मकसद बताने में असमर्थ 'ब्लू जींस ब्लूज' By Mayapuri Desk 24 Aug 2018 | एडिट 24 Aug 2018 22:00 IST in रिव्यूज New Update Follow Us शेयर रेटिंग * लेखक निर्देशक डा. नितिन महाजन की फिल्म ‘ब्लू जींस ब्लूज’ उन युवाओं की कहानी है जो अपनी प्रेमिका के विछोह में डिप्रेशन का शिकार हो अपनी जिन्दगी का मकसद भूल जाते हैं। फिल्म की कहानी राज ठाकुर एक शांत और पुराने रहन सहन वाला मेधावी छात्र है। उसके कॉलेज की एक लड़की राधिका देशमुख स्टडी में उसकी मदद लेती हैं। इस बीच राज को उससे प्यार हो जाता है, लेकिन राधिका पूरी तरह मॉडर्न है लिहाजा वो पुराने ख्यालों वाले रख रखाव वाले राज को छोड़ देती है। इसके बाद राज पूरी तरह डिप्रेशन में चला जाता है। पूरी तरह दुनिया से कट चुके राज की मदद उसकी दोस्त श्वेता बिष्ट और उसकी मां करती हैं उनके कहने पर वो अपने मामा के फार्महाउस चला जाता है। वहां उसे एक अलग माहौल मिलता है। धीरे धीरे राज डिप्रेशन से बाहर आने लगता है लिहाजा एक दिन वा अपने आपको पूरी तरह बदलने के लिये तय करता है कि वो साइकल पर अपनी दोस्त श्वेता से मिलने मगंलूर जायेगा। इसके बाद राज पूना से करीब आठ सो किमी, की दूरी साइकल से तय करता है। इस सफर में उसे ढेर सारे लोगों से मिलने का मौंका मिलता है, इस तरह वो अपने आपको पूरी तरह डिप्रेशन से बाहर निकलने में कामयाब हो जाता है। फिल्म की सबसे बडी कमी ये है कि निर्देशक जो कहना चाहता हैं वो ढंग से कह नहीं पाता। दूसरे फिल्म में एक भी ऐसा सीन नहीं जो दर्शक का जरा भी मनोरजंन कर सके। लिहाजा दर्शक फिल्म शुरू होने के दस मिनट बाद ही पहलू बदलने लगता है। इसकी वजह रही कमजोर पटकथा और उतना ही कमजोर कलाकारों का अभिनय। इसलिये फिल्म जो कहना चाहती है वो कहने में पूरी तरह असमर्थ साबित होती हैं। इस प्रकार की बेमकसद फिल्म दर्शक भला क्यों देखेगें। #movie review #blue jean blues हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Advertisment Latest Stories Read the Next Article