नये दौर का अनकन्वेंशनल लव 'मनमर्जियां' By Shyam Sharma 14 Sep 2018 | एडिट 14 Sep 2018 22:00 IST in रिव्यूज New Update Follow Us शेयर प्यार और रिलेशनशिप अक्सर कठिन होते हैं। इस तरह की चीजें अक्सर फिल्मों में देखी जाती रही हैं। लेकिन आंनद एल राय निर्मित व अनुराग कश्यप निर्देशित फिल्म ‘मनमर्जियां’ में इस तरह की रिलेशनशिप को बहुत मैच्यौरिटी के साथ दिखाया गया है। बेशक फिल्म एक बड़ी फिल्म से प्रेरित है लेकिन ये प्रेम प्यार के सारे पड़ाव पार कर जाती ऐसी फिल्म है जिसमें प्यार के लिये जुनून तो है लेकिन परिपक्वता नहीं है। फिल्म की कहानी अमृतसर की बेबाक बिंदास लड़की रूमी यानि तापसी पन्नू और विकी यानि विकी कौशल एक दूसरे को जीतोड़ प्यार करते हैं। इन दोनों का प्यार सारी हदें पार कर चुका हैं। लिहाजा रूमी अपने घरवालों के दबाव पर विकी को अपने पेरेंटस के साथ घर आने के लिये कहती है लेकिन विकी रूमी से प्यार तो करता है लेकिन वो अभी इतना जिम्मेदार नहीं कि शादी जैसी जिम्मेदारी का निर्वाह कर सके लिहाजा वो रूमी को गच्चा देता रहता है। उसी दौरान लंदन से आया रॉबी यानि अभिषेक बच्चन रूमी की फोटो देखता है और उससे शादी करने की ठान लेता है। एक वक्त विकी से बेजार हो रूमी रॉबी से शादी करने की हां कर देती हैं लेकिन एन शादी के वक्त विकी अपने प्यार का वास्ता दे रूमी को भाग चलने के लिये राजी कर लेता है लेकिन एक बार फिर वो समय पर पलट जाता है, लिहाजा इस बार रूमी रॉबी से शादी कर लेती है। लेकिन क्या रूमी शादी के बाद विकी को भूल पाती है या.....? ये सारे सवाल फिल्म देखते हुये मिलने वाले हैं। आज के युवावर्ग को आइना दिखाती ये एक ऐसी फिल्म है जिसकी हकीकत को नजर अंदाज नहीं किया जा सकता। हम कह सकते हैं कि विषय को देखते हुये आंनद राय एक दो कदम आगे बढ़े हैं वहीं अनुराग कश्यप एक बार फिर अपने बागी तेवर दिखाते हुये दिखाई दे रहे हैं लेकिन इस बार उनमें थोड़ा बहुत बदलाव जरूर दिखाई दे रहा है। विगत कुछ सालों के दौरान कुछ फिल्में ऐसी आई हैं जिनमें भारतीय संस्कारों को नजरअंदाज कर ऐसा कुछ दिखाने की कोशिश की है जो फिलहाल गले से नहीं उतर पाती। शादी से पहले लड़का लडक़ी के संबन्ध किसी हद तक पहुंच चुके हों लेकिन किसी और के साथ शादी के बाद लड़की का पहले पूर्व प्रेमी के साथ हमबिस्तर होना नागवार गुजरता है। फिल्म में ये सारी सीमायें बेबाकी से लांघते हुये दिखाये गये दृश्य थोड़ा अखरते हैं हांलाकि हकीकत होते हुये भी फिलहाल आधुनिक समाज में भी ऐसे संबन्धों के लिये जगह नहीं है, इसीलिये रूमी का शादी होने के बाद विकी के साथ उसका देहिक प्यार बेशक चौंकाता है। यहां अनुराग ने किरदारों की बोल्डनेस को अश्लील नहीं होने दिया, लिहाजा उन्होंने सीक्वेंस और दृश्यों के साथ खूबी से जोड़ा है। कितने ही सीन काफी मनोरंजक बन पडे़ हैं। एक वक्त ऐसा आता है जब आप सोच में पड़ जाते हैं कि रूमी का अगला रूख क्या होगा। क्लाईमेक्स कमाल का है जो देर तक याद रहने वाला है। म्यूजिक की बात की जाये तो ग्रे वाला शेड, हल्ला तथा डराया आदि गीत अच्छे बने पड़े हैं। अभिनय की बात की जाये तो तापसी पन्नू के रूप में हिन्दी फिल्मों को एक बेबाक और जबरदस्त अभिनेत्री मिली है। उसने अपने बेहद जटिल रोल को बड़ी कुशलता से निभा कर दिखाया है। विकी कौशल इस बार फिर, डीजे बनने का सपना लिये हुये जिन्दगी के लिये गैर जिम्मेदार लेकिन टूटकर प्यार करने वाले आशिक की भूमिका को पूरी शाइस्तगी से निभाकर एहसास करवाया हैं कि वो एक विलक्षण अदाकार है। अभिषेक बच्चन ने अपनी भूमिका की गरीमा को बनाये रखते हुये उसे सहजता से निभाकर दिखाया है। अगर वे भाषा को लेकर थोड़ी मेहनत करते तो और ज्यादा स्वाभाविक लगते। इनका साथ सहयोगी कलाकारों ने भी पूरी ईमानदारी से दिया है। नये दौर की अनकन्वेंशनल रोमांटिक फिल्में देखने वालों को फिल्म जरा भी निराश नहीं करती । #Vicky Kaushal #movie review #Manmarziyaan #Taapsee Pannu #Amitabh Bachchan हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Latest Stories Read the Next Article