी हमारी एनजीओ कुछ करना चाहती है। एक ओटीटी प्लेटफॉर्म भी लांच करने की बात भी हो रही है।  उनके परिवार से ट्रस्टी के रूप में इस एनजीओ से कोई पहली बार जुड़े हुए हैं। इसलिए यह फाउंडेशन काफी विश्वसनीय है।

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इस अवसर पर चंद्रशेखर जी ने यह भी मांग की कि दादा साहेब फाल्के को भारत रत्न मिलना चाहिए। इस बात को रेखा गौड़ ने भी  सही ठहराया।

रेखा गौड़ ने यहां कहा कि आल इंडिया आर्टिस्ट एसोसिएशन शिमला की स्थापना मेरे ससुर श्री सुदर्शन गौड़ ने और बलराज सहनी ने मिलकर १९५५ में शिमला में की थी. उस समय भारत नया नया आजाद हुआ था समाज में कई सिलसिले चल रहे थे. ऐसे में कला ही एक ऐसा पक्ष था जिससे समाज में लोग एकदूसरे से जुड़ सकते थे।

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रेखा गौड़ ने यहां बताया कि दादा साहेब फाल्के मेमोरियल फाउंडेशन से जुड़कर मैं खुद को बेहद भाग्यशाली मान रही हूं। यह फाउंडेशन सिर्फ दादा साहेब फाल्के के नाम पर अवार्ड करने के लिए स्थापित नहीं किया गया है बल्कि इस का उद्देश्य फ़िल्म इंडस्ट्री से जुड़े लोगों की मदद करना है। कलाकार काफी इमोशनल और स्वाभिमानी होते हैं, वे सामने से किसी से मांगने नहीं जाते ऐसे में हम सब की जिम्मेदारी है कि हम जरूरतमंद कलाकारों का सहयोग करें।

-कोरील राजेश कुमार

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