
भारत के प्रमुख अंग्रेजी न्यूज़ चैनल टाइम्स नाउ ने आज ‘कश्मीर: द स्टोरी’ सीरीज़ रिलीज़ की है. इसी दिन, 71 साल पहले, 26 अक्टूबर, 1947 को, जम्मू कश्मीर रियासत ने औपचारिक रूप से भारत से संपर्क किया और उनसे निवेदन किया कि भारतीय सेना उनका बचाव करें. यह डॉक्यूमेंटरी सीरीज़ वास्तविक घटनाओं का संक्षिप्त रूप है , जोकि कश्मीर में पिछली सदी में घटित हो चुकी हैं. इसका प्रसारण टाइम्स नाउ पर 29 अक्टूबर 2018 से 2 नवंबर 2018 तक रात 11 बजे से किया जायेगा. यह सीरीज़ www.timesnownews.com/kashmirthestory और
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पर भी उपलब्ध होगी।
जम्मू एंड कश्मीर के माननीय राज्यपाल, श्री सत्य पाल मलिक ने मुख्य अतिथि के रूप में इस लॉन्च कार्यक्रम की शोभा बढ़ायी और पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय, माननीय राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह; प्रधानमंत्री कार्यालय और टाइम्स नेटवर्क के एमडी व सीईओ श्री एम.के आनंद, की उपस्थिति में इस सीरीज़ का अनावरण किया गया. आज की शाम को विविध क्षेत्र के गणमान्य लोगों के साथ ‘कश्मीर का भविष्य‘ पर चर्चा की गई, जिनमें सज्ज़ाद लोन-चेयरमैन, जम्मू एंड कश्मीर पीपुल्स कॉन्फ्रेंस, अमिताभ मट्टू- जम्मू एंड कश्मीर के मुख्यमंत्री के पूर्व सलाहकार, जनरल वी पी मलिक (रिटायर्ड), लेफ्टिनेंट जनरल डीएस हुड्डा- पूर्व आर्मी कमांडर और मरूफ़ रज़ा, सलाहकार संपादक- टाइम्स नाउ शामिल थे.
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‘कश्मीर: द स्टोरी’ को पूरी पीढ़ी के लिये देखना आवश्यक है, जोकि एक बेहद जोरदार ऐतिहासिक और भूराजनैतिक लड़ाई के किस्से के बारे में बहुत कम जानते हैं. टाइम्स नाउ द्वारा प्रोड्यूस इस सीरीज़ का लक्ष्य एक समस्याग्रस्त क्षेत्र के बारे में दर्शकों को जानकारी देना है। इस कहानी में अर्काईवल फुटेज के साथ प्रमुख व्यक्तित्व के इंटरव्यू शामिल किये गये हैं, जोकि उस दौर की सोच और भावनाओं की झलक देते हैं. इस डॉक्यूमेंटरी का सबसे ताजगीभरा पहलू यह है कि इसमें राजनीतिक रंग नहीं है. यह इस राज्य के इतिहास की गहरी पड़ताल का परिणाम है और एक ऐसी कहानी प्रस्तुत करना चाहता है जोकि गैर-आलोचनात्मक और अपक्षपातपूर्ण है.
