'द बॉडी शॉप' ने दुनिया भर में कॉस्मेटिक एनिमल टेस्टिंग यानि जानवरों पर किए जाने वाले परीक्षणों पर रोक लगाने के लिए एक अभियान का लॉन्च किया। जानवरों पर किए जाने वाले परीक्षणों पर लगाम लगाने के लिए काम करने वाले गैर-लाभ संगठन क्रुएल्टी फ्री इंटरनेशनल के साथ साझेदारी में द बॉडी शॉप इस अभियान को सर्वोच्च प्राधिकरण युनाईटेड नेशन्स तक लेकर जाएगा और जानवरों पर की जाने वाली कॉस्मेटिक टेस्टिंग पर रोक लगाने के लिए अन्तरराष्ट्रीय सम्मेलन के लिए अनुरोध करेगा।
जानवरों के परीक्षण की सम्भावनाएं आज भी दुनिया भर में जोखिम पर है, क्योंकि 80 फीसदी देशों में आज भी कॉस्मेटिक टेस्टिंग के लिए कोई कानून नहीं हैं। जहां एक ओर ज़्यादातर देशों में जानवरों के परीक्षण पर आधारित डेटा की आवश्यकता नहीं होती और भरोसेमंद विकल्प उपलब्ध हैं। वहीं दूसरी ओर द बॉडी शॉप जैसी ब्यूटी कम्पनियां अपने उत्पादों में ऐसे आधुनिक अवयवों का इस्तेमाल कर रही हैं जिसके लिए जानवरों पर किसी तरह का अत्याचार नहीं किया जाता। क्रुएल्टी फ्री इंटरनेशनल के अनुसार आज भी कुछ देशों में तकरीबन 500,000 जानवरों का इस्तेमाल हर साल कॉस्मेटिक टेस्टिंग के लिए किया जाता है।
द बॉडी शॉप और क्रुएल्टी फ्री इंटरनेशनल का नया अभियान दुनिया के हर कोने में, हमेशा के लिए उत्पादों और अवयवों के लिए जानवरों की कॉस्मेटिक टेस्टिंग पर रोक लगाने की मांग करता है। यह एनिमल टेस्टिंग के खिलाफ़ अब तक का सबसे बड़ा और सबसे महत्वाकांक्षी अभियान है। जिसके माध्यम से 8 मिलियन लोग याचिका पर हस्ताक्षर करेंगे तथा इस याचिका को युनाईटेड नेशन्स के समक्ष प्रस्तुत करके एक अन्तरराष्ट्रीय सम्मेलन की मांग की जाएगी। जानवरों की कॉस्मेटिक टेस्टिंग की क्रूर प्रथा को समाप्त करने के लिए आवाज़ उठाई जाएगी। याचिका पर ऑनलाईन या दुनिया भर में मौजूद द बॉडी शॉप के 3000 में से किसी भी स्टोर पर हस्ताक्षर किए जा सकते हैं। उपभोक्ता सोशल मीडिया पर इस मुद्दे पर जागरुकता पैदा करने के लिए अभियान हैशटैग #ForeverAgainstAnimalTesting का इस्तेमाल कर सकते हैं।
अभियान पर बात करते हुए द बॉडी शॉप इण्डिया की ब्राण्ड अम्बेसडर जैकलीन फर्नान्डीज़ ने कहा, ‘‘वास्तविक खूबसूरती किसी को नुकसान पहुंचा कर, विशेष रूप से जानवरों को नुकसान पहुंचा कर नहीं पाई जा सकती। कॉस्मेटिक ब्राण्ड्स के लिए जानवरों की टेस्टिंग पर रोक लगाई जानी चाहिए। समाज के प्रति ज़िम्मेदार संगठन ऐसी जांच प्रक्रियाओं का इस्तेमाल नहीं करेगा जिससे किसी के भी स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचता हो। इसीलिए मैं द बॉडी शॉप की इस नेक पहल का समर्थन करती हूँ, जिन्होंने जानवरों की कॉस्मेटिक टेस्टिंग पर रोक लगाने के लिए इस अभियान का लॉन्च किया है। मैं आप सभी से अनुरोध करती हूँ कि याचिका पर हस्ताक्षर करें और हमारे जानवरों को बचाएं।’’
द बॉडी शॉप इण्डिया की सीओओ श्रीती मल्होत्रा ने कहा, ‘‘हमें खुशी है कि भारत दक्षिणी एशिया का पहला देश था जिसने 2013 में जानवरों की टेस्टिंग पर रोक लगाई। द बॉडी शॉप को गर्व है कि यह जानवरों के साथ क्रूरता नहीं करता और जानवरों की कॉस्मेटिंग टेस्टिंग के बजाए प्रभावी, आधुनिक एवं गैर-जानवर विकल्पों का इस्तेमाल करता है। हमारे फॉरएवर अगेन्स्ट एनिमल टेस्टिंग ;थ्।।ज्द्ध अभियान के तहत हम अपने उपभोक्ताओं से आग्रह करते हैं जानवरों की टेस्टिंग की इस अनावश्यक एवं पुरानी हो चुकी प्रथाओं को रोकने में हमारी मदद करें और इसके लिए हमारी वेबसाईट या स्टोर्स में याचिका पर हस्ताक्षर करें।’’
