बॉलीवुड में 'ड्रीम गर्ल' के साथ मायानगरी की 'सॉफ्ट पावर' के रूप में पहचान बना चुकी हेमा मालिनी ने करीब पचास साल बाद फिर से भारत में ‘सुख्शवली’ को आमंत्रित किया है। हेमा अब इंडो-जार्जियन डांस फ्यूजन 'सिनर्जी' प्रस्तुत करने जा रही हैं, जो एक सांस्कृतिक ओडिसी होगी, जो दुनिया को दो प्राचीन संस्कृतियों- भारत और जॉर्जिया से परिचय कराएगी और दोनों देशों की प्रतिभाओं को हाईलाइट करने के लिए उन्हें मंच प्रदान करेगी। हेमा पिछले दिनों इसी कार्यक्रम के प्रमोशन के सिलसिले में दिल्ली में थीं, जहां उन्होंने मीडिया से बातचीत की।
हेमा मालिनी को भारत के लिए अनौपचारिक 'सांस्कृतिक' राजदूत माना जाता है, क्योंकि इन्होंने भारत की विविध संस्कृति को दुनिया में प्रसारित करने को अपना मिशन बनाया है। सिनर्जी के साथ संबंध के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा, ‘मैं यहां सिनर्जी को पेश करने और यहां के माहौल से उसका तालमेल स्थापित करने को लेकर बेहद खुश हूं। इसके आरंभ के पीछे एक बहुत दिलचस्प कहानी है। दरअसल, मेरी मां के नाम पर जयास्मृति नामक एक संगठन है और सभी तरह के कलाकारों को बढ़ावा देने के लिए वह प्रेरणा देती रहती थीं। इसीलिए मैं भी कलाकारों को बढ़ावा देने में उनके कदमों का पालन कर रही हूं।’
उन्होंने कहा, ‘जब मैं जॉर्जिया की यात्रा की, तो वहां के कलाकारों का डांस देखकर अभिभूत हो गई। ऐसे में मैंने उन्हें भारत में प्रदर्शन करने का आग्रह किया, तो सिनर्जी को मेरा विचार पसंद आया और वह सहमत हो गए, जिसका परिणाम आपके सामने है।’ हेमा ने बताया कि इस कार्यक्रम का प्रदर्शन कोलकाता, चेन्नई, बॉम्बे और दिल्ली में होगा, जहां भारत और जॉर्जिया के लगभग 70 नर्तक परफॉर्म करेंगे। नृत्य शैली के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा, 'यह एक अलग प्रकार का नृत्य है, जिसमें अन्य नृत्य शैली के साथ कोई समानता नहीं है। यह एक शक्तिशाली नृत्य है, जो जॉर्जिया का पारंपरिक नृत्य रूप है। अगर हमें इस कार्यक्रम में सफलता मिलती है, तो मैं निश्चित रूप से अगले साल रूसी बैले को भारत लाऊंगी।