साधारण फिल्म 'राजा अबरोडिया' By Shyam Sharma 16 Mar 2018 | एडिट 16 Mar 2018 23:00 IST in रिव्यूज New Update Follow Us शेयर विदेश और वहां की गोरी मैम का आकर्षण खास कर पंजाब में हमेशा से ही रहा है। एनआरआई लेखक, प्रोड्यूसर व डायरेक्टर लखविन्दर शाबला की फिल्म ‘राजा अबरोडिया’ कुछ इसी तरह की कहानी पर आधारित फिल्म है। फिल्म की कहानी पंजाब के एक गांव के सरपंच योगराज सिंह का इकलौता बेटा राजा यानि रोबिन सोनी ऐसा अलमस्त जीव हैं जो अपने अमीर बाप की दौलत पर ऐश कर रहा है। गांव में एक दिन एक शराबी का लड़का अबरोड से आता है, उसके साथ उसकी विदेशी बीवी भी थी। लिहाजा उसका बाप पूरे गांव को ललकारते हुये कहता है कि एक दिन तुम लोगों ने कहा था कि शराबी का बेटा शराबी ही बनेगा लेकिन आज मेरे बेटे ने वो कहावत गलत साबित कर दिखाई। लिहाजा वो पूरे गांव में इकलौता ऐसा नौजवान है जिसे अबरोडिया कहलवाने का हक है। ये बात राजा को लग जाती है लिहाजा वो भी अबरोड जा गौरी मैम से शादी करके अपने आपको राजा अबरोडिया बनने का संकल्प ले म्यूनिख आ जाता है। उसके साथ है पंजाब की एक पढ़ी लिखी लड़की प्रीति यानि वैष्णवी पटवर्धन। ये दोनों नकली शादी कर म्यूनिख आते हैं। दरअसल प्रीति का बाप व्यापार में भारी नुकसान उठाने के बाद भारी कर्जे का शिकार हो शराब पीने लगा था। वो अक्सर प्रीति पर टोंट कसते हुये कहता था कि अगर आज उसका भी लड़की की जगह लड़का होता तो वो शराबी न बना होता। इस बात को गलत साबित करने के लिये प्रीति विदेश जाकर कमाई कर अपने परिवार को उबारना चाहती है। म्यूनिख में लगभग अनपढ राजा गोरी मैमों के पीछे भागता रहता है। प्रीति धीरे धीरे उसे प्यार करने लगती है लेकिन उसे उसके प्यार की कदर नहीं। एक दिन ऐसा कुछ हो जाता है जो राजा को बिलकुल बदल देता है। अब वो अपनी कमाई से अपने मां बाप को बताना चाहता है कि अब वो उनकी कमाई पर जीने वाला नकारा बेटा नहीं बल्कि अबरॉड में कमाने वाला राजा अबरॉडिया है। एक दिन जब वो वापस अपने गांव आता है तो उसके साथ उसकी पत्नि भी होती हैं लेकिन वो कोई विदेशी मैम नहीं बल्कि शुद्ध देशी लड़की प्रीति है। फिल्म की कहानी कहीं न कहीं निर्देशक की अपनी कहानी है। जिसे उसने खुद ही लिखा और खुद ही निर्देशित किया जो उसकी भारी गलती रही, क्योंकि अगर वो अच्छा निर्देशक और बढ़िया कलाकार फिल्म में कास्ट करता तो फिल्म के सफल होने के पूरे पूरे चांस थे। इसलिये फिल्म में वो सब खामियां नजर आई जो किसी कमजोर निर्देशन और कमजोर अदाकारों के चलते होती है। फिल्म में लीड रोल में रोबिन सिंह और वैष्णवी पटवर्धन हैं लेकिन अभिनय में वे अभी कोरे साबित हुये हैं अभी उन्हें काफी कुछ सीखना है। साहयक कलाकारों में पिता योगराज सिंह तथा मां की भूमिका में वैण्णवी मैकडॉनाल्ड अच्छा काम कर गये। राजा के दोस्त की भूमिका में अभिषेक सिंह पठानिया तथा अंलक्रिता बोरा आदि ने भी अच्छा काम किया। अंत में कमजोर निर्देशक और साधारण अभिनय वाली इस फिल्म का कोई भविष्य नहीं। ➡ मायापुरी की लेटेस्ट ख़बरों को इंग्लिश में पढ़ने के लिए www.bollyy.com पर क्लिक करें. ➡ अगर आप विडियो देखना ज्यादा पसंद करते हैं तो आप हमारे यूट्यूब चैनल Mayapuri Cut पर जा सकते हैं. ➡ आप हमसे जुड़ने के लिए हमारे पेज width='500' height='283' style='border:none;overflow:hidden' scrolling='no' frameborder='0' allowfullscreen='true' allow='autoplay; clipboard-write; encrypted-media; picture-in-picture; web-share' allowFullScreen='true'> '>Facebook, Twitter और Instagram परa जा सकते हैं.embed/captioned' allowtransparency='true' allowfullscreen='true' frameborder='0' height='879' width='400' data-instgrm-payload-id='instagram-media-payload-3' scrolling='no'> #movie review #Raja Abroadiya हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Advertisment Latest Stories Read the Next Article