रेटिंग 2.5 स्टार
कहानी
आतंकवाद पर बॉलीवुड में कई फिल्में बनी हैं लेकिन फिल्म 'ब्लैंक' का कॉन्सेप्ट काफी अलग और इंट्रेस्टिंग है जिसे देखने में आपको मजा आएगा। यह कहानी एक सुसाइड बॉम्बर की है जिसकी एक एक्सीडेंट के बाद याद्दाश्त चली जाती है। उसके सीने में लाइव बम लगा है, आगे क्या होता है यही इस फिल्म में दिखाया गया है। फिल्म ब्लैंक के फर्स्ट हाफ की शुरुआत धीमी होती है और कहानी धीरे-धीरे आपके सामने रखी जाती है। लेकिन सेकंड हाफ आते ही फिल्म की एक-एक परत खुलने लगती है और कई चौंकाने वाले खुलासे होने लगते हैं।
अभिनय
करण कपाड़िया ने सुसाइड बॉम्बर के रूप में खुद को बेहतरीन ढंग से पेश किया है। एक डेब्यू एक्टर के तौर पर उन्होंने जो काम किया है वो काफी अच्छा है। ब्लैंक में आपको सनी देओल का वो रूप देखने को मिलेगा जो आप पहले देखा करते थे, एटीएस अफसर बने सनी देओल के डायलॉग्स और एक्टिंग देखकर आप ताली बजाने पर मजबूर हो जाएंगे। यह फिल्म सनी देओल के फैन्स के लिए किसी तोहफे से कम नहीं है। जमील खान आतंकवादी ग्रुप के सरगना के रोल में हैं, उनका काम भी अच्छा है। इसके अलावा आपको करणवीर शर्मा और इशिता दत्ता भी फिल्म में दिखाई देंगे, करण को एक्शन करते देखकर काफी अच्छा लगा, साथ ही इशिता का काम भी सराहनीय रहा। फिल्म के डायलॉग्स अच्छे हैं और बैकग्राउंड म्यूजिक पर भी अच्छा काम किया गया है। फिल्म का अंत काफी खूबसूरत है, और सस्पेंस आपको अंत तक बांधकर रखेगा।