वो कहते हैं न कि किसी बड़े, सबसे अलग और सबसे अनोखे काम की शुरुआत किसी न किसी को तो करनी होती है और वही शुरुआत अयान मुखर्जी ने कर दी है अपनी फिल्म ब्रह्मास्त्र बना कर. किसी ने सोचा भी नही होगा की इंडिया में एक ऐसी फिल्म बन सकती है. कहानी है शिव की एक ऐसा नौजवान जिसे अपनी शक्तियों का अंदाज़ा नही है लेकिन फिर वो मिलता है ईशा से जिसके बाद उसकी पूरी जिंदगी बदल जाती है. शिव और ईशा के बीच का रोमांस आपको अच्छा महसूस कराएगा मगर फिर कहीं- कहीं ऐसा भी महसूस होगा की फिल्म में लव एंगल बहुत ज़्यादा है.
फिल्म की कास्ट ने बहुत बेहतरीन काम किया है. फिल्म में रणबीर कपूर की एंट्री और इंट्रोडक्शन एनर्जी से भरा हुआ है. अगर बात करें आलिया के रोल की तो उन्होंने ईशा का किरदार अच्छे से निभाया है लेकिन कहीं ऐसा भी लगा की उनके किरदार में कुछ और भी होना चाहिए था. नागार्जुन का किरदार तो एकदम जबरदस्त है, फिल्म के दौरान उन्हें आप स्क्रीन पर और ज़्यादा देखना चाहेंगे. वही अगर बात करें अमिताभ बच्चन की तो उनके किरदार जैसा कोई किरदार नही! एक ऐसा किरदार जिसे सारे राज़ पता हैं. 79 साल की उम्र में भी वो ऐसा किरदार निभा कर नए रिकॉर्ड्स तोड़ रहें हैं. फिल्म में मौनी रॉय भी किसी से कम नही हैं, नेगेटिव किरदार में मौनी की स्क्रीन प्रेसेंस काफी स्ट्रॉंग है. शाहरुख खान के कैमियो की बात करें तो शायद वो थोड़ा और बेहतर हो सकता था.
फिल्म का वी एफ़ एक्स फिल्म की हाईलाइट है. ब्रह्मास्त्र की टीम ने इस पर सबसे ज़्यादा मेहनत की है. साथ ही साथ फिल्म की एंडिंग में ऐसा महसूस हुआ की आगे के आने वाले बाकी 2 पार्ट को बहुत सोच समझ कर प्लान किया गया है. फिल्म का क्लाइमेक्स ऐसा है जो आप सोच भी नही सकते. ये फिल्म आपको एक बार पूरे परिवार के साथ जा कर ज़रूर देखनी चाहिए और एक बात तो ज़रूर याद रखिए की प्रेम से बड़ा और कोई अस्त्र नही!