कहानी क्या है?
एक मां थी जो अपने बच्चों से बहुत प्यार करती थी, अपने बच्चों से बात करने के लिए उन्हें ढेरों मैसेज और कॉल करती थी लेकिन बच्चे न कॉल उठाते और ना ही मैसेज का जवाब देते, फिर एक दिन मां चली गई! उस टूटे हुए परिवार में उस मां के जाने के बाद क्या - क्या हुआ बस गुडबाय उसी की कहानी है. अमिताभ बच्चन, रश्मिका मंदाना, सुनील ग्रोवर और नीना गुप्ता की फिल्म गुडबाय आपको रुलाएगी लेकिन साथ में हंसाएगी भी. मां के जाने के बाद परिवार की बेटी अपनी मॉडर्न सोच के कारण रीति रीवाज़ों पर सवाल उठाती है. वहीं परिवार का बड़ा बेटा मां के क्रियाकर्म के लिए अपने बाल तक कटाने को तैयार नहीं है. सीधे तौर पर ये फिल्म रीति रीवाज़ों और विज्ञान के बीच की लड़ाई दर्शाती है और इस लड़ाई में जीतेगा कौन ये तो आपको विकास बहल की ये फिल्म देखने के बाद ही पता चलेगा!
एक्टिंग कैसी रही?
फिल्म में बॉलीवुड में डेब्यू करने वाली रश्मिका मंदाना और अमिताभ बच्चन की एक्टिंग बहुत कमाल की है. एक साउथ इंडियन होने के बावजूद फिल्म में रश्मिका ने बहुत अच्छी और साफ़ हिंदी बोली है. वहीं महानायक अमिताभ बच्चन ने भी इमोशनल सीन्स के दौरान ऐसा लाजवाब अभिनय किया है कि आप सोच भी नही सकते. बात करें नीना गुप्ता की तो वो स्क्रीन पर जितनी बार थोड़ी - थोड़ी देर के लिए आई सबको बहुत प्यारी और पॉजिटिव लगीं. सुनील ग्रोवर और पावेल गुलाटी भी इस फिल्म में सपोर्टिंग रोल में नज़र आए जहां दोनों ने ही बेहतरीन काम किया है.
क्या आपको 'गुडबाय' देखनी चाहिए?
ये फिल्म आपको इन दो फिल्मों की याद ज़रूर दिलाएगी- पहली 'बागबान' और दूसरी 'रामप्रसाद की तेरहवीं'. ये एक ऐसी फिल्म है जो आप अपने पूरे परिवार के साथ देख सकते हैं. आपको एक बार ये फिल्म देखने ज़रूर जाना चाहिए और जब आप ये फिल्म देखने जाएं तो अपने साथ टिशू पेपर का बॉक्स ले जाना बिलकुल मत भूलिएगा!