कहानी नवजोत सिंह सिद्धू की... वाह गुरु फिर हो गए शुरू By Mayapuri Desk 29 Sep 2021 | एडिट 29 Sep 2021 22:00 IST in फोटो फोटोज़ New Update Follow Us शेयर बात 2017 की है जब क्रिकेट, टीवी और राजनीति के सितारे नवजोत सिंह सिद्धू अपनी राजनीतिक पार्टी बदले थे। वह बीजेपी का साथ छोड़कर कांग्रेस पार्टी के साथ जुड़ने की चर्चा में थे। मैं बॉलीवुड और राजनीति के लोगों के बीच में काफी चर्चित 'गुरुजी' - स्ट्रोलॉजर सुब्रत बनर्जी के पास बैठा हुआ था। मेरे साथ दो और पत्रकार- आशुतोष अवनीन्द्र (न्यूज़ 24)और एक दैनिक पत्र 'अमर उजाला' के पत्रकार थे। जाहिर है चर्चा उस समय के राजनीतिक गलियारे से सिद्धू की ही होनी थी। गुरुजी ने अपने लैपटॉप को खोलकर कई जन्म कुंडलिया निकाला, जिनमे एक नवजोत सिंह सिद्धू की थी। सुब्रत दा बोले- 'सिद्धूजी कि कुंडली किसी बहुत बड़े स्टार की कुंडली है लेकिन...वो भटकाव भरी है। जब लगेगा वह चरम पर हैं, वो वहां से हट जाएंगे।' मैंने यह खबर 'मायापुरी' में छापा भी था, शीर्षक था- 'सिद्धू के सितारे गर्दिश में'। छापने की वजह थी कि सिद्धू जी फिल्मी दुनिया के लिए भी स्टार की हैसियत रखते थे। आज जब सिद्धू एक बार फिर चर्चा में हैं, मुख्यमंत्री की कुर्सी उनके आसपास हैं, वह पंजाब प्रदेश के कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे बैठे हैं। मुझे गुरुजी की बात याद आ रही है। नवजोत सिद्धू तब तब गुलाटी मारे हैं जब स्टारडम के बहुत करीब पहुचे हुए देखे जाते हैं। यह उनके जीवन की सोचने की शैली या विडंबना हो सकती है पर उनके चाहने वालों को कुछ ऐसा ही लगता है कि कामयाबी के करीब होकर सिद्धू जी के सितारे गर्दिश में आजाते हैं। सिद्धू जी के क्रिकेट जीवन की शुरुवात 1983 से होकर 1999 तक रही है। यह संयोग ही है कि 83 में ही कपिल देव वर्ल्ड कप जीतकर लाये थे, सिद्धू को भारतीय टीम में तब मौका मिला जब वर्ड विजेता टीम का हिस्सा बनने का मौका जा चुका था। वह ओपनिंग बल्लेबाज़ थे, 'सिक्सर' बैट्समैन कहे जाते थे। 87 के वर्डकप में नाम कमाए थे, फिर 99 में जब क्रिकेट की दुनिया मे उनका बड़ा नाम था, वह क्रिकेट से सन्यास की घोषणा कर अलग हो गए। वजह बताए थे कि उनके एक खराब खेल की वजह से किसी कमेंट्रेटर ने उन पर टिप्पड़ी कर दिया था। फिर वह कमेंट्रेटर बनकर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाए। वह दूरदर्शन पर क्रिकेट मैचों के पॉपुलर कमेंट्रेटर थे। हर क्रिकेट टीम उनकी मांग करने लगी थी,तब वह कमेंट्री को छोड़कर टीवी के एक शो 'द ग्रेट इंडियन लाफ्टर चैलेंज' में जज के रूप में जुड़ गए। फिर टीवी से राजनीति में आगये। 2004 में बीजेपी ज्वाइन किए, चुनाव जीते और संसद में इनकी चर्चा बढ़ी, तभी उनपर एक आदमी की हत्या करने का आरोप लग गया। राजनीति में इस आरोप के बाद रह पाना उनको भारी पड़ गया। वह राजनीति से कुछ समय के लिए दूर होकर रहे।केस से बरी होने के बाद फिर राजनीति में लौटे, चुनाव लड़े और जीते। वह 20016 तक बीजेपी के साथ जुड़े रहे।इस बीच एमपी बने, राज्य सभा सदस्य रहे और फिर जब पार्टी से प्रतिफल लेनेका समय आया, उसी पार्टी को छोड़ दिये, कांग्रेस पार्टी से जुड़ गए। चार साल खूब मेहनत किये, विधायक बने, पंजाब सरकार में मंत्री (मिनिस्टर ऑफ टूरिज्म एन्ड कल्चरल अफ़ेयर) बने। कांग्रेस में अपनी स्थिति मजबूत करने के साथ पार्टी अध्यक्ष बन गए। पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को मुख्य मंत्री पद से बेदखल कराने में सिद्धू की भूमिका को हर कोई जानता है। कहा जाने लगा था कि नवजोत सिद्धू मुख्यमंत्री बनने वाले हैं। यहां फिर उनका गणित बिगड़ गया। चन्नी मुख्यमंत्री बनाये गए और नाराज होकर सिद्धू अध्यक्ष पद भी छोड़ दिए। सिद्धू को फेस वैल्यू देने में टेलीविजन का बड़ा हाथ रहा है। 'द ग्रेट इंडियन लाफ्टर चैलेंज' के वह जज बने, 'पंजाबी चक दे' और 'बिगबॉस-6' के घर मे जाने से उनको खूब शोहरत मिला। कपिल शर्मा शो के बाद से तो देश भर के बच्चे बच्चे उनको पहचानने लगे। उनके बिना अधूरा लगता है कपिल का शो! जिसके वह खास आकर्षण रहे हैं। यानी- नवजोत सिद्धू के जीवन की ट्रेजेडी है कि वह मेहनत करके अपनी स्टार इमेज तैयार करते हैं लेकिन, जब चमकने का असली वक्त आता है वो वहां टिके नही रह पाते हैं। शायद 'गुरुजी' का कथन सच ही था। अब उनकी राजनीति का ऊंट किस करवट बैठता है, कुछ दिन में ही स्पष्ट हो पाएगा। फिलहाल तो उनको भली भांति जानने वाले कहने लगे हैं... वाह गुरु फिर हो गए शुरू! #about Navjot Singh Sidhu #Navjot Singh Sidhu #Navjot Singh Sidhu news #story about Navjot Singh Sidhu हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Advertisment Latest Stories Read the Next Article