रेटिंग***
बतौर प्रोड्यूसर, क्रियेटिव डायरेक्टर , राइटर डायरेक्टर गुरू महागुरू, वो कौन थी, अनसाउंड,जाने होगा क्या तथा फूल और आग जैसी फिल्में बनाने वाले आलोक श्रीवास्तव की बतौर राइटर डायरेक्टर ताजा रिलीज फिल्म का नाम है ‘ एंड कांउटर’ । जो एक एनकांउटर स्पेशलिस्ट पुलिस ऑफिसर की कहानी पर आधारित है।
कहानी
समीर देशमुख यानि प्रशांत नारायण नासिक शहर का काफी फेमस एनकांउटर स्पेशलिस्ट है उसके अलावा दता साल्वी यानि अभिमन्यु सिंह का भी वहां काफी दबदबा है। कहा जा सकता है कि ये दोनों दोस्त पूरे नासिक शहर को चलाते हैं। समीर रेणू सहाय यानि मृणमयी कोलवलकर जो एक नावलिस्ट है के साथ लीव इन में रहता है। वहां एक और बड़ी हस्ती है गुरू जी यानि अनुपम श्याम, जिसके हाथ में साल्वी जैसे पावर फुल शख्स की भी बागडोर है। साल्वी और शहर के बडे़ बिल्डर मखीजा और गुप्ता के चक्कर में साल्वी का साथ देते हुये समीर मखीजा का एनकांउटर कर देता है। इसके बाद रेणू को साल्वी और समीर के बीच गलत कामों की एसोसियेशन का पता चलता है तो वो समीर को गलत कामों से दूर रहने की ताकीद करती है। इसके बाद एक और मर्डर होता है इसके बाद कहानी में कई टर्न और ट्वीस्ट आते हैं। अंत में कुछ ऐसी परिस्थितियां पैदा होती है जो एंड कांउटर साबित होती है।
डायरेक्शन
बेशक आलोक श्रीवास्तव ने अपने कॅरियर की शुरूआत बतौर प्रोड्यूसर की लेकिन डयरेक्शन में दिलचस्पी के तहत व अपनी हर फिल्म में क्रियेटिव डायरेक्टर भी काम करते रहे। बतौर राइटर डायरेक्टर इस फिल्म में वे पूरी तरह सफल साबित हुये है। उनकी डायरेक्शन में सभी कलाकारों ने बेहतरीन काम कर दिखाया। कसी हुई पटकथा तथा संवाद फिल्म की जान है। राहुल जैन का संगीत कहानी को और मजबूत बनाता है । फिल्म की फोटोग्राफी बेहतरीन है।
अभिनय
एक अरसे बाद प्रशांत नारायण की दमदार वापसी हुई है। उसने एनकाउंटर स्पेशलिस्ट की भूमिका को अपने अंदाज में बेहतरीन अभिव्यक्ति दी है। अभिमन्यु सिंह एक दंबग शख्स की भूमिका में असरदार लगे हैं, गुरूजी की भूमिका में अनुपम श्याम प्रभावित करते हैं। नावलिस्ट और प्रशांत की प्रेमिका के तौर मृणमयी अच्छा काम कर गई। साहयक भूमिकाओं में ब्रिजेश हीरजी और एहसान कुरैशी तथा जतिन उपाध्याय बढ़िया रहे।
क्यों देखें
अच्छे निर्देशन और बढ़िया अदाकारी के लिये फिल्म देखी जा सकती है।