Advertisment

100 साल पुरानी संगीतमय विरासत पर बनी डॉक्यूमेंट्री के प्रीमियर में शामिल हुए उस्ताद ज़ाकिर हुसैन और पंडित शिव कुमार शर्मा

author-image
By Mayapuri Desk
New Update
100 साल पुरानी संगीतमय विरासत पर बनी डॉक्यूमेंट्री के प्रीमियर में शामिल हुए उस्ताद ज़ाकिर हुसैन और पंडित शिव कुमार शर्मा

तरनजीत सिंह नामधारी की डॉक्यूमेंट्री 'संगीत-सरूप-सतगुरु'  का प्रीमियर कई मशहूर स्टार्स की मौजूदगी का गवाह बना. ये डॉक्यूमेंट्री सतगुरु जगजीत सिंह जी द्वारा पंजाब के भैणी साहिब नामक गांव में शास्त्रीय संगीत सीखने के लिए नौजवानों को प्रेरित करने के काम को दर्शाता है. सतगुरु की ये संगीतमय विरासत 100 साल की हो चुकी है. प्रीमियर में नामधारी के वर्तमान गुरु सतगुरु उदय सिंहजी, उस्ताद जाकिर हुसैन, पंडित शिव कुमार शर्मा सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे.

ये डॉक्यूमेंट्री संगीत के 100 साल पुरानी विरासत व संगीत के प्रभाव को चित्रित करती है. उद्योग दिग्गजों द्वारा उन लोगों की कहानियों को नैरेट किया गया है, जिन्होंने गांव के बच्चों को ज्ञान प्रदान करके इस प्रक्रिया को बढ़ावा दिया और उन्हें संगीत सीखने के लिए प्रेरित किया. फिल्म निर्माता तरनजीत सिंह नामधारी ने शास्त्रीय संगीत के सच्चे संरक्षक की सबसे आश्चर्यजनक कहानियों में से एक को दिखाया है.

100 साल पुरानी संगीतमय विरासत पर बनी डॉक्यूमेंट्री के प्रीमियर में शामिल हुए उस्ताद ज़ाकिर हुसैन और पंडित शिव कुमार शर्मा Taranjiet Singh Namdhari, Yogesh Samsi, Ustad Zakir Hussain, Pt Shiv Kumar Sharma, Satguru Uday Singh ji ,Sunil Jeevraj Singhi, Ustad Hidayat Hussain

उस्ताद जाकिर हुसैन ने कहा, “बहुत कम उस्तादों का जीवन के सभी क्षेत्रों में, संगीत पर, आध्यात्मिकता पर इस तरह का प्रभाव पड़ा है. संगीत के जरिए इंसान एक आदर्श जीवन कैसे जी सकता है, यह सीखाना ही अपने आप में बडी बात है. सतगुरु जी के आशीर्वाद से हमें ऐसे कलाकार मिले जो इस जीवन या युग में कहीं अन्यत्र नहीं मिल सकते है.” पंडित शिव कुमार शर्मा ने कहा, “सतगुरुजी के प्रयासों को इतिहास में स्वर्णाक्षरों में लिखा जाएगा. दिलरुबा पर उनका लयबद्ध प्रदर्शन अतुलनीय था.”

सतगुरु जगजीत सिंह भारत में शास्त्रीय संगीत के सबसे बड़े संरक्षक थे और इसके लिए उनके प्यार और समर्पण ने दुनिया भर के कई संगीतकारों को प्रेरित किया. उनका मानना था कि शास्त्रीय संगीत सीखने से व्यक्ति अनुशासित होता है और उसका ध्यान केंद्रित होता है, जो किसी के लिए भी बचपन से ही आवश्यक है. एक युवा के रूप में, उन्होंने भैणी साहिब के सभी बच्चों के लिए शास्त्रीय संगीत सीखना अनिवार्य कर दिया. नामधारियों के वर्तमान गुरु, सतगुरु उदय सिंह ने 2012 में सतगुरु जगजीत सिंह के निधन के बाद इस परंपरा को आगे बढ़ाया.  बिस्मिल्लाह खान, किशन महाराज और विलायत खान से लेकर पंडित शिवकुमार शर्मा, उस्ताद जाकिर हुसैन और अमजद अली खान तक ने इस परम्परा के तहत भैणी साहिब के बच्चों को अपने ज्ञान से शिक्षित किया. यह डॉक्यूमेंट्री एक संगीतमय यात्रा है, जो श्री भैणी साहिब के छिपे हुए रत्नों और सतगुरु जगजीत सिंह की मंत्रमुग्ध कर देने वाली कहानी को उजागर करती है. संगीत-सरूप-सतगुरु का प्रीमियर 26 जुलाई 2019 को मुंबई में हुआ.

Advertisment
Latest Stories