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'रिफ्यूजी कैम्प' नामक किताब जो 2018 कि बेस्टसेलर बुक रह चुकी है।25 फरवरी 2021 को इसका नाटकीय रूपांतरण होने जा रहा है।
दिल्ली के प्रतिष्ठित कामानी ऑडीटोरियम में सक्षम ग्रुप के द्वारा।यह नाटक कई मायनों में खास है। यह नाटक 2020 की महामारी के बाद होनेवाला सर्वप्रथम कार्यक्रम है और साथ ही साथ देश के सबसे बड़े मुद्दे कश्मीर की समस्या भी बताता है।
'रिफ्यूजी कैंप' आशीष कौल द्वारा प्रस्तुत किया गया है, जो मीडिया के दिग्गज और एक बिज़नेस लीडर हैं। उन्होंने विभिन्न समूहों का नेतृत्व किया है। कौल रिफ्यूजी कैंप, दिद्दा दी वारियर क्वीन ऑफ कश्मीर, रक्त गुलाब, स्त्री देश समेत अन्य बेस्टसेलर के लेखक हैं। वह कश्मीर के भूले हुए इतिहास को याद दिलाने के साथ साथ सक्रिय रूप से युवाओं को आतंक के खिलाफ एक कदम उठाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।
कौल ने आश्चर्य जताते हुए कहा कि 'आज, 100% साक्षरता दर के साथ दुनिया का एकमात्र समुदाय जो अपनी पहचान के लिए संघर्ष कर रहा हैं और दुनिया चुप है। भारत की अगली पीढ़ी को पता नहीं है कि कश्मीर में क्या हुआ है। उन्हें सच्चाई जानने की जरूरत है। मेरा मानना है कि अभी भी कश्मीर में शांति की उम्मीद है। कश्मीर में शांति को स्थापित करने की जरूरत है और इन्हीं सब का जिक्र रिफ्यूजी कैंप' में किया गया है।
माननीय लेफ्टिनेंट गवर्नर (जम्मू-कश्मीर) महामहिम राज्यपाल मनोज सिन्हा, जी ने श्री आशीष कौल को एक विशेष संदेश में कहा कि '3 दशकों से कश्मीर के लिए आतंकवाद एक बङा संकट बना हुआ है। हालांकि, दर्द और विवाद के इन क्षणों में, मेरा मानना है कि 'रिफ्यूजी कैंप' जैसी किताब कश्मीरियत को ज़िन्दा रखने की उम्मीद को दर्शाती हैं। आपकी ' रिफ्यूजी कैंप' की कहानी जो की एक बेस्टसेलर किताब रही है, युवाओं को आतंक के खिलाफ लड़ने के लिए उनमें ज़ज्बा और जुनून भरती हैं, उनका मानना कि देश तथा कश्मीर का भविष्य युवाओं के हाथों मे हैं'।
सुधांशु मित्तल ने कहा, 'कश्मीर के पवित्र हृदय क्षेत्र में जो कुछ भी हुआ वह हास्यास्पद था, पूरा भारत उनकी उनका पलायन देख रहा था, लेकिन पूरा देश चुप था, भारत इस रक्तहीन घटना को कभी नहीं भूल पाएगा। हमें इस बारे में बात करनी होगी की भविष्य में कोई अन्य शरणार्थी शिविर न हो'।
'रिफ्यूजी कैम्प' कश्मीर और कश्मीरी पंडितों पर लिखी किसी भी किताब पर आधारित पहली मंचीय प्रस्तुति है।
संग्राम सिंह, सोनाली और रूप कुमार राठौड़ और पूर्व सेना प्रमुख जनरल जे.जे सिंह जैसे अलग-अलग क्षेत्रों के प्रतिष्ठित लोगों ने इस पुस्तक पर अपनी प्रशंसा भी प्रकट की है। यह पहली किताब है जिसे कश्मीर में प्रचलित पाकिस्तानी गायक हसन जहाँगीर ने समर्थन किया है।
'रिफ्यूजी कैंप' नाटक कश्मीरी पंडितों द्वारा बिताए गए दर्दभरे अतीत पर आधारित है। यह न केवल कश्मीर की समस्या के बारे में बातचीत शुरू करने पर मजबूर करता है, बल्कि इस समस्या से बाहर आने का रास्ता भी बताता है।
रिफ्यूजी कैंप अभिमन्यु की कहानी है, उसके लीडर बनने की कहानी है,जिसने हज़ारों लोगों को घर वापिस जाने के लिए प्रेरित किया। एक यात्रा की जो घर वापसी के तरफ ले जाने की ओर है। यह गंभीर विपत्तियों के सामने मानवीय भावना और विजय की एक जीवंत कहानी है। यह कहानी पढ़ने में सरल है। हमें यह संदेश देती है कि कोई भी आतंक को समाप्त नहीं कर सकता जब तक हम सभी आतंक के खिलाफ एक साथ खड़े नहीं होते।
मीडिया के दिग्गज, शानदार बिजनेस लीडर और साल 2018 की सबसे ज्यादा बिकने वाले लेखक आशीष कौल द्वारा प्रतिष्ठित बेस्टसेलर किताब पर आधारित रिफ्यूजी कैंप द प्ले के उद्घाटन शो में मशहूर हस्तियों की एक आकाशगंगा ने भाग लिया। मुख्य अतिथि सुधांशु मित्तल, सांसद भाजपा रहेंगें,डॉ सचिदानंद जोशी, सदस्य सचिव इंदिरा गांधी सेंटर फॉर द आर्ट्स मौजूद थे।
सेलेब्रिटीज का सैलाब देखा गया, रिफ्यूजी कैंप के नाटकीय मंचन के दौरान
मुख्य अथिति सुधांशु मित्तल, भाजपा नेता,पियूष अग्रवाल, चेयरमैन प्रभात प्रकाशन,उत्पल कौल, आसन्न सामाजिक कार्यकर्ता और अध्यक्ष उत्पल प्रकाशन,अमरनाथ वैष्णवी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की रोहिणी वैष्णवी।इस शो में संदीप बामज़ाई सीईओ और प्रबंध संपादक आईएएनएस। विभा भट उपाध्यक्ष एबीपी न्यूज़,परिजात कौल,दीपक दुआ प्रबंध संपादक और संस्थापक सिनेयात्रा। इन दिग्गज़ों की उपस्तिथि देखी गई।
अपने स्वागत भाषण में आशीष कौल जी ने सभी अतिथियों को विशेष रूप से धन्यवाद दिया और श्री वीरेंद्र कौल और उनके दोस्तों को मुख्य प्रस्तुति के रूप में समर्थन करने के लिए तहे दिल से धन्यवाद दिया।
यह शो ग्लोबल कश्मीरी पंडित डायस्पोरा (जीकेपीडी) द्वारा भी समर्थित था और जल्द ही वैश्विक दर्शक वर्ग के लिए जीकेपीडी नेटवर्क पर उपलब्ध होगा।