मुम्बई के कार्निवल आयमैक्स वडाला थियेटर ने जैसे उत्सवी रंग रूप धर लिया था. तुतारी और नाशिक ढोल की धुन भगवा रंग में पूरी तरह से घुल-मिल गयी थी. उत्सवी भगवा झंडों में सुनहरे रंग की रौनक संगीत की धुनों पर थिरक रही थी और मद्धम चलती हवाएं उनका पूरा साथ दे रही थीं. एक भव्य स्तंभ के ऊपर 20 फुट के कटआउट के रूप में विराजमान बालासाहेब ठाकरे इस उत्सवधर्मिता से बेहद ख़ुश नज़र आ रहे थे. 'ठाकरे' के ट्रेलर ने न सिर्फ़ वहां निर्मित ख़ुशनुमां वातावरण के साथ न्याय किया, बल्कि बालासाहेब ठाकरे की कद्दावर शख़्सियत को भी सलाम किया।
बालासाहेब ठाकरे मेमोरबिलिया कॉर्नर, मराठा चिह्न और तख़्त पर विराजमान शिवाजी महाराज की भव्य मूर्ति को तमाम झंडे इस ख़ास मौके पर जैसे अपनी सलामी दे रहे थे।
उधर, थियेटर के अंदर लॉन्च किये गये 'ठाकरे' के ट्रेलर को मिले उत्साही प्रतिसाद और तालियों की गड़गड़ाहट ने नाशिक ढोल की धुनों को भी फीका कर दिया था !
'ठाकरे' फ़िल्म का निर्माण राउत'र्स एंटरटेनमेंट एलएलपी, वायकॉम 18 मोशन पिक्चर्स और कार्निवल मोशन पिक्चर्स ने मिलकर किया है. ये फ़िल्म 2019 की सबसे बेहतरीन फ़िल्मों में से एक साबित होगी, जिसका दुनिया भर में बेसब्री से इंतज़ार किया जा रहा है।
ट्रेलर देखने के बाद शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि इसे देखने के बाद उनके रोंगटे खड़े हो गये. उन्होंने कहा, 'मैंने बालादाहेब ठाकरे के जीवन को 52 सालों तक बेहद करीब से देखा और महसूस किया है. ऐसे में उनके जीवन को एक फ़िल्म के अंदर सीमित करना कोई आसान काम नहीं है. मुझे संजय राऊत और उनकी टीम पर पूरा भरोसा है और मुझे उम्मीद है कि दुनियाभर में फ़िल्म की चर्चा होगी. उनकी शख़्सियत कुछ ऐसी थी कि उन्होंने अपने जीवन में कभी कोई समझौता नहीं किया और इस फ़िल्म में उनकी ज़िंदगी को हूबहू उतारने की कोशिश की गयी है।'
तेज़-तर्रार पत्रकार और सांसद संजय राऊत ने सामना का कार्यकारी संपादक रहते हुए अपनी ज़िंदगी का एक लम्बा सफ़र बालासाहेब ठाकरे के साथ तय किया है. उन्होंने कहा कि फ़िल्म में बालासाहेब ठाकरे की दहाड़ती छवि को बेहतरीन तरीके से पेश करने की कोशिश की गयी है. उन्होंने कहा, 'बालासाहेब ठाकरे अपनी ऊर्जा आम लोगों में संचारित कर देते थे और फिर आम लोगों को सुपरमैन होने की शक्ति का एहसास कराते थे. जिस किसी को भी बालासाहेब ठाकरे के करीब आने का मौका मिला, उसने महसूस किया कि जैसे उसका जीवन ही बदल गया हो. अब समय आ गया है कि भारत के हर आम नागरिक को अपने हक़ और ताक़त का एहसास हो।'
वायकॉम 18 मोशन पिक्चर्स के सीओओ अजीत अंधारे ने कहा, 'फ़िल्म 'ठाकरे' हमारी 75वीं और 10वीं मराठी फ़िल्म है. बालासाहेब ठाकरे सिनेमा के लिए एक अद्भुत विषय है. एक स्टूडियो के तौर पर ये पहला मौका होगा जब हम किसी फ़िल्म को हिंदी और मराठी दोनों भाषाओं में समानंतर तौर पर रिलीज़ करेंगे. ये फ़िल्म एक ऐसी शख़्सियत पर आधारित है, जिनका आम लोगों से जुड़ाव बेहद अलहदा किस्म का था. उनके जैसे उच्च दर्जे के किरदार का सही तरीके से चित्रण करना एक बहुत बड़ी ज़िम्मेदारी है. ये एक बेहद ही महत्वाकांक्षी फ़िल्म है, जिसका हिस्सा बनना हमारी ख़ुशनसीबी है।'
कार्निवल ग्रुप के संस्थापक और अध्यक्ष श्रीकांत भासी ने इस मौके पर कहा, 'कार्निवल ग्रुप हमेशा से कंटेट आधारित सिनेमा का पैरोकार रहा है. बालासाहेब ठाकरे इस बात की मिसाल बने कि कैसे सामान्य व्यक्ति भी समाज में बदलाव ला सकता है. बालासाहेब ठाकरे की अद्भुत ज़िंदगी और नवाज़ुदीन सिद्दीकी की कमाल की अदाकारी को दर्शानेवाली फ़िल्म 'ठाकरे' का हिस्सा बनना हमारे लिए गौरव की बात हैं।'
फ़िल्म में नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी शिवसेना सुप्रीमो के अहम किरदार में दिखेंगे, तो वहीं अमृता राव बालासाहेब ठाकरे की पत्नी अमृता राव के रोल में दिखेंगी. इनमे अलावा, फ़िल्म के निर्माण से राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के कई समर्पित टेक्नीशियन जुड़े हुए हैं. फ़िल्म का निर्देशन अभिजित फणसे ने किया है. 'ठाकरे' दुनियाभर में 25 जनवरी को दुनियाभर में रिलीज़ होगी।