राम कमल मुखर्जी द्वारा परिकल्पित महान कृति ‘1770’ के निर्देशक होंगे एस एस राजामौली के सहायक रहे अश्विन गंगाराजू By Mayapuri 21 Aug 2022 | एडिट 21 Aug 2022 13:30 IST in रिव्यूज New Update Follow Us शेयर भारत के गौरवशाली 75वें स्वतंत्रता दिवस का जश्न मनाते हुए निर्मातागण शैलेंद्र कुमार, सुजय कुट्टी, कृष्ण कुमार बी और सूरज शर्मा ने बंकिम चंद्र के बंगाली उपन्यास आनंदमठ पर आधारित अपनी बहुचर्चित महान कृति ‘1770’ के निर्माण की घोषणा की. ‘एसएस1 एंटरटेनमेंट’ और ‘पीके एंटरटेनमेंट’ के बैनर तले बनायी जाने वाली इस बहुभाषी फिल्म के निर्देशन की जिम्मेदारी अश्विन गंगाराजू को सौंपी गयी है,जो कि ‘ईगा’ और ‘बाहुबली एक’ व ‘बाहुबली 2’ में एसएस राजामौली के साथ बतौर सहायक निर्देशक काम कर चुके हैं. इसके अलावा 2021 में अश्विन गंगाराजू ने स्वतंत्ररूप से फिल्म ‘‘आकाशवाणी’’ का निर्देशन किया था, जिसे समीक्षकों द्वारा काफी सराहा गया. फिल्म ‘1770’ की चर्चा चलने पर निर्देशक निर्देशक अश्विन गंगाराजू ने कहा-‘‘इस विषय पर फिल्म निर्देशित करना मेरे लिए बहुत बड़ी चुनौती थी, लेकिन महान लेखक वी विजयेंद्र प्रसाद सर ने इसकी कहानी और पटकथा लिखने की जिम्मेदारी उठाकर मेरी राह आसान कर दी.’’ अश्विन ने आगे कहा- ‘‘निर्देशक के तौर पर मैं उन कहानियों की ओर अधिक आकर्षित होता हूं जिनमें समय-समय पर सेटअप, बड़ी भावनाएं, जीवन से बड़े कार्यों की गुंजाइश आदि होती है. यह कुछ ऐसा है, जो मेरे लिए पूरी तरह से फिट बैठता है. शुरू में मेरे मन में कुछ संदेह जरुर पनपा था, मगर राम कमल मुखर्जी से बातचीत करने और उनके दृष्टिकोण को समझने के बाद मेरा आत्मविश्वास बढ़ गया. उसके बाद मैं मुंबई आकर फिल्म के निर्माताओं शैलेंद्र जी, सुजय कुट्टी सर, कृष्ण कुमार सर और सूरज शर्मा से मिला. हमने फिल्म पर लंबी चर्चा की और उनसे समझा कि वह इस फिल्म को किस तरह से आगे ले जाना चाहते हैं. उनकी गर्मजोशी और एक टीम के रूप में काम करने के रवैये को देख मैने इस फिल्म के निर्देशन की जिम्मेदारी स्वीकार की.’’ गीत ‘वंदे मातरम’, बंकिम चंद्र के उपन्यास ‘आनंदमठ’ का हिस्सा है, जिसने ब्रिटिश साम्राज्य की जड़ों को लगभग हिला दिया था. और इस फिल्म के निर्देशक अश्विन गंगाराजू जब हम ‘‘आजादी का अमृत महोत्सव’ मना रहे हैं, तब ‘वंदे मातरम’ गीत के लिखे जाने को 150 वर्ष पूरे हुए हैं. इसकी पटकथा लिख रहे भारत के सर्वाधिक सुलतम कथाकार वी विजयेंद्र प्रसाद कहते हैं-‘‘मुझे लगता है कि वंदे मातरम एक जादुई शब्द था. यह एक मंत्र था,जिसे महर्षि बंकिम चंद्र ने एक राष्ट्र के लिए अत्याचार और अन्याय के खिलाफ एकजुट होने के लिए दिया था. इसी बात को हम फिल्म 1770’ में रेखंाकित कर रहे है. इसमें उन अज्ञात योद्धाओं की कहानी है,जिन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन की आग को प्रज्वलित किया.