फिल्म अक्सर की तरज पर अनंत नारायण महादेवन ने एक बार फिर ‘अक्सर 2’ जैसी सस्पेंस थ्रिलर फिल्म में दौलत को लेकर किरदारों के बीच शह और मात की बिसात बिछाई है, जो एक हद तक दिलचस्प और आकर्षक लगने के बावजूद देखी हुई लगती है।
क्या है फिल्म की कहानी
लिलियट दूबे एक धनकुबेर ऐसी महिला है जो अपने जीवन में अकेली है लिहाजा वो अपने लिये काम करने वालों पर ही निर्भर है। उसके पैसे की देखभाल करने वाला बैंक इन्वेसटर है गौतम रोड़े, वकील श्रीसंत तथा केयर टेकर मोहित मदान है। लिलियट की मेड का एक्सिडेंट हो जाने के बाद गौतम उनके लिये एक नई मेड जरीन खान का इतंजाम करता है।
जरीन का ब्वायफ्रेंड अभिनव शुक्ला जो लिलियट का भतीजा और एकमात्र वारिस है लेकिन अनबन होने के कारण दोनों एक दूसरे को दुश्मन समझते हैं। इसके बाद शुरू होता है लिलियट की दौलत पर काबिज होने का खेल जिसमें कहानी का हर पात्र शामिल है। शह और मात के इस खेल में आखिर में जीत किसकी होती है। ये फिल्म का सस्पेंस है।
बैकग्राउंड म्यूजिक कमजोर
दरअसल इस तरह की फिल्में न जाने कितनी आ चुकी हैं लिहाजा फिल्म फ्रैश होने के बाद भी आकर्षित नहीं कर पाती। इस बार फिल्म के सभी किरदार निगेटिव हैं इसे उसकी यूएसपी भी कही जा सकती है। बेशक शुरूआत में दर्शक फिल्म से जुड़ने की कोशिश करता है लेकिन उसे फिल्म से जुड़ने की वजह अंत तक नहीं मिल पाती। किरदारों के बीच दौलत कब्जाने के लिये जो खेल चलता रहता है उसका आभास एक हद तक पहले ही हो जाता है। मॉरिशस की लोकेशनें अच्छी हैं तथा संगीत के तहत एक दो गाने बढ़िया फिल्मायें गये हैं। लेकिन ऐसी फिल्मों की जान बैकग्राउंड म्यूजिक कमजोर लगा।
जरीन खान अपने गदराये शरीर के तहत ग्लैमरस और सेक्सी लगती है। उसके और अभिनव शुक्ला के ढेर सारे किसिंग सीन्स है लेकिन उनका दर्शकों पर असर नहीं हो पाता। अभिनव अच्छी पर्सनेलिटी का ऐक्टर है उसने काम भी अच्छा किया है।
टीवी एक्टर गौतम रोड़े की ये डेब्यू फिल्म है, इसी प्रकार अभिनव शुक्ला, क्रिकेटर श्रीसंत तथा मोहित मदान की भी ये पहली फिल्म है। मोहित जहां फिल्म का सरप्राइज पैकेज है वहीं श्रीसंत भी अपने किरदार के मुताबिक ठीक ठाक रहे। लिलियट एक अनुभवी अदाकर है लिहाजा वे अपने रोल में अंत तक स्वाभाविक लगी।