Advertisment

नये अंदाज का रोमांच 'अंधाधुन'

author-image
By Shyam Sharma
New Update
नये अंदाज का रोमांच 'अंधाधुन'

फ्रैंच शॉर्ट फिल्म ‘लैकोकरां’  से प्रेरित डायरेक्टर श्रीराम राघवन की थ्रिलर सस्पेंस फिल्म ‘अंधाधुन’ एक ऐसी नये अंदाज की फिल्म है जिससे शुरुआत में दर्शक जुड़ जाता है।

Advertisment

आयुष्मान खुराना एक अंधा पियानो वादक है। जो इत्तेफाकन एक नहीं बल्कि दो दो मर्डर का गवाह बनता है लेकिन कैसे ? ये तो फिल्म देखने के बाद ही पता चलेगा। उसके बाद तब्बू, राधिका आप्टे और जाकिर हुसैन के किरदार उसके इर्द गिर्द घूमते रहते हैं। अंत में क्या आयुष्मान हत्यारे को पकड़वा पाता है। इसके लिये फिल्म देखना जरूरी है।

श्रीराम राघवन थ्रिलर फिल्मों के माहिर निर्देशकों में से एक हैं। 'अंधाधुन' जैसी अलग अंदाज की फिल्म बनाकर उन्होंने जता दिया है कि फिलहाल रोमांचक फिल्में बनाने में उनका सानी नहीं। फिल्म शिद्दत से बताती है कि जरूरी नहीं कि जो दिखता है वही सच हो। कथा पटकथा और संवाद पूरे समय दर्शक को बांधे रखते हैं तथा कहानी के ट्वीस्ट हर पल दर्शक को रोमांचित करते रहते हैं। बीच-बीच में लंबे सीन फिल्म को थोड़ा धीमा जरूर करते हैं लेकिन फिल्म पर इसका जरा असर नहीं पड़ता। फिल्म का कलाइमेक्स बेहद चौंकानेवाला है।

पिछले दिनों रितिक रोशन की फिल्म काबिल आयी थी जिसमें रितिक ने अंधे की भूमिका निभाई थी लेकिन यहां आयुष्मान रितिक से कहीं आगे है। उसने एक अंधे की भूमिका में विभिन्न रंग भरे हैं। ग्रेशेड रोल में तब्बू अपने आपमें कमाल की अभिनेत्री साबित हुई है। राधिक आप्टे के लिये ज्यादा मौके नहीं थे। लालची डॉक्टर की भूमिका में जाकिर हुसैन ने बेहतरीन अदाकरी पेश की हैं। मानव विज अपनी भूमिका में अच्छे लगते हैं। लेकिन छाया कदम तथा अष्विन कलेसकर का काम बेहतरीन रहा तथा अनिल धवन एक भूत पूर्व हीरो की भूमिका में अच्छे लगे हैं, उनकी फिल्मों के शॉट्स उनकी भूमिका को खास बनाते हुई नई जनरेशन को उनका खास परिचय देते हैं।

दर्शक, नये अंदाज की इस थ्रिलर फिल्म को मिस न करें।

Advertisment
Latest Stories