टाइम्स नेटवर्क के एमडी और सीईओ, एम.के. आनंद ने कहा, ‘भारत का एक अग्रणी चैनल होने के नाते, हम एक जानकार और बौद्धिक रूप से जागरूक दर्शक चाहते हैं, जोकि शांति, स्थिरता और विकास के लिये आवश्यक है. ‘कश्मीर: द स्टोरी’ की कहानी ज्ञानवर्धक और संवदेनशील है और यह बिल्कुल निष्पक्ष है। ‘कश्मीर’ की कहानी बताना एक कठिन काम है क्योंकि इस राज्य के बारे में हर छोटी सी छोटी जानकारी को लेकर विवाद रहता है. इस वजह से, यह सीरीज़ मुझे इस कहानी को बढ़ाने के लिये किसी एक दृष्टिकोण को अपनाने की अनुमति नहीं देती. यह हर भारतीय नागरिक के लिये ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह उस कठिन क्षेत्रीय व राजनीतिक विवाद के उत्पन्न होने के बारे में और अधिक जानकारी विकसित करने का प्रयास करती है. हमारा मानना है कि यह दर्शकों और विद्वानों के लिये भी एक बेहतरीन संदर्भ की तरह होगा. ‘’
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जम्मू एंड कश्मीर के माननीय राज्यपाल, महामहीम श्री सत्य पाल मलिक ने कहा कि, “कश्मीर : द स्टोरी” एक कठिन डाक्यूमेंट्री है, जो राज्य की ऐतिहासिक विषय वस्तु को देखते हुए अवश्य दर्शनीय है. हर नागरिक को यह समझना ज़रूरी है कि बातचीत का माहौल बनाना कितना ज़रूरी है, क्योंकि इसके बगैर कुछ भी हासिल नहीं किया जा सकता. पहले के लीडरशिप के द्वारा कश्मीर के लोगों से झूठे वादे किये गए, लेकिन हम मजबूती से मानते हैं कि घावों पर मरहम लगाने की ज़रुरत है. उन्हें पता होना चाहिए कि वे केवल जम्मू और काश्मीर के ही नहीं, पूरे देश के हैं. हम पहले से ही युवाओं तक पहुँच स्थापित कर चुके हैं और उनके रोजगार के लिए अनेक योजनायें लागू की हैं. लोगों को यह विश्वास करना चाहिए कि हम कोई शत्रु नहीं हैं. हम आतंकवाद से लड़ रहे हैं और काश्मीर में अमन-चैन लाने में समय लगेगा.”
पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय के माननीय राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि, “कश्मीर के हालात हमारे पिछले शासकों के सिलसिलेवार भारी भूलों का संचित नतीजा हैं. किन्तु समय का पहिया पूरा घूम चुका है और हमें अब संभावनाओं पर ध्यान देना है. पाकिस्तान यह कबूल नहीं कर पाया है कि जम्मू और काश्मीर भारत का हिस्सा बन गया और इसलिए वह इस क्षेत्र में मुश्किलें खड़ी करता रहता है. भारतीय संघ की संप्रभुता और हमारे सुरक्षा बालों के सम्मान के साथ कोई समझौता नहीं हो सकता. बौद्धिक जमात में हमारे कुछ मित्रों को भी कश्मीर एक उपजाऊ मैदान लगता है. यह बौद्धिक आतंकवाद कश्मीर का उग्रवाद से ज्यादा नुकसान करता है और इस सिलसिले को बदलता फौरी चुनौती है. टाइम्स नाऊ ने इस डाक्यूमेंट्री सीरीज के माध्यम से जम्मू और कश्मीर में घातक शक्तियों का पर्दाफ़ाश करने में प्रशंसनीय कार्य किया है.”
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कश्मीर की समृद्ध संस्कृति को जीवंत करते हुए जाने-माने कश्मीरी म्यूजिशियंस की बेहतरीन सूफ़ी परफॉर्मेंस ने दर्शकों को रोमांचित कर दिया. कार्यक्रम की शुरुआत कश्मीरी बच्चों की परफॉर्मेंस के साथ हुई, उसके बाद 9 साल की कश्मीरी लड़की, रख्श जहां की ‘हम होंगे कामयाब’ की सोलो परफॉर्मेंस से हुई. मशहूर शास्त्रीय गायक और संगीतकार, धनंजय कौल ने महान संत के कश्मीरी कंपोजिशन पर प्रस्तुति दी. उस शाम की समाप्ति कश्मीर में जन्मे सिंगर सैयाम भट्ट के कलाम-ए-शेख-उल-आलम और महजूर द्वारा लिखे गये छंद का पाठ करने के साथ हुई.
देखिये, ‘कश्मीर: द डॉक्यूमेंटरी’ 29 अक्टूबर 2018 से 2 नवंबर 2018 तक रात 11 बजे से टाइम्स नाउ और www.timesnownews.com/kashmirthestory और
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