पीरियड लेकिन एन्टरटेनर फिल्म 'गोल्ड' By Mayapuri Desk 15 Aug 2018 | एडिट 15 Aug 2018 22:00 IST in रिव्यूज New Update Follow Us शेयर पिछले दिनों हॉकी पर आधारित फिल्म ‘ सूरमा’ आई थी जो हॉकी कैप्टन संदीप सिंह की लाइफ पर आधारित थी, लेकिन रीमा कागती द्धारा निर्देशित फिल्म ‘ गोल्ड’ एक ऐसी पीरियड फिल्म है जिसमें बताया गया है कि हॉकी में इंडिया 1936 और 1948 के बीच हॉकी का शहंशाह रहा। फिल्म की कहानी कहानी 1936 से शुरू होती है जब इंडियन हॉकी टीम ब्रिटिश इंडिया हॉकी टीम कहलाती थी यानि वो ब्रिटिश के आधीन थी। उस दौर में उसने ओलंपिक में लगातार तीन बार गोल्ड जीता था। उस टीम का जूनियर मैनेजर तपन दास (अक्षय कुमार) नामक बंगाली, उस वक्त इंडियन हाकी टीम को आजाद इंडिया टीम के तौर पर देखने का सपना देखता है, जब ओलंपिक में इंडिया गोल्ड के साथ अपना झंडा फहरायेगा। इस बीच सैकेंड वर्ल्डवार हो जाता है। लिहाजा कुछ अरसे के लिये सब थम जाता है। एक बार फिर तपन दास वही सपना देखना शुरू कर देता है क्योंकि इंडिया जल्द ही आजाद होने वाला है। इसके लिये वो अपने दम पर एक नई टीम तैयार करता है जिसका मकसद ओलंपिक में अंगेजों के घर में जाकर उसे हराकर गोल्ड जीतने में कामयाब हो उनके मैदान पर तिरंगा फहराने का है। और अतं में वो अपने सपने को सच करके दिखाता है। रीमा कागती ने एक पीरियड कहानी को मनोरजंक तरीके से दिखाने में सफलता हासिल की है। दूसरे फिल्म दर्शक को एक ऐसे इतिहास से परिचित करवाती है, जिसके बारे में उसे पहले पता नही है । फिल्म में उस दौर का माहौल, वेशभूषा तथा अन्य बातों पर मेहनत दिखाई देती हैं। बैकग्राउंड म्युजिक और फोटोगा्रफी दर्षक को उसी माहौल में ले जाते हैं। फिल्म में जितने भी हॉकी मैच दिखाये गये हैं वे थ्रिल पैदा करते हैं। फिल्म में दिखाया गया है कि किस प्रकार जब इंडियन टीम को जीतते देख वहां पाकिस्तानी हॉकी टीम के खिलाड़ी और यहां तक अंग्रेज भी चीयर करने से पीछे नहीं हटते। वो काफी इमोशन भर पल होता है। बेशक दर्शक पहले से सब कुछ जानता है लेकिन फिर भी वो हर सीन का जमकर मजा लेता है। फिल्म में गाने हैं जिन की जरूरत नहीं थी। अक्षय कुमार बंगाली किरदार में कुछ खामियों के रहते हास्य और इमोशन दृश्यों में दर्शक को बांधे रखते हैं। हालांकि वे बांगाली सिर्फ पहनावे से लगते हैं अदरवाईज यहां उनकी बॉडी लेंग्वेंज उनका साथ नहीं देती। यहां तक बंगाली होते हुये वे पंजाबी गाने पर पंजाबी डांस करते हैं। मोनी रॉय चूंकि बंगाली हैं लिहाजा वे अक्षय की पत्नि के सीमित रोल को बखूबी निभा ले जाती हैं। उनके अलावा कुणाल कपूर, विनीत कुमार, अमित साद तथा सनी कौशल आदि कलाकारों ने भी बढ़िया काम किया है। पीरियड फिल्मों के प्रशंसकों को गोल्ड बेहद पंसद आने वाली है। #akshay kumar #bollywood #movie review #Gold #Gold Review हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Advertisment Latest Stories Read the Next Article