Advertisment

मूवी रिव्यू: सैफ अली खान की कप्तानी में 'लाल कप्तान'

author-image
By Mayapuri Desk
मूवी रिव्यू: सैफ अली खान की कप्तानी में 'लाल कप्तान'
New Update

रेटिंग**

मौत अटल है। अगर जन्म है तो मौत भी है। कहा जाता है कि आदमी के जन्म लेने के बाद ही यमराज का भैंसा उसकी तरफ चलने लगता है जब तक वो उसके पास नहीं पहुंचता तभी तक उसकी जिन्दगी है। नवनीत सिंह निर्देषित फिल्म‘ लाल कप्तान’ का सार इन्हीं षब्दों में छिपा है। फिल्म की कहानी 1700 ईश्वी के दौर की है।

कहानी

1764 में बक्सर युद्ध के पच्चीस साल बाद और 1800 वी सदी के अंत की फिल्म की कहानी है जब अंग्रेज ताजा ताजा भारत में आकर अपनी जड़े जमाने की काषिष में लगे हुये थे। उस दौरान मराठे, नवाब और रूहेलखंडी आपस में लड़ मर रहे थे। उन्हीं में एक वॉरियर नागा साधू गुसांई (सैफ अली खान) एक ऐसे कू्रर शासक रहमत खान (मानव विज) से बदला लेने के लिये साये की तरह उसके पीछे लगा हुआ है लेकिन दो बार मौंका मिलने पर भी वो उसे मारता नहीं। पार्श्व में बताया गया है कि किस प्रकार रहमत खान राज्य हथियाने के लिये अपने पिता और अपने छोटे भाई को फांसी पर लटका देता है। कहानी बताती है कि वो बच्चा सैफ है लेकिन उसे तो फांसी पर लटका दिया गया था। अंत में पता चलता है कि किसी युक्ती से बच्चे को फांसी नहीं हो पाती।  फिल्म में कुछ किरदार और भी हैं जैसे एक जासूस दीपक डोरियाल है जो गंध से शिकार को पकड़ता है,  एक और कन्फयूजन भरा किरदार जोया हुसॅन का है तथा रहमत खान की बेगम बनी हैं सिमोन सिंह। खैर सैफ बाद में वो अपने पिता का बदला लेने के लिये अपने भाई रहमत खान को घेर कर वहीं लेकर आता है जंहा उसके पिता और उसे फांसी पर लटकाया गया था और उसे उसी प्रकार फांसी पर लटका कर बदला लेता है।

अवलोकन

निर्देशक ने कहने को ऐतिहासिक फिल्म बनाने की कोशिश की है लेकिन वे पुराने जमाने के यौद्धाओं को रेगिस्तान और बियाबान मैदानों मे मार काट मचाते हुये चींटी की चाल से बढ़ते हैं। लिहाजा फिल्म में दिखाई देते हैं बुंदेलखंड के धूल भरे मैदान तथा चट्टाने। दर्शक फिल्म में हो रही भारी मारकाट का जब तक मतलब जान पाता है, तब तक दर्शक पूरी तरह से से चिढ़ चुका होता है। ढाई घंटे से भी ज्यादा लंबी फिल्म को आधे घंटे से ज्यादा कम किया जा सकता था। फिल्म का म्यूजिक भी कहानी में गुंथा हुआ है।

अभिनय

कुछ अरसे से सैफ अली खान अपनी भूमिकाओं में एक्पैरिमेन्ट कर रहे हैं उसी श्रेणी में इस फिल्म की वॉरियर नागा साधू की भूमिका है जिसे उन्होंने  पूरी षिद्दत से निभाया है। जोया हुसैन ने अपनी भूमिका के साथ न्याय किया है । एक कू्रर शासक के रूप में मानव विज जमते हैं। उसकी बेगम के रोल में सिमाने सिंह अच्छी लगी है।

क्यों देखें

सैफ अली खान के प्रशंसक उन्हें एक अलग भूमिका में देखने के लिये फिल्म देख सकते हैं।

मूवी रिव्यू: सैफ अली खान की कप्तानी में  मायापुरी की लेटेस्ट ख़बरों को इंग्लिश में पढ़ने के लिए www.bollyy.com पर क्लिक करें.
मूवी रिव्यू: सैफ अली खान की कप्तानी में  अगर आप विडियो देखना ज्यादा पसंद करते हैं तो आप हमारे यूट्यूब चैनल Mayapuri Cut पर जा सकते हैं.
मूवी रिव्यू: सैफ अली खान की कप्तानी में  आप हमसे जुड़ने के लिए हमारे पेज  width='500' height='283' style='border:none;overflow:hidden' scrolling='no' frameborder='0' allowfullscreen='true' allow='autoplay; clipboard-write; encrypted-media; picture-in-picture; web-share' allowFullScreen='true'>

'>Facebook, Twitter और Instagram पर जा सकते हैं.
embed/captioned' allowtransparency='true' allowfullscreen='true' frameborder='0' height='879' width='400' data-instgrm-payload-id='instagram-media-payload-3' scrolling='no'>

#Saif Ali Khan #movie review #Laal Kaptaan
Here are a few more articles:
Read the Next Article
Subscribe