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तापसी पन्नू और विजय राज स्टारर फिल्म ‘शाबाश मिट्ठू’ भारत की कप्तान मिताली राज के जीवन के ऊपर आधारित है, जिनके जीवन को परदे पर दर्शाया गया हैं. कैसे उनकी ज़िंदगी में उतार-चढ़ाव आते हैं, और कैसे वो इसको पार करके खुद को एक पहचान दिलाती है, और विमेंस टीम को कैसे इतना ऊपर लेकर आती हैं. यदि आप क्रिकेट के दीवाने हैं तो आप इस मूवी को जाकर देख सकते हैं. हमने इससे पहले भी बहुत सी क्रिकेट पर आधारित और किसी क्रिकेटर के जीवन के ऊपर बनी फिल्मे देख चुके हैं. जैसे MS धोनी, 83 ,अज़हरुद्दीन लेकिन हमें पहली बार किसी महिला क्रिकेटर के जीवन पर बनी फिल्म देखने को मिलेगी.
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स्टोरी: फिल्म की कहानी की बात करें तो इसकी शुरुआत होती है मिताली के बचपन से जहां वो भरतनाट्यम डांस सीखती हैं, और वहीं उनकी मुलाकात नूरी से होती है जिसको क्रिकेट खेलना बहुत पसंद होता है. नूरी जो बिलकुल लड़को की तरह रहना पसंद करती है ,लड़ाई-झगड़े में आगे रहती है वही दूसरी तरफ मिताली बिलकुल शांत रहती है.बाद में नूरी मिताली को क्रिकेट खेलना सिखाती है और उसकी प्रैक्टिस कराती है,दो बच्चियों को क्रिकेट खेलता देख आपको बहुत अच्छा लगेगा. और यही एंट्री होती है कोच सम्पत राय (विजय राज) की जो आगे चल कर मिथाली और नूरी को कोचिंग देते है और यहीं से शुरुआत होती है मिताली के करियर की. फिर उनको आयरलैंड और इंग्लैंड के टूर के लिए सेलेक्शन होता है और आगे चलकर वोइंडिया टीम की कप्तान बनती हैं. कप्तानी मिलने के बाद उनके ऊपर एक दबाव होता है महिला टीम को एक बड़ी ऊंचाई तक पहुंचाने का जिसके लिए वो काफी लड़ती हैं और फिल्म में यही दिखाया गया है. फिल्म के सेकंड हाफ में सिर्फ मिताली के संघर्ष को दिखाया गया है ,उनको बोर्ड से लड़ते हुए दिखाया है और उनके जीवन में और क्या-क्या होता है उसके बारे में दिखाया गया है. जिसके लिए आपको फिल्म देखनी होगी . फिल्म के क्लाइमेक्स में आपको ढेर सारा क्रिकेट देखने को मिलेगा जिसमे आपको वर्ल्ड कप 2017 की बहुत सी झलकियां देखने को मिलेंगी. इंडिया ने इस वर्ल्ड कप में बहुत अच्छा प्रदर्शन किया था ,और महिला क्रिकेट ने अपनी एक अलग पहचान बनाई थी. फिल्म में क्रिकेट और इमोशन का फुल कॉम्बिनेशन देखने को मिलेगा.
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डायरेक्शन: फिल्म की डायरेक्शन की बात करें तो श्रीजीत मुखर्जी ने इसका निर्देशन बहुत अच्छे से किया है. श्रीजीत मुखर्जी ने इसे पहले बहुत सी बंगाली फिल्म बनाई हैं जो कि बहुत हिट रही हैं. यहां तक कि बहुत सी फिल्मों को नेशनल अवार्ड भी मिला है जैसे कि ‘जातीश्वर’, ‘चतुष्कोणे’. ‘राजकहिनी’ और ‘एक जे छिलो राजा’. फिल्म का स्क्रीनप्ले ,स्क्रिप्ट,रिसर्च वर्क और प्लाट सभी पर अच्छे से ध्यान दिया गया है. हालांकि फिल्म में क्रिकेट वाले सीन थोड़ा नकली लगते हैं. इसपर काम किया जा सकता था बाकि सारी चीज़ें अच्छी हैं.
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एक्टिंग: एक्टिंग की बात करे तो तापसी पन्नू ने बहुत अच्छी एक्टिंग की है उन्होंने अपना बेस्ट देने की पूरी कोशिश की है और फिल्म में आपको देखने को भी मिलेगा. विजय राज ने भी बहुत अच्छी एक्टिंग की है और जितना भी उनका रोल है फिल्म में बहुत ख़ूबसूरती से निभाया है,फिल्म के सहकलाकारों ने भी अपनी भूमिका को अच्छे से समझा है और परदे पर प्रदर्शित किया है.
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कन्क्लूजन: यदि हम श्रीजीत मुखर्जी की इस फिल्म को एक शब्द में एक्सप्लेन करें तो वो शब्द होगा ‘ENTERTAINING’. फिल्म में आपको इमोशन देखने को मिलेगा, संघर्ष देखने को मिलेगा और महिला क्रिकेट को कैसे पहचान मिलती है, ये भी देखने को मिलेगा. तापसी का पॉवरपैक्ड परफॉरमेंस भी है और विजय राज का तड़का भी. श्रीजीत मुखर्जी ने अच्छे तरीके से इसको ऑडियंस के लिए परोसा है, बस कुछ सलाद और पापड़ की कमी रह गई है जैसे कि VFX और क्रिकेट के सीन जो थोड़ा नकली लगते हैं. मैं इस फिल्म को 3.5 स्टार दूंगा और आपलोग इस फिल्म को जाकर देख सकते हैं थिएटर में.
शशांक विक्रम
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