जानवरों की टेस्टिंग पर आधारित नियम अनुपयुक्त हैं और दुनिया भर में अलग-अलग हैं, ऐसे में उपभोक्ताओं को इनकी जानकारी नहीं है। कॉस्मेटिक उत्पादों और अवयवों में जानवरों के पारम्परिक परीक्षणों की वैद्यता को अब तक सत्यापित नहीं किया गया है। आज कई आधुनिक विकल्प उपलब्ध हैं जैसे कृत्रिम रूप से मनुष्यों की त्वचा का विकास, जो जानवरों पर किए जाने वाले परीक्षणों की तरह ही प्रभावी हैं और इन्हें प्राधिकरणों द्वारा सत्यापित किया जा चुका है।
द बॉडी शॉप में सीनियर मैनेजर- इंटरनेशनल कैम्पेन्स एण्ड कोरपोरेट रिस्पॉन्सिबिलिटी- जेसी मैकनील- ब्राउन ने कहा, ‘‘द बॉडी शॉप का मानना है कि कॉस्मेटिक के नाम पर जानवरों को नुकसान नहीं पहुंचाया जाना चाहिए। कॉस्मेटिक उत्पादों और इनके अवयवों के लिए जानवरों पर परीक्षण करना पुरानी एवं अनावश्यक प्रथा है जो जानवरों के प्रति हमारी क्रूरता को दर्शाती है। इसीलिए द बॉडी शॉप और क्रुएल्टी फ्री इंटरनेशनल ने सबसे बडे और सबसे महत्वाकांक्षी अभियान के लिए आपस में हाथ मिलाए हैं ताकि दुनिया भर में कॉस्मेटिक उत्पादों के लिए जानवरों के इस्तेमाल पर रोक लगाई जा सके।’’
‘‘हमने 1980 के दशक में इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर आवाज़ उठाना शुरू किया। आज हम दुनिया के हर कोने से जानवरों के प्रति सहानुभूति रखने वाले कम से कम 8 मिलियन लोगों का आहृन करते हैं कि वे हमारे साथ इस नेक काज में शामिल हों और हमारी याचिका पर हस्ताक्षर करें। हम इस याचिका को संयुक्त राष्ट्रों तक लेकर जाएंगे और कॉस्मेटिक उत्पादों के लिए जानवरों की टेस्टिंग पर रोक लगाने हेतू एक विश्वस्तरीय कानून बनाने की मांग करेंगे। इस तरह के अन्तरराष्ट्रीय कानून के साथ उपभोक्ता आश्वस्त होगा कि वह ऐसे उत्पाद खरीद रहा है जिन्हें बनाने के लिए जानवरों का इस्तेमाल नहीं किया गया है। समय आ गया है कि हम कॉस्मेटिक प्रयोजनों के लिए जानवरों की टेस्टिंग बंद करें। हम आप सभी से अनुरोध करते हैं कि इस अभियान में हमारा साथ दें।’’
क्रुएल्टी फ्री इंटरनेशनल के सीईओ मिशैल थ्यू ने कहा, ‘‘लोग एनिमल टेस्टिंग को लेकर भ्रमित हैं। दुनिया भर के लोग इस क्रूर प्रथा को समाप्त करना चाहते हैं, फिर भी इस दृष्टि से मौजूदा नियमों में बड़े अंतराल हैं। ज़्यादा से ज़्यादा संख्या में देश ऐसी प्रथाओं को अपनाना चाहते हैं जिनमें जानवरों की टेस्टिंग का इस्तेमाल न किया जाए, इस दिशा में अभी बहुत काम किया जाना बाकी है। ज़्यादातर देशों में आम जनता को और यहां तक कि विनियामकों को टेस्टिंग डेटा उपलब्ध कराना ज़रूरी नहीं है। ऐसे में यह पता लगाना मुश्किल है कि एनिमल टेस्टिंग कितने बड़े पैमाने पर फैली है। अगर केवल एक कम्पनी या एक देश एनिमल टेस्टिंग का इस्तेमाल करे तो इसका नुकसान बड़े पैमाने पर जानवरों को होता है। दुनिया भर में 80 फीसदी देश आज भी कॉस्मेटिक उत्पादों के लिए जानवरों पर परीक्षण करते हैं, इसलिए हमें जानवरों को इस क्रूरता से बचाने के लिए दुनिया भर में इन परीक्षणों को प्रतिबंधित करना होगा। हमें खुशी है कि क्रुएल्टी फ्री इंटरनेशनल और द बॉडी शॉप एक साथ मिलकर इस अभियान को प्रोत्साहित कर रहे हैं, जिससे जानवरों पर किए जाने वाले परीक्षणों पर रोक लगाई जा सकेगी।’’