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रॉयल स्‍टैग बैरल सिलेक्‍ट लार्ज शॉर्ट फिल्‍म्‍स ने जियो मामी मुंबई फिल्‍म फेस्टिवल में 4 सशक्‍त शॉर्ट फिल्‍में दिखायी

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By Mayapuri Desk
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रॉयल स्‍टैग बैरल सिलेक्‍ट लार्ज शॉर्ट फिल्‍म्‍स ने जियो मामी मुंबई फिल्‍म फेस्टिवल में 4 सशक्‍त शॉर्ट फिल्‍में दिखायी

भारत में शॉर्ट फिल्‍मों का सबसे ज्‍यादा विश्‍वसनीय और अनूठा प्‍लेटफॉर्म, रॉयल स्‍टैग बैरल सिलेक्‍ट लार्ज शॉर्ट फिल्‍म्‍स ने 20वें जियो मामी मुंबई फिल्‍म फेस्टिवल में 4 सशक्‍त फिल्‍मों का प्रदर्शन किया।

रॉयल स्‍टैग बैरल सिलेक्‍ट लार्ज शॉर्ट फिल्‍म्‍स ने चार सशक्‍त और परफेक्‍ट फिल्‍मों- अनिरुद्ध रॉय चौधरी की माया’, अनुषा बोस की शेम’, संजीव विग की रोगन जोशऔर समीर सिधवानी व किशेार सिधवानी द्वारा निर्देशित व नीरज पाण्‍डेय द्वारा प्रोड्यूस लड्डूफिल्‍मों का प्रदर्शन किया गया। पैनल चर्चा में इन महाराथी कहानीकारों ने परफेक्‍शन की खोजके बारे में चर्चा की।

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इस फेस्टिवल के बारे में बताते हुए, कातिर्क मोहिन्‍द्रा, चीफ मार्केटिंग ऑफिसर, पर्नोर्ड रिकार्ड इंडिया ने कहा, ‘’लगातार तीसरे साल भी हमारे द्वारा तैयार की गई कैटेगरी के लिये, मामी के साथ अपनी साझीदारी को सुदृढ़ बनाते हुए हमें प्रसन्‍नता महसूस हो रही है। रॉयल स्‍टैग बैरल सिलेक्‍ट लार्ज शॉर्ट फिल्‍म्‍स का हमारा प्‍लेटफॉर्म भारत में शॉर्ट फिल्‍मों का पर्थप्रदर्शक बन गया है। सारे जोनर्स में ओरिजनल, सशक्‍त और सटीक, अनूठे कंटेंट तैयार करते हुए हमने अपनी एक अलग पहचान बनायी है। शॉर्ट फिल्‍म कैटेगरी में साझीदारी के साथ, फिल्‍म फेस्टिवल में 4 नामचीन निर्देशकों और 10 नये फिल्‍मकारों की शॉर्ट फिल्‍में दिखाने की भी हमें खुशी है, इससे यह साझीदारी और भी व्‍यापक हो रही हैं।‘’publive-image

जियो मामी मुंबई फिल्‍म फेस्टिवल के साथ रॉयल स्‍टैग बैरल लार्ज शॉर्ट फिल्‍म्‍स के पिछले दो सीजन काफी सफल रहे, उस दौरान इस बहुचर्चित फिल्‍म फेस्टिवल में शॉर्ट फिल्‍मों की एक पूरी कैटेगरी बनाई गई थी। रॉयल स्‍टैग बैरल लार्ज शॉर्ट फिल्‍म्‍स को फेस्टिवल की इस कैटेगरी की स्‍पॉन्‍सरशिप मिली है और मुंबई में इस प्रतिष्ठित फिल्‍म फेस्टिवल के 20वें सीजन में भी यह स्‍पॉन्‍सरशिप जारी रहेगी।