‘‘ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसित लेखक और फिल्म निर्माता राम कमल मुखर्जी इस महान रचना के निर्माता होने के नाते कहते हैं, ‘‘मैं अपनी दृष्टि में विश्वास रखने के लिए अपने निर्माताओं का आभारी हूं. मुझे एक फिल्म निर्देशक के रूप में अश्विन की जीवंतता तुरंत पसंद आई. वह अपने विचारों के साथ तैयार होकर आए. , जिसने कथा को नेत्रहीन रूप से बढ़ाया. मुझे उनकी फिल्म ‘आकाशवाणी’ पसंद आई और एक कहानीकार के रूप में उनके कौशल की मैं सराहना करता हॅूं. लेकिन ‘1770’ का सबसे महत्वपूर्ण पहलू विजयेंद्र प्रसाद सर द्वारा लिखे गए जादुई शब्दों में निहित है, जो अपने अद्वितीय विचारों के लिए जाने जाते हैं. उनकी कहानी का तरीका भाषाई सीमाओं से परे, दर्शकों के साथ जुड़ता है. मैं वास्तव में इस तरह की एक भावुक टीम के लिए धन्य हूं.‘‘ ‘एसएस1 एंटरटेनमेंट’ के शैलेंद्र कुमार को लगता है कि जीवन से बड़ा सिनेमा बनाने का यह सही समय है. उन्होंने इस सपने को साकार करने के लिए पीके एंटरटेनमेंट के सूरज शर्मा और जी स्टूडियो के पूर्व प्रमुख सुजय कुट्टी और निर्माता कृष्ण कुमार बी के साथ सहयोग किया. शैलेंद्र कुमार कहते हैं- ‘‘झांसी का एक गायक होने के नाते हम अपने स्कूलों और कॉलेजों में वंदे मातरम गाते हुए बड़े हुए हैं. लेकिन जब राम कमल मुखर्जी दा ने ‘आनंदमठ’ की कहानी का उल्लेख किया और विजयेंद्र सर ने अपना संस्करण दिया, तो मैं पूरी तरह से झुक गया. मैं सुजॉय का आभारी हूं. कुट्टी और कृष्ण कुमार बी को इस असंभव कार्य को संभव बनाने के लिए. यह एक फिल्म नहीं है, यह बड़े पर्दे के लिए एक बेहतरीन मनोरंजक सिनेमा बनाने का सपना है.’’ पीके एंटरटेनमेंट के सूरज शर्मा कहते हैं, ‘‘टीम में सबसे छोटा होने के नाते, मैं इस ड्रीम प्रोजेक्ट का हिस्सा बनकर खुश हूं. मैं भाग्यशाली हूं कि मुझे ऐसे विशेषज्ञों और दिग्गजों से बहुत कुछ सीखने को मिला जिन्होंने इस तरह की ब्लॉकबस्टर बनाई.‘‘ ‘मणिकर्णिका-द क्वीन ऑफ झांसी’ जैसी ऐतिहासिक फिल्मों के साथ जुड़े रहे सुजाॅय कुट्टी कहते हैं-‘‘ विजेंद्र प्रसाद सर के साथ मेरा समीकरण काम से परे है. वह एक प्रेरणा हैं. मुझे यकीन था कि अगर मैं कभी ‘1770’ बनाऊंगा, तो इसे सर को ही लिखना होगा, वरना मैं यह फिल्म नहीं कर रहा हूं.‘‘ जबकि दूसरे निर्माता कृष्ण कुमार बी ने कहा-‘‘ सुजाॅय सर की बात एकदम सही है.‘आनंदमठ’ जैसी विशाल फिल्म के लिए एक अत्यंत सक्षम कंधे की आवश्यकता होती है. हम वंदे मातरम गाते हुए बड़े हुए हैं, और अब हम इस मंत्र के जन्म को देखेंगे. मैंने बारीकी से काम किया है अश्विन और उनके सहयोगियों के साथ, और जब राम गुरु (कमल) ने मुझे कहानी सुनाई, तो मेरे दिमाग में अश्विन था.‘‘ बहुभाषी फिल्म ‘‘1770’’को हिंदी के अलावा तेलुगु, तमिल, मलयालम, कन्नड़ और बंगाली में बनाया जा रहा है. कलाकारों के चयन की प्रक्रिया जारी है. जबकि निर्देशक अश्विन अपनी टीम के साथ शोध कार्य करने में व्यस्त है. #bollywood latest news in hindi #bollywood news in hindi #news in hindi #bollywood latest news in hindi mayapuri #latest news in hindi #latest 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