पिछले कुछ वर्षों से पंजाबी संगीत काफी उंचाइयों पर है. लोग हिंदी की बजाय पंजाबी संगीत सुनना और उस पर थिरकना पसंद करते हैं. ऐसे ही दौर में युनिवर्सल म्यूजिक का एक पंजाबी म्यूजिक वीडियो ‘‘तेरे बाजों’’ काफी पसंद किया जा रहा है. कुमार लिखित इस गाने को संगीतकार जतिंदर शाह के निर्देशन में श्रेया घोषाल ने स्वरबद्ध किया है. जिसके वीडियो में प्रतीक बब्बर के साथ सिमी चहल की जोड़ी लोगों को खूब भा रही है. इसी गाने के संदर्भ में हाल ही में हमारी एक्सक्लूसिब बातचीत प्रतीक बब्बर से हुई.
प्रतीक बब्बर जी आप बताएं कि फिल्मों में अभिनय करते करते अचानक म्यूजिक वीडियो से जुड़ने का ख्याल कैसे आया?
मेरे पास जब फोन आया कि एक पंजाबी म्यूजिक वीडियो करना है, जिसके गीत को संगीतकार जतिंदर शाह ने संगीत से संवारा है, तो जतिंदर शर्मा के नाम ने मुझे सबसे पहले इस म्यूजिक वीडियो से जुड़ने के लिए उकसाया. फिर गायिका श्रेया घोषाल व युनिवर्सल संगीत कंपनी ने इस म्यूजिक वीडियो को करने के लिए प्रेरित किया. इसके अलावा गाना सुनकर भी मैं बहुत उत्साहित हुआ. जब इतना अच्छा सेटअप हो और इतना अच्छा पंजाबी गाना हो, तो कैसे इंकार करता.
फिल्मों के लिए षूटिंग करने और म्यूजिक वीडियो के षूटिंग करते हुए क्या फर्क महसूस किया?
मुझे लगता है कि दोनो में बहुत समानता है. सिर्फ दोनों में अवधि का अंतर होात है. म्यूजिक वीडियो तीन से पंाच मिनट के होते हैं और फिल्मंे दो से तीन घंटे की होती हैं. म्यूजिक वीडियो का मसला थोड़ा सा अलग इसलिए है कि ज्यादातर म्यूजिक वीडियो विदेशों में फिल्माए जाते हैं. इनका फिल्मांकन काफी लैविश होता है. अब तो म्यूजिक वीडियो का फिल्मांकन भी पांच से दस दिन तक होने लगा है. हमने तो सिर्फ डेढ़ दिन मंे ही इसे फिल्माया है. यह पूरी तरह से पारिवारिक है. यह युवा पीढ़ी और युवा दोस्तांे की कहानी है. डेढ़ दिन की शूटिंग में इसे पूरा करना काफी हैक्टिक रहा, लेकिन जतिंदर सर की अपनी क्षमता व कार्यशैली के चलते इसका रिजल्ट बहुत अच्छा है. इसके वीडियो की कहानी से लोग रिलेट भी कर पा रहे हैं. मुझे तो काम करके बहुत मजा आया.
फिर भी फिल्म में अपने किरदार की दो से तीन घ्ंाटे की कहानी को बयां करने और म्यूजिक वीडियो के लिए तीन से पंाच मिनट में ही पूरी कहानी बयां करने में से कहां आप ज्यादा सहज रहे?
सर,आसान कुछ नहीं होता. मेहनत उतनी ही लगती है. हमें फिल्म हो या म्यूजिक वीडियो कहानी व किरदार को समझकर अपने अंदर उस किरदार को गढ़ना होता है. उस दृश्य को अभिनय से संवारने मंे ज्यादा मेहनत लगती है, जहां आपके संवाद न हो. इस हिसाब से म्यूजिक वीडियो में काफी मेहनत करनी पड़ी. क्योंकि यह तो गाना है और मेरे संवाद न के बराबर है. बिना संवाद के दृश्य मंे अपनी अभिनय प्रतिभा, अपनी कला और अपने इमोशंस दिखाओ, यह आसान नहीं होता. आसान तो इस संसार में कुछ भी नहीं है. लेकिन कम समय में सब कुछ करना होता है, इसलिए प्रोसेस आसान हो जाता है.
इसके अलावा कुछ कर रहे हैं?
जी हाॅ! सर. बहुत जल्द मेरी एक वेब सीरीज ‘फोर मोर शाॅट्स’ आएगी. इसके अलावा प्रतीक गांधी और तापसी पन्नू के संग एक फिल्म कर रहा हँू. यह फिल्म थ्रिलर व काॅमेडी वाली फिल्म है. इसके अलावा भी कुछ फिल्में हैं, जिनका जिक्र अभी नहीं कर सकता.