डार्क फिल्मों को लेकर कितनी ही बेहतरीन फिल्में आ चुकी हैं। अब उन्हीं में शामिल होने जा रही हैं निर्देशक तबरेज नूरानी की फिल्म ‘ लव सोनिया’। जो देह व्यापार की घिघौनी दुनियां में ले जाती हैं। जंहा दो बहनों के सदके ह्यूमन ट्रेफिकिंग की बदसूरत दुनियां के क्रूर और संवेदनहीन लोगों से मिलने का मौंका मिलता है।
फिल्म की कहानी
कर्ज के नीचे दबे किसान शिवा यानि आदिल हुसैन को साहुकार दादा ठाकुर यानि अनुपम खेर के साथ ह्यूमन ट्रेफिकिंग के तहत अपनी बेटी प्रीति का सौदा करना पड़ता है। जब ये बात सोनिया को पता चलती है तो वो अपनी बहन प्रीति को बचाने के लिये देह व्यापार की घिघौनी दुनियां में प्रवेश कर जाती हैं और खुद भी उस जाल में फंस कर रह जाती है। कोठे का मालिक फैजल यानि मनोज बाजपेयी लड़कियों को डराये रखने के लिये तमाम हथकंडे अपनाता रहता है। वहां सोनिया को माधुरी यानि रिचा चड्डा और रश्मि यानि फ्रिडा पिंटो मिलती हैं। जिनकी कहानी भी उससे मिलती जुलती है। हालांकि इस बीच प्रीति को एक सोशल वर्कर मनीष यानि राजकुमार राव मिलता है, जो उसे उस दलदल से बाहर निकालने की पेशकष करता है लेकिन प्रीति उसका ऑफर ठुकरा देती है, क्योंकि वहां रह कर उसे अपनी बहन तक पहुंचना है और एक दिन वो अपनी बहन तक पहुंच भी जाती है, लेकिन क्या वो अपने आपको और अपनी बहन को उस दलदल से निकाल पाती है ।
देह व्यापार को लेकर अभी तक कितनी ही उत्कृष्ट फिल्में आ चुकी हैं जैसे मंडी, बाजार,मौसम, लक्ष्मी तथा बेगम जान आदि। मौजूदा फिल्म को भी उन फिल्मों से कमतर नही आंका जा सकता, क्योंकि इसके पीछे निर्देशक की गहन रिसर्च है। यही नहीं निर्देशक ने इंसानियत के डार्क साइड्स को भी बेहतरीन तरीके से दिखाते हुये बताने की कोशिश की है कि अपने मतलब और स्वार्थ के लिये इंसान किस हद तक गिर सकता है। फिल्म में विदेशी ह्यूमन ट्रेफिकिंग की भी झलक है।
लीड रोल में मृणाल ठाकुर ने पहली फिल्म होने के बावजूद कमाल की अभिव्यक्ति दी है। रिचा के रोल में जितनी कठोरता है उतनी ही कोमलता भी है तथा फ्रिडा भी असरदार रही। मनोज बाजपेयी एक अलग से रोल में हमेशा की तरह अपना असर छोड़ जाते हैं। इनके अलावा राजकुमार राव, सई ताम्हणकर, अनुपम खेर तथा आदिल हुसैन आदि कलाकारों का उल्लेखनीय अभिनय रहा।