इंसान के अहम की व्याख्या करती है 'आमी जॉय चटर्जी' (बंगाली फिल्म) By Mayapuri Desk 10 Aug 2018 | एडिट 10 Aug 2018 22:00 IST in रिव्यूज New Update Follow Us शेयर आदमी के भीतर जब अहम या मैं पैदा होने लगता है तो समझिये उसका पतन होना शुरू हो चुका है। इस बात को प्रभावशाली ढंग से दर्शाती है बंगाली फिल्म‘ आमी जॉय चटर्जी’ । इस फिल्म की निर्मात्री हिन्दी फिल्मों और धारावाहिकों की अभिनेत्री शिवांगी चौधरी है तथा स्टोरी, स्क्रीनप्ले और डायरेक्शन है मनोज मिशिंगन का है। फिल्म की कहानी अबीर चटर्जी यानि जॉय चटर्जी एक कामयाब बिजनेसमैन है लिहाजा वो आदमी को आदमी नहीं समझता। अक्सर इस बात को लेकर उसके और उसकी डॉक्टर मंगेतर सव्यासांची चक्रबर्ती के बीच नौकझोंक चलती रहती है। दरअसल सव्यासांची डॉक्टर के अलावा एक सोशलवर्कर भी है वो हमेशा गरीबों की मदद के लिये आगे रहती है, जबकि जॉय अपने आगे किसी को कुछ नहीं समझता, उसे किसी पर विश्वास नहीं। एक बार सव्यसंची जॉय को एक अनाथालय चलाने वाली महिला की मदद करने के लिये कहती है। जॉय उसकी मदद तो करता है लेकिन उसके साथ ऐसा व्यावहार करता है जैसे वो कोई फ्रॉड महिला हो। इसी प्रकार एक बार वो अपनी मंगेतर के साथ कार में जा रहा है तो रास्ते में उसे एक बच्चा एक्सिडेंट के तहत घायल पड़ा मिलता है उसके पास एक दलाईलामा साधू बैठा था। वहां जॉय को सव्यासांची उस बच्चे को अस्पताल ले जाने का अगाह करती है, लेकिन जॉय उस साधू को दस हजार रूपये दे कर चलता बनता है। इसके बाद समय का कुछ ऐसा चक्र चलता है जो जॉय को जमीन पर ला पटकता है। नीयती उसे उन सब लोगों से मिलवाती है जो उसके द्धारा बेइज्जत हुये थे, यहां तक उस अनाथलाय में जाकर उसे रहना पड़ता है जिसे चलाने वाली महिला को कभी उसने नजर अंदाज कर दिया था। वहां रहने के बाद उसे इंसान और इंसानियत का पता चलता है। फिल्म की प्रोड्यूसर शिवांगी चौधरी धीरज कुमार के करीबन सारे धार्मिक सीरियलों में पार्वती या दुर्गा की भूमिका निभाती रही है। इसके अलावा पुतली बाई और डागा जैसी फिल्मों की नायिका रह चुकी शिवांगी हेमा मालिनी के साथ भी एक शो कर चुकी है। निर्देशक मनोज ने एक सीधी सादी कहानी को इस कदर प्रभावशाली ढंग से बनाया, कि वो आम से खास बन जाती है। किसी इंसान में जब मैं या अहम आ जाता है तो कभी-कभी उससे भागवान भी नाराज हो जाता है। फिल्म में ये मैसेज बहुत ही यूनिक तरीके से दिया गया है। फिल्म दार्जलिंग, कलिंगपोंग तथा सिक्किम में शूट की गई। यहां तक दलाईलामा की भूमिका एक असली दलाईलामा से करवाई गई। फिल्म की कथा पटकथा तथा संवाद सभी कुछ कहानी के अनुरूप है। फिल्म में मुख्य जॉय चटर्जी तथा उसकी डॉक्टर मंगेतर की मुख्य भूमिका बंगाली फिल्मों के सुपर स्टार अबीर चटर्जी और सव्यायांची चक्रबर्ती ने बहुत प्रभावी ढंग से निभाई हैं। सहायक भूमिकाओं में जया एहसन, शतफ फिगर, सौम्यजीत मजूमदार, तपती मुन्शी, दीपक भीखू आदि कलाकारों ने उल्लेखनीय काम किया किया है। आदमी का अहम उसे कहां तक ले जा सकता है, फिल्म में ये बेहतरीन ढंग से बताया है। #movie review #Aami Joy Chatterjee हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Advertisment Latest Stories Read the Next Article