रेटिंग **
एक अरसे से बाहूबली के नायक प्रभास की आने वाली फिल्म ‘साहो’ का मीडिया, बॉलीवुड और दर्शकों को बेसब्री से इंतजार था, लेकिन फिल्म ने सभी को पूरी तरह से निराश किया।
कहानी
कहानी की बात की जाये तो बहुत मुश्किल होगी उसे सार से बताने में। फिर भी कोशिश करते हुये करते बता यहा हूं कि अडंरवर्ल्ड की दुनिया के सबसे ताकतवर और सिंडिकेट के मुखिया रॉय(जैकी श्राफ) का मुख्य राइवल चंकी पांडे उनका मर्डर करवा कर खुद अपने आपको गद्दी का वारिस घोषित कर देता है। इस शक्तिपरिक्षण में एक तरफ मंदिरा बेदी और अरूण विजय है, तो दूसरी तरफ चंकी पांडे, महेश मांजरेकर, लाल तथा टीनू आंनद हैं। शहर में एक रहस्यमयी दो हजार की डकैती के तहत आईपीएस अशोक( प्रभास) का इन्ट्रोडक्शन होता है। पुलिस में उसकी साहयिका के तौर पर अमृता (श्रद्धा कपूर) और मुरली शर्मा के साथ प्रभास को डकैती का सुराग लगाने की कोशिश करते हुये पता चलता है कि उस डकैती का सरगना नील नितिन मुकेश है। इसके बाद माफिया की दोनों पार्टीयों को तलाश है एक ऐसे ब्लैक बॉक्स की जिसमें बहुत सारे राज छुपे हैं। फिल्म की कहानी जाने कितने शहरों और देशों मे घूमती हुई अपने आखिरी अंजाम तक पहुंचती है ।
अवलोकन
फिल्म का जितना बड़ा बजट है कहानी उतनी ही कमजोर और कंफ्यूज भरी है लिहाजा पहले भाग में दर्शक उस हौच पौच कहानी को समझने की कोशिश करता रहता है। फिल्म का एक ही प्लस प्वांइट है वो है जबरदस्त एक्शन द्श्य। फिल्म की कहानी न जाने कहां कहां घूमती रहती है जैसे मुंबई, हैदराबाद, रोमानिया तथा ऑस्ट्रेलिया आदि। फिल्म की फोटोग्राफी बेहतरीन है बावजूद इसके शुरू से अंत तक दर्शक फिल्म से नहीं जुड़ पाता। करीब तीन घंटे लंबी इस फिल्म को छोटा किया जा सकता था। म्युजिक की बात की जाये तो साइको सैंया या एन्नी सोणी जैसे गाने ठीक ठाक बन गये हैं लेकिन वे फिल्म में नहीं बल्कि बाहर सुनने में अच्छे लगते है।
अभिनय
सभी को पता है कि प्रभास की प्रसनेलिटी पर्दे पर निखर कर आती है, यहां भी वे डैशिंग दिखते हैं, लेकिन खुद डबिंग करने के चक्कर में उनकी डॉयलॉग्ज डिलिवरी बहुत ही त्रुटिपूर्ण रही। ऐक्शन दृश्यों में वे बेजोड रहे, लेकिन बाहुबली की तरह इस बार वे अपना प्रभाव नहीं छौड् पाते। श्रद्धा कपूर ग्लैमरस लगी है लेकिन उसका किरदार काफी कमजोर साबित होता है। प्रभास और उसके बीच केमेस्ट्री जरा भी नहीं जमती। नगेटिव किरदारों की फिल्म में बाकायदा पूरी फौज है जैसे जैकी श्रॉफ, नील नितिन मुकेश, मंदिरा बेदी अरूण विजय तथा चंकी पांडे, खास कर चंकी पांडे अपनी भूमिका के तहत सरप्राइज देते हैं। मुरली शर्मा डेविड की भूमिका में उल्लेखनीय रहे। इनके अलावा महेश मांजरेकर, टीनू आंनद तथा एवलिन शर्मा को वेस्ट किया गया है।
क्यों देखें
इसमें कोई दो राय नहीं कि साहो पूरी तरह से निराश करती है बावजूद इसके थ्रिलर और एक्शन के शौकीन दर्शकों को फिल्म निराश नहीं करेगी। हां तेलगू तमिल वर्जन में फिल्म के हिट होने के पूरे पूरे चांस है।