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मूवी रिव्यू: 'फैमली ऑफ ठाकुरगंज' कहानी में नयापन नहीं

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By Mayapuri Desk
मूवी रिव्यू: 'फैमली ऑफ ठाकुरगंज' कहानी में नयापन नहीं
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रेटिंग : 2 स्टार

कहानी :

इस फिल्म की कहानी की बात करें तो यह यूपी के ठाकुरगंज के एक परिवार पर आधारित है जिसका पूरे ठाकुरगंज में दबदबा होता है। ठाकुरगंज के सभी गलत काम काम नन्नू भइया ही करते हैं लेकिन उनका छोटा भाई नंदीश संधू (मन्नू) टीचर है और सच्चाई के रास्ते पर चलता है। नन्नू भइया के गुरु हैं सौरभ शुक्ला(बाबा साहिब)। अपने भाई की बातें सुनकर एक दिन नन्नू भइया (जिम्मी शेरगिल) भी सच्चाई के रास्ते पर चलना शुरू कर देते हैं। लेकिन अपराध जगत के लोगों को नन्नू भइया की सच्चाई देखी नहीं जाती। ऐसे में सभी नन्नू भइया के दुश्मन बन जाते हैं। यहां तक कि खुद सौरभ शुक्ला भी। अब नन्नू भइया उन तमाम दुश्मनों से लड़ने में कामयाब हो पाते हैं या नहीं जानने के लिए आपको फिल्म देखनी होगी।

अभिनय :

जिम्मी शेरगिल इस फिल्म में खुद को दोहराया ही है। साहेब वाली स्टाइल उनसे यहां भी चिपकी ही रही। उनकी भूमिका में और बोल चाल हाव भाव में ज़्यादा अंतर नहीं है। फिल्म में उनकी पत्नी शरबती के किरदार में दिखाई दे रही हैं माही गिल जिनके पास यहां भी ज़्यादा कुछ करने को नहीं है। माही गिल कभी कभी बंदूक उठाकर जता देती हैं कि इस फिल्म का हिस्सा वो भी हैं और उनमें भी दमखम है। नंदिश संधू टीचर हैं या कुछ और… यह समझना मुश्किल नज़र अया। सौरभ शुक्ला को हम अजय देवगन की रेड फिल्म में इसी किरदार में देख चुके हैं इसलिए कुछ नयापन नहीं दिखा।

डायरेक्शन

जैसी उम्मीद की जा रही थी, निर्देशक मनोज झा वैसा काम नहीं दिखा पाए। इनके बारे में ज्यादा लिखने के लिए कुछ है ही नहीं। कहानी के अभाव में ये फिल्म बोर ही करती है।

क्यों देखें :

फिल्म के कुछ दृश्य अच्छे बन पड़े हैं जो हास्य भी पैदा करते हैं। कहानी पुरानी है जिसमें थोड़ा सा नयापन लाया जा सकता था। स्क्रीन पर धड़ाधड़ आ रहे किरदार को पहचान पाने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा।

#movie review #Jimmy Shergill #Mahie Gill #Saurabh Shukla #Family Of Thakurganj
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