‘वल्र्ड हेरिटेज डे‘ के मौके पर एण्डटीवी के कलाकार ‘हप्पू के उलटन पलटन‘ की राजेश (कामना पाठक) और ‘संतोषी मां सुनाएं व्रत कथाएं‘ की देवी पाॅलोमी (सारा खान) ने मध्यप्रदेश राज्य की सबसे खूबसूरत जगहों को याद किया। हर साल 18 अप्रैल को मनाया जाने वाला ‘वल्र्ड हेरिटेज डे‘, ‘इंटरनेशनल डे फाॅर माॅन्यूमेंट्स एंड साइट्स‘ के नाम से भी जाना जाता है।
यह दिन ऐतिहासिक स्मारकों और उसके महत्व के बारे में जागरूकता फैलाने के लिये मनाया जाता है। पुरानी यादों में लौटते हुए इंदौर के दिनों को याद करते हुए, कामना पाठक उर्फ राजेश कहती हैं, ‘‘इंदौर ना केवल भारत का सबसे साफ शहर है, बल्कि कई सारे ऐतिहासिक जगहों की स्थली भी है। महल, गुफाओं से लेकर मंदिर और चर्च, आप जिसका भी नाम लेंगे, इंदौर शहर में आपको सब मिलेगा! मेरा हमेशा से ही सबसे पसंदीदा रजवाड़ा महल रहा है। जब भी कोई इंदौर शहर जाये इस जगह को जरूर देखना चाहिये।
रजवाड़ा सात-मंजिला महल है, जिसमें मराठा, फ्रेंच और मुगल स्थापत्य कला का मिला-जुला रूप देखने को मिलता है। यह राजसी भव्यता का बेहतरीन उदाहरण है। जब भी अपने घर जाती हूं, मैं प्रसिद्ध और ऐतिहासिक जगहों पर जरूर जाती हूं। ये स्मारक हमारे देश की धरोहर हैं और इस देश का नागरिक होने के नाते यह हमारा मूल कर्तव्य है कि हम उन्हें संरक्षित रखें और उनकी सुरक्षा करें। साथ ही ‘वल्र्ड हेरिटज डे‘ हमें हमारे कर्तव्यों को याद दिलाता है, इसलिये आइये इस दिन हम सब अपनी धरोहर की सुरक्षा का संकल्प लें, ताकि आने वाली पीढ़ी बीते जमाने की खूबसूरती को देख पायें।‘‘
छतरपुर की अपनी ट्रिप को याद करते हुूए, सारा खान उर्फ देवी पाॅलोमी कहती हैं, ‘‘मध्यप्रदेश आये और खजुराहो नहीं देखा तो क्या देखा? जब मैं अपने परिवार के साथ छतरपुर घूमने गयी थी तो मुझे खजुराहो की असली खूबसूरती को देखने का मौका मिला था। यह हिन्दू और जैन मंदिरों का समूह है, जोकि अपनी नगाड़ा शैली की वास्तुकला और उनकी श्रृंगारिक मूर्तिकला का प्रतीक है। मैं शब्दों में इस जगह की खूबसूरती बयां नहीं कर सकती। जो देखे बस वही समझे! लेकिन जो बात मुझे परेशान करती है कि कई सारे लोग इस बात को नहीं समझते कि इन ऐतिहासिक स्मारकों और स्थलों की सुरक्षा और संरक्षण की जिम्मेदारी हमारी है। ‘वल्र्ड हेरिटेज डे‘ के मौके पर मैं सभी से निवेदन करना चाहूंगी कि अपनी समृद्ध ऐतिहासिक खूबसूरती को नुकसान ना पहुंचायें, साथ ही इसके महत्व को समझें और इसे अपनी संपत्ति की तरह मानें'