अब कोई भी शिक्षा से वंचित नहीं रहेगा प्रतिभावान छात्रों को मिलेगी एक करोड़ छात्रवृति ये कहना है अपना परिवार ग्लोबल के राम कैलाश गुप्ता का, जो दिल्ली में अपना परिवार ग्लोबल एपीजी के दिल्ली प्रकोष्ठ की बैठक में आपने विचार रख रहे थे, इस बैठक का मुख्य आकर्षण था, प्रशासनिक सेवाओं के लिए अभिलाषी किन्तु आर्थिक रूप से अक्षम युवाओं के लिए एक करोड़ रूपए की सहायता राशि का अनुमोदन। यह राशि छात्रवृति के रूप में उन प्रतिभावान एवं सक्षम उम्मीदवार जो आर्थिक कारणों से पूर्ण संभव तैयारी न कर पाने के कारण भारतीय प्रशासनिक सेवाओं में चयनित नहीं हो पाते हैं, को सहायतार्थ दी जाएगी जिससे वे आईएएस/आईपीएस /आईएएस, जुडिसियरी एवं अन्य उच्च शिक्षा के क्षेत्र में मेधावी छात्रों को तैयारी के लिए आर्थिक सहायता मिल सकेगी।अपना परिवार ग्लोबल, इस प्रयास में पहली किस्त के तौर पर एक करोड़ का चेक ग्लोबल वैश्य फाउंडेशन को प्रदान किया। आने वाले समय में संस्था इस प्रकार के बच्चों के लिए हॉस्टल सुविधा, उनके लिए किताबें और अप्रतिदेय कोचिंग इंस्टिट्यूट फीस की मदद करेगी।
एपीजी मेम्बर डॉ. राम कैलाश गुप्ता, सुबोध गुप्ता, राम अवतार अग्रवाल, प्रदीप भरेच, अक्षय खंडेलवाल ने इस कार्य को आजीवन संरक्षण के रूप में लिया है। वहीं हरी मोहन डंगायच, चतुर्भुज अग्रवाल, डॉ. एस एन चांडक, एस के जैन, अनिल गोयल, अशोक कुमार गोयल, सी. एम. गर्ग, महेश जलानी, विपुल मित्तल, नरेश रावत, आशीष सरना, कुसुम गुप्ता, जी. एस. सिंघवी, सरन बिहारी अग्रवाल, डी. के. अग्रवाल, दीपक बावा, लक्ष्मीपत बोथरा, एस. एस. अग्रवाल, ब्रिज मोहन गर्ग, नरेश गोयल, चंदर प्रकाश अग्रवाल, डॉ. दीपक जैन, रमेश डांग, अनिल खंडेलवाल, राजेश अग्रवाल, सुरेश खंडेलवाल, सि़द्धार्थ खंडेलवाल, रमेश अग्रवाल, विजय डालमिया, राम गोपाल गोयल, अरूण गुप्ता, डॉ. रमेश गुप्ता, (यूएसए), अरूण कुमार, राकेश रावत, मूलचंद अग्रवाल इस प्रयास के लिए 11-11 लाख का सहयोग दिया है। इस बैठक में अनेक आई. ए. एस अधिकारी सम्मिलित हुए जिन्हें पुष्प अंगवस्त्र एवं गणेश प्रतिमा स्मृति चिन्ह से सम्मानित किया गया।
एपीजी संस्थापक अध्यक्ष डॉ. राम कैलाश गुप्ता एवं सुनील शास्त्री , सुरेश खंडेलवाल , राज कुमार गुप्ता, एक्शन बालाजी, सुबोध गुप्ता माइक्रोटेक, एस एस अग्रवाल, राम अवतार अग्रवाल, गोहाटी, प्रदीप भरेच, गोहाटी, सचिन गुप्ता, संस्कृति यूनिवर्सिटी, ने सभी को होली की बधाई देते हुए एपीजी के इस प्रयास के प्रति अपने विचार व्यक्त किए। बैठक की समाप्ति मधुर संगीत एवं रात्रि भोज के साथ हुआ।