‘आजाद’ चैनल पर आएंगे दो मौलिक सीरियल ‘मेरी डोली मेरे अंगना’ और ‘पवित्राः भरोसे का सफर’- भरत कुमार रंगा By Mayapuri Desk 13 Sep 2021 | एडिट 13 Sep 2021 22:00 IST in फोटो फोटोज़ New Update Follow Us शेयर बिगिनेन मीडिया के पहले उपभोक्ता विशिष्ट मनोरंजन चैनल “आजाद” का प्रसारण दो सीरियलों के संग 14 सितंबर से शुरू होने जा रहा है। इस चैनल पर ग्रामीण परिवेश और विशेष रूप से ‘ग्रामीण मानसिकता‘ के अनुरूप मौलिक मनोरंजक कार्यक्रम प्रसारित किए जाएंगे। इस तरह ‘आजाद’ भारत का पहला प्रीमियम हिंदी ग्रामीण मनोरंजन चैनल है, जो कि शहरी नही बल्कि ग्रामीण मानसिकता वाले कार्यक्रम परोसेगा, जिन्हें शहरी दर्शक भी देखना चाहेंगें। फिलहाल ‘आजाद ’चैनल की तरफ से काफी मशक्कत और ग्रामीण व्यक्ति की गहरी समझ के बाद “मेरी डोली मेरे अंगना’ और ‘पवित्राः भरोसे का सफर” सीरियल बनवाए गए हैं, जिनका प्रसारण 14 सितंबर से हर सोमवार से शनिवार क्रमशः रात नौ बजे और रात साढ़े नौ बजे आजाद चैनल के साथ ही एमएक्स प्लेअर देखे जा सकेंगें। इन दोनों सीरियलों का निर्माण ‘आजाद’ चैनल की मूल धारणा “हमारी मिट्टी हमारा आसमान” के ब्रांड प्रस्ताव पर खरा उतरते हुए किया गया है। “आजाद” चैनल और इसके दो मौलिक सीरियलांे की विधिवत घोषणा करने के लिए ‘बिगनेन मीडिया’ द्वारा सात सिंतबर को मंुबई के ‘द ललित’ पंाच सितारा होटल में प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की गयी, जिसमें चैनल से जुड़े सभी लोंगों के साथ ही दोनों सीरियलों की पूरी टीम मौजूद थी। इस अवसर पर “बिगिनेन मीडिया प्राइवेट लिमिटेड (बीएमपीएल)” के प्रबंध निदेशक भरत कुमार रंगा ने चैनल की शुरूआत की चर्चा करते हुए कहा-”सबसे पहले तो में बता दँू कि ‘बिगनेन मीडिया’ शुरू करने के लिए मैंने जो कुछ सीखा है, वह अपने गुरू सुभाष चंद्र जी से सीखा है। उन्होने मुझे जो सिखाया, वह सीखा। पिछले कुछ वर्षों से मुझे लग रहा था कि जो परिवर्तन आ रहा है वह टीवी से डिजिटल का नहीं है। वह परिवर्तन असल में रचनात्मकता की दुनिया से उपभोक्ता की दुनिया का है। इसलिए उन कंपनियों को आगे आने की जरुरत है, जो कि उपभोक्ता की आवश्यकता को समझें। उसके बाद अपनी रचनमात्क कहानियों के साथ उनको जोड़े। उनका मनोरंजन करे और हो सके, तो उन्हे कुछ शिक्षित भी करे, प्रेरित करे। ‘बिगनेन मीडिया’ का आधार यही है। हिंदी में अच्छा नाम समझ में नहीं आया, तो हमने जर्मन शब्द ‘बिगनेन’ नाम रखा, जिसका अर्थ होता है शुरूआत। तो यह मीडिया की नई शुरूआत है और हम नई कोशिश ‘आजाद ’ चैनल की शुरूआत के साथ कर रहे हैं। आजाद नाम सोचने के बाद हमने सोचा कि हमें उपभोक्ता यानी कि दर्शक की सोच के अनुरूप कुछ करना चाहिए। हमें अहसास हुआ कि शहरी दर्शकों के लिए कई प्लेटफॉर्म, कई टीवी चैनल और अब तो ओटीटी प्लेटफॉर्म भी है। लेकिन ग्रामीण दर्शकांे के लिए एक मात्र साधन दूरदर्शन ही है। हमें लगा कि हमें सबसे पहले इन्ही का ख्याल करना चाहिए। हमारी ग्रामीण धरती हमें काफी दूर और छोटी लगती है, जबकि वह काफी विशाल है। शहरों में रहने वाले ज्यादातर लोग ग्रामीण परिवेश से