मायापुरी अंक, 737
1979 का साल उस समय के लिए भजन और गजल गायक अनूप जलोटा को वरदान स्वरूप लगा। क्योंकि अपनी प्रेमिका सोनाली के घर से भागकर अहमदाबाद जाकर शादी रचाने में वे सफल हो गये। और सोनाली के अनूप के जीवन में आते ही मानो बहार आ गई। सोनाली के भाग्य से अनूप का भाग्य भी चमका। देखते ही देखते वे गायकी क्षेत्र के बादशाह कहलाने लगे और देश-विदेशों में अपनी सफलता और प्रसिद्धी के झंड़े गाढ़ने लगे। और मानो इस दम्पति को किसी की नजर लग गई। शादी के तीन-चार साल बाद से ही उनमें मतभेद होने शुरू हो गए। घर में नन्हें मुन्हे की मंगल कामना की जगह कलह की चित्कारो ने जन्म ले लिया। वजह तरह-तरह की उभर आई। कोई संदेह करने लगा कि जब यह दम्पति शादी करके अपने घर के दरवाजे पर खड़े हुए तो अनूप की माता श्रीमती कमला जलोटा ने आरती की धाली फेंक दी थी जिसें अशुभ माना जाता है। कोई कहने लगा कि अनूप अपनी सफलता की आड़ मैं अपनी रात देर तक घर से बाहर रहकर शराब और शबाब में डूबे रहने की एब को छिपाते थे जिसका पता सोनाली के दिल में सर्वोच्चम गायिका बनने की अभिलाषा ने जन्म ले लिया है। तो कोई सोनाली के गैर मर्दो से अवैध सम्बन्ध को उनके दाम्पत्य जीवन में दरार का कारण बताने लगे।
और आखिरकार 1998 ने इन तमाम काल्पनिक अफवाहो को मानो सच्चाई का आइना दिखा दिया। उसमें जो तस्वीर उभर कर आई वह यह है कि अनूप के भूतपर्व तबलावादक रूप कुमार राठौड के साथ सोनाली को प्रेम सम्बन्ध। और अब सोनाली अनूप से तलाक चाहती है। परन्तु मन में फिर संदेह ने जन्म लिया क्योंकि सोनाली के सोनाली जलोटा के नाम से कई एल.पी.रिकॉर्ड और कसेट भी मार्केट में आये। तकरीबन हर रिकॉर्डिग सेंटर और सभागृहो की दीवारो पर सोनाली जलोटा के कार्यक्रमों के इश्तेहार प्रकाशित होने लगे। और अनूप के साथ-साथ कार्यक्रमों में रिकॉर्डिंग में सोनाली की उपस्थिति ने उनमें हुए समझौते की भावना को जन्म दिया और अभी यह साल खत्म भी नहीं हुआ कि सोनाली और अनूप के तलाक की खबरें छपी और यह खबर अभी ताजा ही थी कि अनूप की भाटिया खानदान की बीना नामक लड़ी से मंगनी की खबर सामने आई और मन फिर संदेह और आशंका के भँवर में फँस गया। 20 नवम्बर 1988 को अनूप की बीना के साथ शादी होने वाली है और उनके नये जीवन की हम मंगल कामना करे उसके पहले हमारी तमाम शंका-आशंकाओ का स्पष्टी करण करने हम अनूप के घर जा पहुँचते है।
हमने अंत तक कोशिश की कि हम इस कि सोनाली का किसी गैर मर्द से सम्बन्ध वाली बात छिपी रहे। सोनाली सही रास्ते पर आये। क्योंकि किसी भी विवाहित महिला के लिए अन्य मर्द के साथ समबन्ध रखना पाप है। और फिर मेरे ही तवलावादक के साथ सम्बन्ध रखना यह तो शर्म नाक कृत्य है। लेकिन अब जब उन दोनों ने यही कुबूल कर ही लिया है कि दोनों विवाह करने जा रहे है तो मैं क्या बोलूँ। लेकिन फिर मैं भी इतना जरूर कहूँगा। कि उन्होंने जो किया वह गलत है। हमारे देश की परम्परा है कि विवाहित पत्नी केवल अपने पति के प्रति समर्पित होती है। जो इस में दाग लाता है वह खुद कलंकित हो जाता है और ऐसे लोग संगीत जगत जैसे पवित्र क्षेत्र में स्वीकार नहीं किये जाते। मेरा तबलावादक राठौड़ कभी भी सम्मान नहीं पा सकेगा। क्योंकि मेरे साथ उसने जो धोखा किया है ऐसा तो कोई पशु भी अपने मालिक से नहीं करता। मेरे सामने सोनाली को भाभी कहना उसके चरण स्पर्श करना और मेरे पीछे.... इतना बड़ा धोखा। यह पाप है हमारे धर्म में भाभी माँ समान होती है भला कोई अपनी माँ से गलत सम्बन्ध रखता है? समाज का कोई भी वर्ण इस सम्बन्ध को पसंद नहीं करेगा। यह व्यक्ति समाज और संगीत क्षेत्र का कलंक है। इससे अपने परिवार को और अपनी प्रतिष्ठा को बचाइए। इस तरह के लोग छोटी सी लालच की वजह से किसी को भी बहका सकते हैं।
