रेटिंग***
फिल्मों में अक्सर कारपोरेट या स्टॉक एक्सचेंज जैसी विधाओं का जिक्र होता रहा है लेकिन इन दोनों विधाओं पर विस्तृत रूप से कोई फिल्म नहीं बनी। निर्देशक गौरव चावला न अपनी फिल्म‘ बाजार’ में शेयर मार्केट के दॉव पेच, उतार चढाव बहुत ही प्रभावशाली ढंग से दर्शाया है।
कहानी के अनुसार शकुन कोठारी (सैफ अली खान) एक बिजनिस टायकून है जिसके लिये अपने बिजनिस के आगे दुनिया खत्म है, वो इसके लिये किसी की भी बलि चढ़ा सकता है। इलाहबाद के रिजवान अहमद (रोहन मेहरा) का आदर्श शकुन कोठारी है, वो मुंबई आकर उस तक पहुंचने की कोशिश करता है और एक दिन अपनी कोशिश में कामयाब होकर दिखाता है। लेकिन शकुन रिजवान को भी इस्तेमाल करने से नहीं चूकता ।इसके बाद रिजवान शकुन का क्या हस्त्र करता है।
निर्देशक गौरव चावला ने फिल्म में शेयर मार्केट के दॉव पेंच और उतार चढाव बहुत सरल प्रभावशाली तरीके से दिखाये हैं। यही नहीं फिल्म में थ्रिल यानि रोमांच बेहतरीन ढंग से दर्शाया है। क्लाईमेंक्स का सस्पेंस बढ़िया है। चुस्त पटकथा अच्छे सवांद और बढ़िया बैकग्रांउड म्यूजिक दर्शक को अंत तक जकड़े रहता है। बस कमी है तो मनोरजंन की।
अभिनय के तहत शीर्ष भूमिका में सैफ अली खान बिजनिसमैन शकुन कोठारी के रूपमें कमाल अभिनय कर गये हैं। एक कुटिल व्यापारी की ग्रे शेड भूमिका में सैफ के अभिनय के कइ्र्र रंग देखने को मिलते हैं। स्व. विनोद मेहरा के बेटे रोहन मेहरा ने अपनी पहली फिल्म में पूरे आत्म विश्वास से काम किया है। लगता नहीं कि वो पहली बार अभिनय कर रहा है। राधिका आप्टे लगता है सिर्फ ग्लैमर के लिये रखी गई है, इसी प्रकार चित्रांगधा को भी कम स्पेस मिला है ।