ही हैं। तो हमें लगा कि यदि कुछ बड़े मुद्दो के लिए हम शहरों के लिए बनायी गयी कहानियां न परोसकर उन्हें उनकी मिट्टी की महक वाली कहानियां बनाएं, तो ज्यादा अच्छा होगा। ‘आजाद’ चैनल इसलिए कि अब उनका समय है। आजाद की सोच है कि आप भी आगे बढे, आप भी जिंदगी में प्रगति करें। अकेला इंसान तो कुछ कर ही नही सकता। मैंने सिफ सोचा और फिर कुछ लोगों को अपने साथ जोड़ा।” भरत कुमार रंगा ने आगे कहा- “हमें अपने कंटेंट क्रिएटर्स, जितेंद्र गुप्ता, महेश टैगडे, संतोष सिंह, रोशेल सिंह और पर्ल ग्रे के साथ जुड़कर खुशी हो रही है, जिन्होंने हमारे पहले दो मौलिक सीरियल ‘मेरी डोली मेरे अंगना’ और पवित्रा भरोसे का सफर’ बनाया है। यह दोनों सीरियलों ग्रामीण लोगों की मानसिकता के साथ सामंजस्य स्थापित करने के साथ उन्हें परंपराओं के लिए प्रेरित करेंगे। इन सीरियलों से उनके अंदर अपने मूल्यों के साथ अपनी आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए गतिशीलता और विकास की ओर बढ़ने की भावना पैदा होगी।” बिगिनेन मीडिया, महाप्रबंधक- उत्पाद, डोरिस डे ने कहा-”आजाद कई स्तरों पर प्रथम हैं। शहरी और ग्रामीण भारत का हमेशा स्पष्ट विभाजन रहा है, ग्रामीण बहुसंख्यक होने के बावजूद, दुर्भाग्य से जीवन के हर क्षेत्र में हमेशा हाथ से नीचे उपचार मिला है। और यही हम अपने ‘ग्रामीण पहले‘ दृष्टिकोण से बदलना चाहते हैं। हमारे कंटेंट को हमने ग्रामीण उपभोक्ताओं को ध्यान में रखकर तैयार किया है। अपने चैनल के सीरियलों के माध्यम से हम उनकी चुनौतियों को पहचानेंगे और हम उनके सपने और आकांक्षाआंे, उनकी परंपराओं और विचार धाराओं को उजागर करेंगें। इसलिए हमने ऐसे रचनाकारों की एक टीम चुनी है, जो वास्तव में ग्रामीण भारत को समझते हैं और उसकी परवाह करते हैं और उनके लिए सामग्री बनाने के लिए उत्सुक हैं। आजाद में हम वास्तव में मनोरंजन उद्योग का लोकतंत्री करण करने में विश्वास करते हैं। हमारा मकसद ‘बहुप्रतीक्षित ग्रामीण भारत के लिए सामग्री तैयार करना’, ‘एक ऐसे पारिस्थिति तंत्र का निर्माण करना जहां मौजूदा और साथ ही नए निर्माताओं को समान अवसर प्रदान किए जाएं। हम एक मनोरंजन उद्योग के भीतर एक अद्वितीय समानांतर पारिस्थिति तंत्र के लिए ‘चैलेंजर ब्रांड‘ बनाने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं। मुझे यकीन है कि हम अपने सभी हितधारकों के अटूट समर्थन और भागीदारी के साथ नए बेंचमार्क बनाने में सक्षम होंगे।” डोरिस डे ने आगे कहा- “स्केयरक्रो एम एंड सी साची लिमिटेड के साथ साझेदारी में विकसित ब्रांड प्रस्ताव ‘हमारी मिट्टी हमारा आसमान’ फ्यूचर ब्रांड्स द्वारा ग्रामीण व्यक्ति के व्यापक उपभोक्ता अध्ययन के माध्यम से प्राप्त किया गया था। यह प्रस्ताव ग्रामीण सपनों और आकांक्षाओं को दर्शाता है और ग्रामीण गौरव को धारण करता है। दोनों, ब्रांड फिल्म और ब्रांड गान, आजाद की आंतरिक ऑन-एयर प्रचार टीम द्वारा तैयार और बनाए गए हैं। ब्रांड फिल्म यू-आर-आई की मानसिकता पर करीब से नजर डालती है जिससे पता चलता है कि वे अपनी जड़ों, संस्कृति और विश्वास प्रणालियों पर गर्व करते