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मूवी रिव्यू: ऊंची दुकान और फीका पकवान है ‘हाउस फुल 4’

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By Mayapuri Desk
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मूवी रिव्यू: ऊंची दुकान और फीका पकवान है ‘हाउस फुल 4’

रेटिंग**

अक्षय कुमार स्टारर फिल्म ‘हाउस फुल 4’ में अक्षय कुमार के अलावा कई और नाम सितारे नजर आ रहे हैं। दीवाली के मौके पर रिलीज की गई ये एक कॉमेडी फिल्म है जिसे लेकर दर्शकों के बीच खासा बज बना हुआ था। ऐसे में अगर आप भी इस फेस्टिव सीजन में ये फिल्म देखने का मन बना रहे हैं तो पहले इसका रिव्यू पढ़ लें

कहानी

फिल्म की कहानी पुनर्जन्म और आज पर आधारित है । फिल्म के फर्स्ट हाफ में सन् 1419 की कहानी दिखाई गई है और दूसरे हाफ में वर्तमान । 1419 की कहानी पर आये तो माधवगढ़ के राजकुमार बाला (अक्षय कुमार) को उनके पिता ने राज्य से बेदखल कर दिया है। बाला बेहद मतलबी राजकुमार है, वो सितमगढ़ जाकर वहां की बड़ी राजकुमारी मधु (कृति सेनन) से शादी कर पूरा राज्य हथियाना चाहता है ताकि वो बाद में अपने पिता पर हमला कर उनसे बदला ले सके। जब राजकुमार बाला सितमगढ़ जाता है तो उस वक्त सितमगढ़ के महाराज (रणजीत) के जन्मदिन के उपलक्ष्य में 5 दिन का जश्न चल रहा होता है। सितमगढ़ पहुंचकर बाला, राजकुमारी मधु को अपने प्यार के जाल में फंसाने की कोशिश करता है। इसी दौरान बाला की मुलाकात बांगड़ू महाराज (रितेश देशमुख) से होती है जो कि एक नृतकी है। बांगड़ू महाराज के साथ मिलकर मधु को पाने का रास्ता खोजते हैं बाला जिसके बाद एंट्री होती है राजकुमारियों के अंगरक्षक धर्मपुत्र (बॉबी देओल) की। राजकुमारी को मधु को फंसाने के लिए बाला धर्मपुत्र को भी अपने साथ मिला लेता है और बाद में अपनी चालबाजियों से राजकुमारी मधु को भी फंसा लेता है। इसी बीच धर्मपुत्र और बांगड़ू महाराज भी दोनों राजकुमारियों से प्यार करने लगते हैं। सभी शादी करना चाहते हैं लेकिन शादी से पहले सभी मारे जाते हैं। इस साजिश के पीछे कारण है सेनापति सूर्यभान (शरद केलकर) जो राज्य हथियाने के अलावा मधु से शादी करना चाहता है लिहाजा वो राज्य के खिलाफ पड़ोसी राज्य के राजा गामा (राणा दग्गुबाती) को भड़का देता है । गामा राज्य पर हमला कर देता है अवसर का लाभ उठाते हुये सूर्यभान गामा, तीनों राजकुमारी, अक्षय,रितेश और बॉबी देयोल को मंडप गिरा कर मार डालता है । 2019 में पुर्नजन्म में अक्षय विदेश में एक हेयर ड्रेसर हैं उसके साथी हैं रितेश और बॉबी देयोल(पुर्नजन्म) अक्षय को भूलने की बीमारी है । एक बार वो डॉन मनोज पाहवा के पांच मिलियन डालर मशीन में धो डालता है। अब डॉन को उसकी रकम देने के लिये ये तीनों एक धनाड्य शख्स रणजीत की (पुर्नजन्म) तीनों बेटियों कृति सेनन, कृति खरबंदा तथा पूजा हेगड़े (पुर्नजन्म)को फंसाते है। इस वजह से उन्हें एक बार फिर सितमगढ़ जाना पड़ता हैं वहां राजकुमार बाला का सेवक चंकी पांडे उसे पुर्नजन्म की बातें कर उसका पिछला जन्म याद दिलवाता है तो उसे पता चलता है। कि बार तीनों अपनी अपनी भाभीयों से शादी करने वाले हैं लिहाजा वो पहले तो रितेश और बॉबी को पिछला जन्म याद दिलवाता हैं इसके बाद तीनों अपनी प्रेमिकाओं को उनका पिछला जन्म याद दिलवाते हैं। लेकिन शादी से पहले एक बार फिर पुर्नजन्म के एक एक किरदार सामने आने शुरू हो जाते हैं । आगे क्या होता हैं इसके लिये फिल्म देखना जरूरी है ।

अवलोकन

फिल्म की सबसे कमजोर कड़ी स्टोरीलाइन है। ऐसा लगता है कि हाउसफुल की स्क्रिप्ट में कॉमेडी सिर्फ किरदारों का कन्फयूजन दिखाने में जाया की है, फिल्म की कहानी दर्शकों को बेहद कनफ्यूज करती है। इसके अलावा फिल्म के किरादारों में पिछली तीन फिल्मों के मुकाबले बहुत कुछ नया देखने को नहीं मिलता है। फिल्म के डायलॉग्स और इसमें डाले गये कॉमेडी पंच बहुत खास नहीं हैं। बेशक पूरी फिल्म में कुछ ही ऐसे सीन हैं जहां हंसी आती है। फर्स्ट हाफ के एक्शन को देखते हुये दर्शक भूल ही जाते हैं कि वे कॉमेडी फिल्म देखने आये हैं। जबरदस्ती का एक्शन डालकर फिल्म के मेन प्वॉइन्ट कॉमेडी से ही फिल्म को भटका दिया गया है। फिल्म के भव्य सेट्स काफी लुभावने हैं। क्लाईमैक्स में हंसाने की ठीक-ठाक कोशिश की गई है। अगर डायरेक्शन की बात करें तो फरहाद सामजी ने ठीक ठाक काम किया है। कैमरा एंगल्स भी अच्छे हैं। फिल्म का सबसे मजबूत पहलू म्यूजिक है। फिल्म का बैकग्राउंड म्यूजिक खुद ही आधी कहानी कह दे देता है। बाला, एक चुम्मा, द भूत सॉन्ग और छम्मो सभी फुल ऑन एंटरटेन करते हैं।

अभिनय

अभिनय की बात करें तो अक्षय-रितेश-बॉबी ने अपने-अपने रोल के साथ न्याय किया है। वहीं कृति सेनन,कृति खरबंदा और पूजा हेगड़े की एक्टिंग भी ठीक ठीक काम कर गई। मेहमान नवाजुद्दीन सिद्दीकी के हिस्से में एक कॉमेडी गानाआया जिसे उन्होंने कुषलता से निभाया। राणा दग्गुबती भी फुल ऑन कैरेक्टर में रहे, खासकर खूंखार विलेन के रोल में राणा परफेक्ट लगे। सहयोगी किरदारों में जॉनी लीवर, जेनी,मनोज पाहवा, शरद केलकर, रणजीत,परिक्षित साहनी आदि कलाकार भी सराहनीय रहे।

क्यों देखें

इसमें कोई दो राय नहीं कि फिल्म के बारे बेबाकी से कहा जा सकता है कि ऊंची दुकान फीके पकवान। हां फर्स्ट बैंचर्स को फिल्म पंसद आयेगी।

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