अनूप से हुई भेंटवार्ता में आप बीती सुनाते हुए उपरोक्त कथन कड़ी सहजता से वह कह गये। मैं ने कहा हमने सुना है शिकायते सोनाली को भी बहुत है। कोई कहता है रूप कुमार से उसके भावनात्मक सम्बन्ध जुडने का करण भी आप ही है। आपने अपनी व्यस्तता जताकर घर से बाहर रहकर शराब और शबाब में डूबे रहना शुरू किया था। दूसरा आप नहीं चाहते थे कि सोनाली गायिका बने। और इन आरोप का एक ही सुर में स्पष्टीकरण देते हुए अनूप बोले, हमारे देश में आर्मी और नेवी में जो लोग है वे तो छः छः आठ-आठ महीने डयूटी पर रहते है तो क्या उनकी पत्नियाँ गैर मर्दो से साथ गलत सम्बन्ध रखती है? इस प्रकार की शिकायत या आरोप किसी भी योग्य नहीं है सोनाली हमें अक्सर कहा करती थी कि रूही रवैल से हमारा अफेयर है या हम दिल्ली की नीलम मेहरा से शादी करने वाले हैं। लेकिन सच्चाई यह है कि इन दो नामों की महिला को मैंने कभी देखा ही नहीं। आप अपनी झेप मिटाने के लिए मुझ पर अपराध लगा रही है जिसका मुझपर कोई असर नहीं होगा।
उन दोनों ने ऐसा काम किया है जिसकी वजह से आदर से सिर उठाना कठिन हो गया है। बल्कि मेरी तो सोनाली को हरदम इज्जत दिलाने की चेष्टा रही है। उसके इतने रिकॉर्ड, इतनी पब्लिसिटी सब किसकी वजह से हुआ है? अब कौन वफादार रहना चाहिए। यही उसका धर्म है।
आपने कहा कि कौन धास डाल रहा है? उसकी संदर्भ में मैंने सुना है कि आप तमाम आयोजकों पर सोनाली और रूप के कार्यक्रम न करने का दबाव डाल रहे है। मेरी यह बात सुनते ही अनूप बोले। मेरे पास इतना समय नहीं है कि किसी से कहकर उनके कार्यक्रम रद्द करवाऊँ। मैं अपने ही सभी आयोजकों से नहीं मिल पा रहा हूँ जो मेरे ही कार्यक्रमो के लिए आते है। और ऐसे तो कई प्रश्न उठते रहेंगे सो मैं चुप रहना बेहतर समझता हूँ।
इतना कहकर मुझे इनकी भी पत्नी बीना का फोन मिलाकर मुझे रिसीवर थामकर वे म्यूजिक रूम में रिहर्सल के लिए चले गये। फोन पर बीना की सुरीली आवाज गूँज उठी। हेलो छाया कैसी है आप? और इन औपचारिकता के खत्म होते ही मैंने कहा -कब मिलना होगा? तो वह बोली- जब मंजूरे खुदा होगा। फिर मैंने संक्षेप में उससे दो बाते की वह इस प्रकार है मैं- अनूप के साथ शादी करना कैसा लगा रहा है?
बीना-बहुत मजा आ रहा है।
मैं-अनूप के बारे में उठी तमाम अफवाहों के बारे में सोचते हुए अनूप की क्या छवि उभर आयी है तुम्हारे दिल में?
बीना- आप खुद अनूप को आप बाहर पन्द्रह साल से जानती है फिर मुझसे क्यों पूछ रही है?
मैं- उनकी बीति जिदंगी के बारे में तुम्हारा क्या ख्याल है?
बीना- पास्ट भूल जाना ही बेहतर होता है। मैं तो इतना जानती हूँ वह दिन हमारी जिन्दगी का नया और पहला दिन होगा।
मैं- मुझै लगात है तुम्हारे जैसी डिप्लोमेटिक सेन्स रखने वाली पत्नी पाकर अनूप सुखी हो जायगा।
बीना- नहीं मैं मानती हूँ कि हम लक्की है। कि में अनूप जैसे पति मिले।