हैं। संगीतकार संतोष नायर के निर्देशन में प्रतिभाशाली गायक दिव्य कुमार ने ब्रांड एंथम को स्वरबद्ध किया है।” दो मौलिक सीरियलः 14 सितंबर से: “आजाद” चैनल के पहले मौलिक सीरियल “मेरी डोली मेरे अंगना” का निर्माण ‘टेल-ए-टेल मीडिया” की ओर से जितेंद्र गुप्ता और महेश तगड़े ने किया है। जबकि आस्था अभय,सुरेंद्र पाल, रुद्राक्षी गुप्ता और अंकित रायजादा ने अहम व प्रमुख किरदार निभाए हैं। यह सीरियल उत्तर प्रदेश के बिठूर की पृष्ठभूमि पर आधारित है, जहां पूरा सिंह परिवार, खासकर उनके ज्ञानेंद्र सिंह(सुरेंद्र पाल) पिता बेटी जानकी ( आस्था अभय ) को अपनी आंखों का तारा मानते हैं। यह आज के ग्रामीण परिवार की कहानी है,जो परिवार के भीतर संबंधों की सुंदरता और जटिलताओं को चित्रित करती है। कुछ परिस्थितियों के कारण यह रिश्ते बदल जाते हैं और यह नायिका के जीवन को काफी प्रभावित करता है। अपनी शादी के बाद उसे पता चलता है कि पुराने सामाजिक मानदंड जहां वह एक बेटी और बहू के बीच अंतर करते हैं, अभी भी मौजूद है। वास्तव में सीरियल “मेरी डोली मेरे अंगना” की कहानी एक अनुभवी और मासूम बेटी जानकी के एक अनुभवी बहू बनने तक की यात्रा का चित्रण करता है, जो अपनी शादी के बाद बदलती गतिशीलता के साथ जटिल परिस्थितियों और रिश्तों को प्रबंधित करना सीखती है। वहीं दूसरे मौलिक सीरियल “पवित्राः भरोसे का सफर” का निर्माण “पार्थ प्रोडक्शन” के तहत संतोष सिंह, रोशेल सिंह और पर्ल ग्रे ने किया है। जबकि इसमें शैली प्रिया, नीलू वाघेला शामिल, कुमार राजपूत और शीजान मोहम्मद की अहम भूमिकाएं हैं। मेरठ की पृष्ठभूमि पर आधारित यह पारिवारिक ड्रामा, ग्रामीण मानसिकता के साथ प्रतिध्वनित होता है क्योंकि यह महिला सशक्ति करण को प्रोत्साहित करने, सामाजिक मुद्दों से जूझने के विषयों पर केंद्रित है और यह दो विविध व्यक्तित्वों की एक भावुक प्रेम कहानी भी है। यह सीरियल आज के ग्रामीण युवाओं की आकांक्षाओं और आशाओं को छूता है। क्योंकि उनमें से अधिकांश उच्च शिक्षा के बाद बेहतर नौकरी चाहते हैं और अपने जीवन के विकल्प तय करने की स्वतंत्रता भी चाहते हैं। यू तो सीरियल “पवित्रा: भरोसे का सफर” की कहानी एक युवा लड़की पवित्रा (शैली प्रिया) की जीवन यात्रा को दर्शाता है, जो एक वंचित टैक्सी ड्राइवर की बेटी है। अपनी शिक्षा पूरी करने और आत्मनिर्भर बनने की इच्छा रखती है। वह अपने लक्ष्यों को पूरा करने के लिए किसी भी हद तक जाती है और उन सभी प्रतिबंधों के खिलाफ लड़ती है जो उसके विकास में बाधक है।पवित्रा की लड़ाई लिंग भेदभाव और सामाजिक कलंक के खिलाफ है। अंततः एक दिन पवित्रा सफल उद्यमी बन कर उभरती है, जो अन्य महिलाओं को अपने परिवार और खुद की हर तरह से देखभाल करने में सक्षम बनने में मदद करती हैं। #Meri Doli Mere Angana #Bharat Kumar Ranga #Pavitra: Bharosa Ka Safar #Two original serials 'Meri Doli Mere Angana' and 'Pavitra: Bharosa Ka Safar' #Two original serials on azaad channel हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Advertisment Latest Stories Read the Next Article