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मूवी रिव्यू: जबरदस्त एक्शन दिखाती है, लेकिन रंग नहीं जमाती ‘जंगली’

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By Shyam Sharma
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मूवी रिव्यू: जबरदस्त एक्शन दिखाती है, लेकिन रंग नहीं जमाती ‘जंगली’

रेटिंग 2 स्टार

जानवर मासूम होते हैं अगर आप उनसे अच्छा व्यवहार करते हैं तो वह भी आपसे प्यार करते हैं। मगर अपने फायदे के लिए जानवरों को मारना ठीक नहीं होता है। जानवरों की त्वचा या उनके शरीर के कुछ अंगों की आज भी तस्करी होती है। विद्युत जामवाल की फिल्म जंगली भी आपको जंगल में ले जाती है। जहां हाथी के दांत की तस्करी के लिए उन्हें मार दिया जाता है। फिल्म को हॉलीवुड के डायरेक्टर चक रसेल ने डायरेक्ट किया है। चक द मास्क, इरेजर और द स्कोर्पियन किंग के लिए जाने जाते हैं। फिल्म में विद्युत के साथ पूजा सावंत, आशा भट, अतुल कुलकर्णी और अक्षय ओबेरॉय अहम भूमिका निभाते नजर आ रहे हैं। फिल्म में जानवर और इंसान की दोस्ती के साथ ही हाथी के दांत की तस्करी के मुद्दे पर लोगों का ध्यान खींचा गया है।

कहानी

यह कहानी राज नायर (विद्युत जामवाल) की है जो एक जानवरों का डॉक्टर है। राज को जानवरों से बहुत प्यार होता है। उसका बचपन जानवरों के साथ खासकर हाथियों के साथ गुजरा होता है। राज मुंबई में डॉक्टर होता है और 10 साल बाद अपने घर चंद्रिका अपनी मां की बर्सी के लिए जाता है। राज के पिता चंद्रलिका में ही हाथियों की सेंचुरी संभालते होते हैं। जहां जाकर उसे पता चलता है कि जंगल में हाथी के दांत की तस्करी की वजह से हाथियों को मारा जा रहा है। इसी बीच राज के दोस्त भोला जो की एक हाथी है उसे मार दिया जाता है। जिसके बाद राज हाथी के दांत की तस्करी रोकने और हाथियों को बचाने में लग जाता है। जिस बीच आपको विद्युत का शानदार एक्शन देखने को मिलता है।

अभिनय

परफार्मेंस की बात करें तो इस बार विद्युत अपनी एक्टिंग से खास कमाल नहीं दिखा पाए। उनका एक्शन शानदार है। कमांडो और कमांडो 2 के बाद अब जंगली में भी वो खतरनाक स्टंट करते नजर आ रहे हैं। उन्होंने पूरी फिल्म में कई बार मार्शल आर्ट का प्रयोग किया। कह सकते हैं विद्युत ने अपने धमाकेदार एक्शन सीन्स से दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया वहीं शिकारी के रुप में अतुल कुलकर्णी हर बार की तरह इस बार भी अपने किरदार में ढले हुए नजर आए। पूजा सावंत की एक्टिंग अच्छी थी। वह अपने किरदार को बखूबी निभाती नजर आईं। वहीं पूजा भट्ट एक जर्नलिस्ट का किरदार निभा रही थीं। वह पूरी फिल्म में बस हर चीज रिकॉर्ड ही करती नजर आई हैं।

डायरेक्शन

फिल्म का डायरेक्शन अच्छा है। खास बात ये है कि फिल्म में चक रसेल ने एनिमेशन की जगह असली जानवरों को लिया गया है। परदे पर हरियाली देखकर आपका मन खुश हो जाएगा। मगर कहानी में कमियां खलती हैं क्योंकि आप खुद को कहानी से जोड़ नहीं पाते हैं। हालांकि चक रसेल ने जंगली के माध्यम एक गंभीर मुद्दा तो जरूर उठाया है। जंगली में तस्करी जैसे गंभीर मुद्दे को तो उठाया गया, लेकिन इसके समाधान पर फिल्म प्रकाश नहीं डालती। थाईलैंड के जंगलों में शूट की गई इस फिल्म में कहानी कम और एक्शन सीन्स ज्यादा देखे जा सकते हैं। ये फिल्म हमें जंगल के खूबसूरत नजारे जरूर दिखाती है, लेकिन कमजोर कहानी के कारण वो रंग नहीं जमता है।

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