जेठालाल ने सभी गोकुलधाम वासियों को स्तम्भित कर दिया। उसने सभी को निमंत्रण दिया कि वे उसके साथ वडोडरा चलें और स्टेचू ऑफ़ यूनिटी पर हो रहे पतंगबाजी के त्यौहार में भाग लें। इसमें विदेशों से बहुत सारे लोग अलग अलग तरह की रंग बिरंगी पतंगे उड़ायेंगे।
सभी उत्साहित हैं और अपनी अपनी तैयारियों में लग जाते हैं। वहां पहुंच कर सभी ने स्टेचू ऑफ़ यूनिटी के आमने खड़े होकर पटेल जी को अपना सम्मान दिया। मंदार चंदवरकर ने कहा, 'नरेंद्र मोदी जी द्वारा बनवाया गया स्टेचू ऑफ़ यूनिटी हमारे लिए गर्व का चिन्ह है। मुझे यहां आकर जितना मान मिला है गौरवान्वित महसूस कर रहा हूँ। ' जिसपर श्याम पाठक ने कहा, 'बहुत ही खूबसूरत अनुभव था। तारक मेहता का उल्टा चश्मा पहला टीवी शो है जिसने स्टेचू ऑफ़ यूनिटी पर शूट किया है। ये हमारे लिए गर्व की बात है।'
इस कहानी में जेठालाल का एक मित्र उन्हें व गोकुलधाम के सभी सदस्यों को वडोडरा में स्टेचू ऑफ़ यूनिटी को देखने और वहां पर होने वाले विशेष पतंगबाजी के त्यौहार का आनंद लेने के लिऐ आमंत्रित करता है। दिलीप जोशी के अनुसार वहां पहुंचकर वे सब लोग जैसे उस स्टेचू के फैंस बन गए थे।
'हम सभी बहुत खुश थे। पर शूटिंग करते समय बहुत लोगों की भीड़ इकठ्ठी हो गई थी लेकिन अंत में सब कुछ बहुत ही अच्छी तरह से हो गया था ,' असित कुमार मोदी ने कहा । अम्बिका रंजंकर अमरीका में स्टेचू ऑफ़ लिबर्टी देख चुकी हैं और उनको भारत में स्टेचू ऑफ़ यूनिटी पर लोगों में उसी तरह का उत्साह, भाईचारा और गर्व का भाव देखने को मिला जिसने उनका दिल खुशी से भर दिया ।
तन्मय वेकरिया के लिए तो जैसे ये ट्रिप एक पिकनिक की तरह था उनके अनुसार ये मोन्यूमेंट केवल गुजरात ही नहीं पर पूरे भारत के लिए गर्व व सम्मान का विषय है। सभी लोग हेलीकाप्टर में बैठ कर नर्मदा डैम और स्टेचू ऑफ़ यूनिटी को ऊपर से देखने के लिए गए।