रेटिंग 4 स्टार
सलमान खान की फिल्म का उनके फैन्स को बेसब्री से इंतजार था। उनके फैन्स का इंतजार खत्म हो गया और फिल्म भारत अब दर्शकों के सामने है। यह फिल्म एक इमोशनल जर्नी है। जो रुलाने के साथ आपको हंसाने में भी कामयाब होती है। फिल्म की कहानी अच्छी है। हालांकि किसी किसी सीन में रोंगटे खड़े हो जाते हैं तो कहीं फिल्म लंबी नजर आती है। फिल्म से एक सीख दी गई है। किसी भी लड़ाई को बातचीत और प्यार से खत्म किया जा सकता है। फिल्म में अमिताभ बच्चन, शाहरुख खान और सचिन तेंदुलकर का नाम मेंशन किया गया है।
कहानी
भारत, एक आदमी और एक देश की एक साथ जर्नी की कहानी है । कहानी 1947 में लाहौर के पास मीरपुर गाँव से शुरू होती है । भारत (सलमान खान) एक बच्चा है और उसके पिता गौतम कुमार (जैकी श्रॉफ) उस पर प्यार बरसाते हैं । यह विभाजन का समय है और भारत और उनके परिवार को पाकिस्तान छोडऩे के लिए मजबूर किया जाता है। दंगाई रेलवे स्टेशन पर आ जाते हैं और ऐसे में, भारत अपनी बहन गुडिय़ा (बार्बी शर्मा) के साथ ट्रेन के ऊपर चढ़ रहा है, लेकिन अचानक उसकी बहन का हाथ भारत से छूट जाता है और वह स्टेशन पर गिर जाती है । गौतम पहले ही ट्रेन की छत पर चढ़ चुका है लेकिन वह गुडिय़ा को खोजने ट्रेन से नीचे उतर जाता है । लेकिन इससे पहले वह भारत को अपनी घड़ी देता है और उससे वादा करता है कि वह वापस जरूर आएगा । इसी के साथ भारत को उसके परिवार को संभालने की जिम्मेदारी भी देकर जाता है । भारत अपनी मां जानकी (सोनाली कुलकर्णी), भाई और बहन के साथ गौतम की बहन जमुना (आयशा रजा मिश्रा) की दुकान, जो दिल्ली में हिंद राशन स्टोर नाम से है, पर जाता है जो गौतम ने बताई थी। भारत अपनी बुआ के घर पहुंच तो जाता है लेकिन यहां भी गरीबी होती है इसलिए वह अजीबोगरीब काम करना शुरू कर देता है। ऐसा करते-करते भारत जवान (सलमान खान) और उसका बचपन का दोस्त विलायती (सुनील ग्रोवर) जवान हो जाते है। दोनों एक सर्कस में काम करते हैं जहां हॉट सिजलिंग राधा (दिशा पाटनी) काम करती है। इस दौरान भारत और राधा रिलेशनशिप में आ जाते हैं। सर्कस में भारत मौत का कुंआ का स्टंट दिखाता है लेकिन जब उसे पता चलता है कि उसका ये स्टंट लोगों को गलत तरीके से प्रभावित कर रहा है तो वह सर्कस छोड़ देता है। अब वह दूसरे रोजगार के लिए अपनी तलाश शुरू करता है तब उसकी मुलाकात कुमुद रैना (कैटरीना कैफ) से होती है । वह भारत और विलायती और बाकी के लोगों को मिडिल ईस्ट काम के लिए लेकर जाती है तेल के कुंए के काम के लिए । यहां पैसा ठीक-ठाक है लेकिन उतना नहीं जितना चाहिए इसलिए भारत, जमीन के नीचे की खान में काम करने का फैसला करता है । लेकिन कुमुद जो भारत से प्यार करने लगी है, उसे ऐसा करने से रोकती है क्योंकि उसे पता है कि ऐसी खदानों में काम करना जोखिमभरा है । लेकिन भारत नहीं मानता और काम करना शुरू कर देता है लेकिन यहां कुछ ऐसा होता है जो आपकी सांसे रुका सकता है, इसके लिए आपको पूरी फिल्म देखनी होगी ।
अभिनय
भारत के किरदार में सलमान खान को निर्देशक ने अपने इमोशन्स को दिखाने का पूरा मौका दिया है। गंभीरता, कॉमेडी, संवेदनशीलता, एक्शन.. इस फिल्म में सलमान खान ने हर पहलू को छुआ है। हालांकि बुढ़ापे को निभाने में थोड़ी कमी नजर आई। वहीं, कैटरीना कैफ ने भी कुमुद के साथ पूरा न्याय किया है। कुछ सीन में उन्होंने जबरदस्त का हावभाव दिखाया है। दिशा पटानी अपने छोटे से रोल में आकर्षक लगी हैं। जैकी श्राफ, सोनाली कुलकर्णी, बिजेन्द्र काला, सतीश कौशिक, आसिफ शेख अपने किरदारों में सराहनीय हैं। जबकि विलायती के रोल में सुनील ग्रोवर ने बेहतरीन काम किया है। निर्देशक ने उन्हें किरदार को निखारने का पूरा मौका दिया है और सुनील ग्रोवर ने उस मौके का भरपूर फायदा उठाया है। सलमान खान के साथ सुनील के कॉमेडी सीन्स जहां हंसाते हैं, वहीं इमोशनल सीन में भी दोनों जिगरी यार लगे हैं। छोटे से रोल में तबू प्रभावी हैं। नोरा और सुनील की कॉमिक टाइमिंग अच्छी है।
डायरेक्शन
अली अब्बास जफ़ऱ का निर्देशन बेहद शानदार है । उनकी पिछली फिल्मों के विपरीत, यह फिल्म एक जोन की है, लेकिन अली इसे बखूबी संभालते हैं । फिल्म हर 15-20 मिनट में ट्रैक बदल देती है और इस तरह की फिल्म को संभालना कोई आसान काम नहीं है । उदाहरण के लिए, दुखद विभाजन के दृश्य के बाद, फिल्म थोड़ा हास्यपूर्ण हो जाती है और इसके बाद सर्कस सीक्वंस फिल्म को काफी रंगीन बनाता
क्या है खास
कुल मिलाकर भारत, भावनाओं से भरी है जो इसकी यूएसपी है। एक बेहद मनोरंजक फिल्म है। इस फिल्म में सलमान खान का कभी न देखा गया अवतार दर्शकों को मनोरंजित करेगा। सिनेमैटोग्राफी मनोरम है और कुछ दृश्य बहुत अच्छी तरह से कैप्चर किए गए हैं। रजनीश हेडाओ का प्रोडक्शन डिजाइन काफी समृद्ध है। एशले रेबेलो, अलवीरा खान अग्निहोत्री, वीरा कपूर और लवलीन बैंस की वेशभूषा प्रामाणिक है और ग्लैमरस भी है। सलमान खान, इमोशंस और ईद का समय, ये शानदार संयोग फिल्म को खास बनाता है।