Naseeruddin Shah Naseeruddin Shah

स्‍टैग बैरल सिलेक्‍ट लार्ज शॉर्ट फिल्‍म्‍स का प्‍लेटफॉर्म शॉर्ट फिल्‍म जोनर में अग्रणी रहा है। नये और स्‍थापित निर्देशकों व कहानीकारों के साथ, यह प्‍लेटफॉर्म ओरिजनल, सशक्‍त और परफेक्‍ट शॉर्ट फिल्‍म कंटेंट के लिये एक स्‍थान बन गया है। ढेर सारी सशक्‍त शॉर्ट फिल्‍मों के जरिये, इस प्‍लेटफॉर्म ने पिछले कुछ सालों में सिनेप्रेमियों के लिये फिल्‍म देखने के अनुभव को सफलतापूर्वक पुन:परिभाषित किया है। इसने ना केवल बेहद लोकप्रियता हासिल की है, बल्कि यह प्‍लेटफॉर्म भारत में शॉर्ट फिल्‍मों के लिये सबसे विश्‍वसनीय और चर्चित माध्‍यम बन गया है।

Swara Bhaskar, Tara Sharma Swara Bhaskar, Tara Sharma

उम्‍दा व सशक्‍त 4  फिल्‍में से जुड़ी और भी बातें:

  • पद्माप्रिया अभिनीत, अनिरुद्ध रॉय चौधरी द्वारा निर्देशित ‘माया’ एक अनोखी प्रेम कहानी है। इस कहानी में जहां लड़का प्‍यार में है, वहीं वह लड़की उसकी भावनाओं से बेखबर है। जैसे-जैसे कहानी आगे बढ़ती है, वह लड़का उससे पहचान बढ़ाता है और फोन पर अपनी पहचान बताये बिना बातें करता है। वह इस बात को नहीं जानती है कि यह वही लड़का है।
  • अनुषा बोस की ‘शेम’ एक लाचार, अकेली महिला की कहानी है जोकि अपनी गरिमा, आत्‍मविश्‍वास और अपनी ख्‍वाहिश पूरी करने के अधिकार को फिर से पाने के लिये खड़ी होती है। इसमें स्‍वरा भास्‍कर, रणवीर शौरी, तारा शर्मा, सायनी गुप्‍ता और सायरस ने प्रमुख भूमिकाएं निभायी हैं। यह डार्क कॉमेडी दो पतली रेखाओं के बीच चलती है, जो दुनिया को अलग करती है; जिनके पास सबकुछ है से लेकर जिनके पास कुछ भी नहीं है। अमीर व्‍यक्ति से लेकर सेवादाताओं तक, सक्षम से लेकर दमित तक।
  • संजीव विग की ‘रोगन जोश’ ताज होटल्‍स के जाने-माने शेफ की कहानी है, जो अपने परिवारवालों और दोस्‍तों को अपना बर्थडे मनाने के लिये डिनर पर बुलाता है। वह डिनर टेबल, 26/11 की उस खौफनाक रात के डरावने अनुभावों को शेयर करने का जरिया बन जाता है। जैसे-जैसे कहानी आगे बढ़ती है, वे मजाक करते हैं कि वह रात कितनी खौफनाक हो गई थी और जीवन को बदल देने वाली उस घटना के बाद, अपने वजूद की क्‍वालिटी पर सवाल उठाये।
  • समीर सिधवानी और किशोर सिधवानी की निर्देशक जोड़ी की फिल्‍म लड्डू एक जिज्ञासु छोटे लड़के की कहानी है। हिन्‍दू मान्‍यताओं के अनुसार ऐसा माना जाता है कि अपने पूर्वजों के लिये उनकी बरसी पर जो पूजा-पाठ करते हैं, वह पंडित के माध्‍यम से उन तक पहुंचता है, लेकिन वह छोटा बच्‍चा इस बात को समझ नहीं पाता कि यह आखिर होता कैसे है। फिर भी वह इस कॉन्‍सेप्‍ट के बारे में सोचता रहता है, उसे उसके दादाजी की बरसी पर पंडित को भोजन पहुंचाने का काम सौंपा जाता है। एक जिज्ञासु व्‍यक्ति होने के कारण, वह हार नहीं मानता और अपने सवाल का जवाब जानने के लिये एक छोटा-सा एडवेंचर करता है।

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