कितनी ही बार साबित हो चुका है कि अगर करैक्ट स्क्रिप्ट,बढिया डायरेक्शन तथा दमदार कलाकार हां तो फिल्म की सफलता को कोई नहीं रोक सकता। लेखक निर्देशक मुद्दसर अली इससे पहले हैप्पी भाग जायेगी जैसी हिट कॉमेडी फिल्म दे चुके हैं। अब उसी का दूसरा भाग ‘ हैप्पी फिर भाग जायेगी’में उन्होंने कुछ अन्य कलाकारों को एड कर हंसीं का डोज दुगना कर दिया है।
फिल्म की कहानी
चीन के एयरपोर्ट पर एक साथ दो हैप्पीयां सोनाक्षी सिन्हा और डायना पेंटी उतरती हैं। इनमें एक हैप्पी अपने गायक हसबैंड अली जफर यानि गुडडू के साथ उसके एक शो के लिये शंघाई आती हैं। दूसरी हैप्पी सोनाक्षी शंघाई यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर के तौर ज्वाईन करने आई है। लेकिन एयरपोर्ट पर कुछ किडनेपर डायना की जगह सोनाक्षी को किडनेप कर लेते हैं। इसके पीछे भी एक कहानी ये है कि हैप्पी पहली फिल्म में पाकिस्तान भाग गई थी। इस फिल्म में किसी ऑपरेशन के तहत चीन में उसके अपहरण का प्लान होता है, लेकिन किडनेप सोनाक्षी हो जाती है। उसके अलावा उसी मिशन के तहत पटियाला से दमन बग्गा यानि जिमी शेरगिल और पाकिस्तान पुलिस आफिसर उस्मान अफरीदी यानि पीयूश मिश्रा को भी किडनेप कर शंघाई लाया जाता है। इस बीच सोनाक्षी अपहरणकर्ताओं के चुंगल से भाग जाती है। इसके बाद कहानी किरदारों के साथ कहां कहां मूव करती है, इसके लिये दर्शकों को सिनेमा हाल का रूख करना पड़ेगा।
इस बार फिल्म में दो दो हैप्पीयां भाग रही हैं लेकिन इस बार उन्हें ढूढने से ज्यादा बचाने की जद्दोजहद है। बेशक पूरी फिल्म चाइना बेस्ड है, लेकिन किरदार अपने संवादों के द्धारा दर्शक को हर पल पटियाला, पाकिस्तान, दिल्ली, कश्मीर और अमृतसर से जोड़े रखते हैं। लेखक और निर्देशक मुद्दसर अपने बेहतरीन संवादों से भारत, पाकिस्तान और चीन के बीच तनातनी पर लगातार व्यंग्य करते हुये दर्शकों को ठहाके मारने पर मजबूर करते रहते हैं। उनकी लेखनी का कमाल कॉमेडी के रूप में साफ दिखाई देता है । बेषक कुछ संवाद चीन, पाकिस्तान और भारत के संबन्धों को लेकर व्यंग्य करते हैं बावजूद इसके वे कहीं भी ओवर नहीं लगते। निर्देशक ने पहली हैप्पी.... से कहीं ज्यादा इस फिल्म में हंसाया है। हालांकि म्यूजिक पक्ष औसत रहा, लेकिन वो कहानी में गुंथा हुआ है।
पूरी फिल्म सोनाक्षी के इर्द गिर्द घूमती है। सोनाक्षी ने बहुत षानदार काम किया है। उसने जिस तरह हंसाया है उसी तरह कितनी ही जगह रूलाया भी है। इस बार बेहद सेक्सी लगती सोनाक्षी ने अपनी पंजाबी षैली के संवादों से अमृतसर की हरप्रीत कौर को जींवत कर दिया है। दूसरी हैप्पी डायना पेंटी और उसके हसबैंड अली जफर को जितना भी स्पेस मिला उन दोनों ने बढ़िया अभिनय किया। जिमी शेरगिल और पियुश मिश्रा की आपसी नौक झौंक पूरी फिल्म में गुदगुदाती रहती है। जस्सी गिल अपनी पहली हिन्दी फिल्म से ही ध्यान आकर्शित करते हैं। इनके अलावा आपारशक्ति खुराना तथा कुछ चीनी कलाकारों का काम भी प्रशसनीय रहा।
सिचवेशनल कामॅडी, ठहाके मारने वाले डायलॅाग्ज और सोनाक्षी, जिमी शेरगिल तथा पीयूश मिश्रा की शानदार अदाकारी देखने के लिये फिल्म देखना बढ़िया अनुभव होगा।